पटना: राजधानी पटना में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही (Negligence of health department in Patna) का मामला सामने आया है. विभाग की लापरवाही के कारण लाखों रुपये की दवाईयां एक्सपायर हो गए. जिसे बाद में सड़क के किनारे फेंक (Waste of life saving medicines in Patna) दिया गया. ये हाल उस बिहार का है, जहां सही समय पर इलाज न मिल पाने के कारण मरीज दम तोड़ रहे हैं. मरीजों को सही समय पर दवाईयां नहीं मिल रही है. वहीं बिहार का लापरवाह स्वास्थ्य सिस्टम सरकार के द्वारा बेहतर स्वास्थ्य के लिए किए जा रहे प्रयासों की पोल खोल रही है.
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जीवन रक्षक दवाईयां कूड़ें के ढ़ेर पर: पटना में सरकारी अस्पतालों में इस्तेमाल के लिए भेजी गई जीवन रक्षक दवाईयां कूड़े के ढ़ेर पर पड़ी मिली. बताया जा रहा है कि सारी दवाईयां एक्सपायर हो गई थी. जिसे फोरलेन सड़क के किनारे फेंक दिया गया. कूड़े के ढेर पर दवाईयों की इतनी भारी मात्रा देख कर लोग हैरत में है. स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसा स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही के कारण हुआ है.
बिहार में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की खुली पोल: एक तरफ बिहार में डेंगू मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिल पा रही है. लोगों को दवाईयों के लिए लंबी-लंबी कतारों में खड़े रहकर घंटों इंतजार के बाद दवाईयां मिल पाती है. वहीं खुली सड़क पर इतनी भारी मात्रा में जीवन रक्षक दवाईयों की बर्बादी बिहार के लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल रही है. दीदारगंज स्थित फोरलेन के किनारे लगभग एक ट्रक एक्सपायर दवाईयाों को कवाड़ी मजदूर बेचकर अपना गुजारा कर रहे हैं.
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