पटना: केंद्र की सरकार ने चुनावी साल में बिहार के लिए पिटारा खोल दिया है. आम बजट में बिहार को जहां भरपूर सहयोग दिया गया, वहीं रेलवे के क्षेत्र में भी बिहार पर केंद्र सरकार मेहरबानी दिखाई. बिहार के स्टेशनों को विकसित करने के लिए करोड़ों का तोहफा दिया गया है. बिहार में 3,164 करोड़ रुपये की लागत से 98 अमृत स्टेशन विकसित होंगे.
प्रस्तावित अमृत स्टेशन की सूची: केंद्र की सरकार ने बिहार में 98 अमृत स्टेशन विकसित करने का फैसला लिया है. जिन स्टेशनों को विकसित किया जाना है, उसमें अनुग्रह नारायण रोड, आरा, बख्तियारपुर, बांका, बनमनखी, बापूधाम मोतिहारी, बरहिया, बरौनी, बाढ़, बारसोई जंक्शन, बेगुसराय, बेतिया, भभुआ रोड, भागलपुर, भगवानपुर, बिहार शरीफ, बिहिया, बिक्रमगंज, बक्सर, चौसा, छपरा, दलसिंह सराय, दरभंगा, दौरम मधेपुरा, डेहरी ऑन सोन, ढोली, दिघवारा, डुमरांव, दुर्गौती, फतुहा, गया, घोड़ासहन, गुरारू, हाजीपुर जंक्शन शामिल हैं.
वर्ष 2025-26 के बजट में बिहार में रेलवे को अपग्रेड और विस्तारित करने के लिए आवंटित किए गए 10,066 करोड़ रुपये: माननीय रेल मंत्री श्री @AshwiniVaishnaw #Rail_infra_boost#Budget2025 #ViksitBharatBudget2025#UnionBudget2025 pic.twitter.com/pkpQ8EJxXq
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) February 3, 2025
इसके अलावे जमालपुर, जमुई, जनकपुर रोड, जयनगर, जहानाबाद, झंझारपुर, कहलगांव, करहगोला रोड, कटिहार, खगड़िया जंक्शन, किशनगंज, कुदरा, लाभा, लहेरिया सराय, लक्खीसराय, लखमीनिया, मधुबनी , महेशखूंट, मैरवा, मानसी जंक्शन, मोकामा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नबीनगर रोड, नरकटियागंज, नौगछिया, पहाड़पुर, पाटलिपुत्र, पटना, पीरो, पीरपैंती, रफीगंज, रघुनाथपुर, राजेंद्र नगर, राजगीर, राम दयालु नगर, रक्सौल, सबौर, सगौली, सहरसा, साहिबपुर कमाल, सकरी, सलौना , सालमारी, समस्तीपुर, सासाराम, शाहपुर पटोरी, शिवनारायणपुर, सिमरी बख्तियारपुर, सिमुलतला, सीतामढी, सीवान, सोनपुर जंक्शन, सुल्तानगंज, सुपौल, तारेगना, ठाकुरगंज, थावे, अररिया कोर्ट, चकिया, नवादा, मोतीपुर, एकमा, मसरख का नाम शामिल है.
सम्राट चौधरी ने जताया आभार: उप उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बिहार में रेल परियोजनाएं लागू करने में तेजी और 3,164 करोड़ रुपये की लागत से 98 स्टेशनों को अमृत स्टेशन के रूप में विकसित करने की घोषणा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि 2014 से बिहार में 1,832 किलोमीटर नई पटरियां बनाई गईं, जो मलेशिया के पूरे रेल नेटवर्क के लगभग बराबर है.
डिप्टी सीएम ने क्या बोला?: डिप्टी सीएम ने कहा कि बिहार में रेल लाइन 100% विद्युतीकृत हैं. चालू परियोजनाएं (नई पटरियां) 57 हैं. 5,346 किमी तक 86,458 करोड़ की लागत से पटरी बिछाई जा रही हैं. उन्होंने बताया कि साल 2014 से जो यात्री सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, उनमें लिफ्ट, 66 एस्केलेटर, 74 वाईफाई (स्टेशनों की संख्या) 393 हैं. बिहार में 22 अद्वितीय ठहराव वाले 15 जिलों को कवर करते हुए 12 वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं. 1 अमृत भारत एक्सप्रेस (दरभंगा-आनंद विहार टर्मिनल), बिहार में 11 अद्वितीय ठहराव वाले 4 जिलों को कवर करती है.
केंद्रीय बजट 2025 के अंतर्गत बिहार में रेल कनेक्टिविटी के विस्तार के लिए ऐतिहासिक राशि का आवंटन किया गया है।
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जहां वर्ष 2009-14 के बीच औसत व्यय ₹1132 करोड़ था, वहीं इस बार बिहार रेलवे पर ₹10 हजार करोड़ से अधिक का परिव्यय किया जाएगा।
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"केंद्रीय बजट 2025 के अंतर्गत बिहार में रेल कनेक्टिविटी के विस्तार के लिए ऐतिहासिक राशि का आवंटन किया गया है. जहां वर्ष 2009-14 के बीच औसत व्यय ₹1132 करोड़ था, वहीं इस बार बिहार रेलवे पर ₹10 हजार करोड़ से अधिक का परिव्यय किया जाएगा. इस महत्वपूर्ण आवंटन से बिहार में रेलवे के विकास कार्यों को अद्भुत गति मिलेगी और कनेक्टिविटी का विस्तार होगा. बिहार को इस सौगात के लिए प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को धन्यवाद."- सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री, बिहार
1500 करोड़ की लागत से स्टेशनों का पुनर्विकास: बिहार के कई स्टेशनों को विकसित किया जा रहा है. विकास कार्य प्रगति पर हैं. जिन स्टेशनों को विकसित किया जा रहा है, उनमें गया, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, सीतामढ़ी और दरभंगा स्टेशन शामिल हैं. गया को 296 करोड़, मुजफ्फरपुर को 442 करोड़, बापूधाम मोतिहारी को 205 करोड़, सीतामढ़ी को 272 करोड़ और दरभंगा को 340 करोड़ की लागत से विकसित किया जा रहा है.
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