पटना: बिहार में इस बार जून महीने से ही लोग बाढ़ (Flood in Bihar) का सामना कर रहे हैं. उत्तर बिहार में जून के महीने में अधिकांश नदियां उफान पर थीं. इसके कारण एक दर्जन जिले में बाढ़ से लोग परेशान रहे. बाद में गंगा नदी (Ganga River) उफान के कारण कई जिलों के लोग प्रभावित हुए. अभी भी बिहार की अधिकांश नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर हैं. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बिहार के अधिकांश नदियों का जलस्तर (Water Level of Rivers) बढ़ने लगा है. कमला बलान, कोसी, महानंदा कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर है तो वहीं गंडक नदी का जलस्तर कई स्थानों पर बढ़ रहा है.
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महानंदा ने तैयबपुर में 54 साल का रिकॉर्ड तोड़ा: बिहार की कई नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. कमला बलान मधुबनी जिले के जयनगर में 45 सेंटीमीटर खतरे के निशान से ऊपर है. कोसी नदी सुपौल जिले के बसुआ में खतरे के निशान से 104 सेंटीमीटर ऊपर है. महानंदा नदी पूर्णिया जिले के ढेंगरा घाट में खतरे के निशान से 39 सेंटीमीटर ऊपर है. महानंदा नदी किशनगंज जिले के तैयबपुर में 126 सेंटीमीटर ऊपर है. तैयबपुर में महानंदा नदी का जलस्तर 1968 में उच्चतम 67. 22 मीटर मापा गया था. आज उससे भी अधिक 4 सेंटीमीटर ऊपर था.
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डराने लगी नदियां: वहीं परमान नदी अररिया जिले के अररिया में खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर है. पिछले 24 घंटे के दौरान बिहार में 50 मिली मीटर से ऊपर कई स्थानों पर बारिश हुई है. चनपटिया में 94 मिलीमीटर बारिश हुई है. ढेंग ब्रिज में 148 मिलीमीटर, झंझारपुर में 56 मिलीमीटर, झावा में 50 मिलीमीटर, बसुआ में 119 मिलीमीटर, तैयबपुर में 145 मिलीमीटर, बीरपुर में 234 मिलीमीटर और सौलीघाट में 100 मिलीमीटर बारिश हुई है.
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