पटना: गंगा नदी (Ganga River) के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. इसके चलते पटना, भागलपुर, बक्सर, भोजपुर समेत बिहार के कई जिले बाढ़ प्रभावित हैं. पटना के कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां सैकड़ों घर पानी में डूब गए हैं. हजारों लोग बेघर हो गए हैं. राजधानी पटना में गंगा पाथवे पर पानी भरा है. एनआईटी घाट (NIT Ghat) और गांधी घाट (Gandhi Ghat) पर स्थित मंदिर डूब गए हैं. पानी सड़क पर आ गया है.
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पानी भरने के चलते जिला प्रशासन ने गांधी घाट और एनआईटी घाट को पूरी तरह सील कर दिया है. घाट पर लोगों को जाने से रोकने के लिए पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है. इसके साथ ही मजिस्ट्रेट को भी तैनात किया गया है. साफ तौर पर निर्देश दिया गया है कि किसी भी व्यक्ति को घाट पर जाने की अनुमति नहीं है. एनआईटी घाट के रास्ते को सील कर दिया गया है.
"जिला प्रशासन द्वारा निर्देश दिया गया है कि कोई भी व्यक्ति गांधी घाट और एनआईटी घाट पर नहीं जाएगा. गंगा के जलस्तर में बेतहाशा वृद्धि दर्ज की जा रही है. मंदिर परिसर भी पूरी तरह डूब गया है. यहां तक कि सड़क पर भी पानी आ चुका है."- संजय कुमार, प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी, एनआईटी घाट
बता दें कि पटना के गंगा घाटों पर पिछले कई दिनों से जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. जलस्तर में अभी भी वृद्धि के संकेत हैं. केंद्रीय जल आयोग (Central Water Commission) के अनुसार पटना के दीघा घाट में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 114 सेंटीमीटर ऊपर है. इसके जलस्तर में भी 10 सेंटीमीटर वृद्धि होने की संभावना है.
पटना के गांधी घाट में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 158 सेंटीमीटर ऊपर है. इसमें भी 9 सेंटीमीटर वृद्धि होने की संभावना है. पटना जिले के हाथीदह में भी गंगा का जलस्तर 142 सेंटीमीटर ऊपर है. इसके जलस्तर में 11 सेंटीमीटर वृद्धि होने की संभावना है. बक्सर में गंगा नदी का जलस्तर 79 सेंटीमीटर ऊपर है. इसके जलस्तर में 5 सेंटीमीटर की वृद्धि होने का अनुमान है.
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