पटना: बिहार में गुरुवार को अगले 72 घंटों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया था. इसके बाद से कई जिलों में बारिश हो रही है. नदियों का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है. मानें, बिहार में बाढ़ की संभावना तेजी के साथ बढ़ रही है.
बिहार में कोसी, बागमती गंडक, कमला बलान और गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में कई जिलों में दियारा इलाकों में तेजी के साथ कटान भी देखने को मिल रहा है. कटिहार, बेगूसराय, मुंगेर और भागलपुर में नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.
मुजफ्फरपुर में बागमती उफान पर
मुजफ्फरपुर में बागमती नदी का जल स्तर बढ़ा है. शुक्रवार को बेनीबाद में नदी का पानी 47.39 मीटर पर पहुंच गया, जबकि यहां खतरे का निशान 48.68 मीटर पर है. रेवाघाट में गंडक नदी का जलस्तर 53.17 मीटर पर रहा. यहां खतरे का निशान 54.41 मीटर पर है. नदियां खतरे के निशान से कुछ ही दूरी पर हैं.
कटिहार में महनंदा का जलस्तर
महानंदा नदी का जलस्तर स्तर 30.63 मीटर दर्ज हुआ है. इसके जलस्तर में 20 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है. गंगा नदी का जलस्तर 34.07 मीटर मापा गया. इसमें 22 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई है. बरन्दी नदी का जलस्तर 27.56 मीटर पर पहुंच गया है. पिछले 12 घंटे में 9 सेंटीमीटर पानी बढ़ा है.
कोसी उफनाई
कटिहार में कोसी नदी के जलस्तर 26.76 मीटर के निशान तक पहुंच गया. विभाग ने 10 सेंटीमीटर की वृद्धि का आंकड़ा जारी किया है. दूसरी प्रशासन ने कटिहार के 16 प्रखंड के दियारा इलाकों को अलर्ट मोड पर रखा है.
मुंगेर में गंगा का जलस्तर
मुंगेर में गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. यहां गंगा का जलस्तर 34.23 मीटर तक पहुंच गया है. जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद जिला प्रशासन ने संभावित बाढ़ के मद्देनजर तैयारी तेज कर दी है, जिससे किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके. वहीं, ग्रामीण सहम गए हैं. गंगा पार दियारा इलाके में ग्रामीणों का कहना है गंगा की जलस्तर बढ़ने के कारण निचले इलाके में पानी घुसने के कगार पर है.
दरभंगा का रसियारी तटबंध
जिले के घनश्यामपुर प्रखंड में कमला नदी पर बना रसियारी तटबंध इलाके के लोगों को बाढ़ से बचाता है. पिछले साल की बाढ़ में ये तटबंध 29 जगह से क्षतिग्रस्त हुआ था. इस साल भी मानसून ने दस्तक दे दी है. प्रदेश के कई इलाको में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. हैरानी की बात ये है कि स्थानीय प्रशासन अब जागा है और बारिश की शुरुआत में तटबंध के निर्माण का काम शुरु किया है.
चारों ओर नदी से घिरा है खगड़िया
खगड़िया में एक साथ कई नदियों का संगम है. बूढ़ी गंडक पश्चिमी चंपारण से निकलकर खगड़िया में ही गंगा नदी से मिलती है. कोसी और बागमती का संगम डुमरी-सोनवर्षा घाट के पास होता है. जबकि काली कोसी, कंजरी के पास कोसी से संगम करती है. यहां सभी नदियों के जलस्तर बढ़ते ही बाढ़ का खतरा तेजी से बढ़ रहा है.
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भागलपुर में गंगा का जलस्तर बढ़ा
भागलपुर में भी गंगा का जलस्तर तेजी के साथ बढ़ रहा है.
गंगा, गंडक, कोसी...कई नदियों का जलस्तर बढ़ा
कोसी बराज से शुक्रवार को एक लाख, 62 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. मधुबनी में भी कमला, कोसी समेत सभी प्रमुख नदियों का जलस्तर बढ़ा है. फिलहाल, ये नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रहीं हैं. वहीं, बात करें, दरभंगा की तो यहां प्रमुख नदियां अभी खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं. बिहार के संभावित बाढ़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए तैयारियां तेज कर दी हैं.
संभावित बाढ़ को लेकर अलर्ट मोड पर सरकार
ईटीवी भारत से बात करते हुए आपदा मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने कहा कि संभावित बाढ़ के मद्देनजर बिहार के 20 जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम को भेजा जा चुका है. साथ ही आपदा मुख्यालय में पांच टीमों को रिजर्व में रखा गया है. जरूरत के हिसाब से इन टीमों को भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में भेजा जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार में जितने भी बांध टूटे हुए थे, उनकी भी मरमती पूरी हो चुकी है.
इन जिलों में भेजी गई टीमें
आपदा मंत्री लक्ष्मेश्वर राय के अनुसार कुल 30 एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम को भेजा जा चुका है. सुपौल में एक टीम, मधेपुरा में एक टीम, सहरसा में एक टीम, पूर्णिया में दो टीम, किशनगंज में एक टीम, अररिया में एक टीम, कटिहार में एक टीम, दरभंगा में एक टीम, मधुबनी और मुजफ्फरपुर में दो टीम, वैशाली में एक टीम, सीतामढ़ी में टीम, पूर्वी चंपारण में एक टीम, पश्चिमी चंपारण में टीम, खगड़िया में दो टीम, भागलपुर में एक टीम, गोपालगंज में एक टीम, सारण में एक टीम, सिवान में एक टीम, समस्तीपुर में एक टीम और पटना में एक टीम को अब तक भेजा गया है.