पटना: बीजेपी के नेता दिल्ली से पटना और पटना से दिल्ली की दौड़ तो लगा रहे हैं लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार का मुहूर्त नहीं निकल रहा है. नीतीश कुमार ने पहले ही कह रखा है कि फैसला बीजेपी को करना है. लेकिन बीजेपी है कि फैसला ही नहीं कर पा रही है. ऐसे में बिहार मंत्रिमंडल विस्तार का मामला पिछले 2 महीने से लटका पड़ा है. जदयू और बीजेपी के जो दावेदार हैं उनका इंतजार भी लंबा होता जा रहा है.
बीजेपी नेताओं का पटना से दिल्ली दौरा, फिर भी फैसला नहीं
बिहार में नीतीश कुमार 2005 से मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल रहे हैं. पिछले 15 सालों में नीतीश इतने लाचार कभी नहीं दिखे. नीतीश कुमार ने पिछले दिनों कहा भी था कि मंत्रिमंडल विस्तार में कभी विलंब नहीं होता रहा है हम तो तुरंत कर लेते रहे हैं लेकिन इस बार बीजेपी सूची देने में विलंब कर रही है. कुल मिलाकर साफ दिख रहा है कि नीतीश चाह कर भी मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर पा रहे हैं.
इधर, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल से लेकर उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद लगातार दिल्ली का दौरा कर रहे हैं. बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव पिछले दिनों जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मिल चुके हैं. तो वहीं बीजेपी के दिग्गज नेताओं का पटना से लेकर दिल्ली तक लगातार दौरा हो रहा है लेकिन फैसला नहीं हो रहा. बीजेपी इस बार एनडीए में सबसे बड़ा दल बन कर आई है. और बड़े भाई की भूमिका में दिख रही है.
नए चेहरे को मंत्री बनने का इंतजार
वहीं, अब नीतीश कुमार के साथ कुल 14 मंत्री हैं, ऐसे 36 मंत्री की संख्या हो सकती है. नीतीश कुमार को छोड़ दें तो 35 मंत्री बनेंगे ऐसे में 22 मंत्री और बनना संभव है. जदयू को 10 तो वहीं बीजेपी को 12 मंत्री और मिल सकता है. दोनों में कई दावेदार हैं और दावेदारों का इंतजार लंबा होता जा रहा है. जहां जदयू खेमे में पूर्व मंत्री श्रवण कुमार, नीरज कुमार, महेश्वर हजारी, नरेंद्र नारायण यादव, मदन सहनी दावेदारों में है. तो वहीं कई नए चेहरे भी मंत्री बनने का इंतजार कर रहे हैं.
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बीजेपी के मुस्लिम चेहरे का गेम!
इधर, बीजेपी में इस बार कई पुराने चेहरे को साइड किया जा रहा है. ऐसे में कई नये दावेदार मंत्री बनने का इंतजार कर रहे हैं जिसमें सम्राट चौधरी से लेकर नीतीश मिश्रा तक शामिल है. नितिन नवीन, संजय चौरसिया, अरुण सिन्हा और भागीरथी देवी तक दावेदारों में है. ऐसे जितना लंबा विस्तार में समय हो रहा है दावेदारों की लिस्ट उतनी ही बढ़ती जा रही है. बीजेपी ने इस बार शाहनवाज हुसैन को उतारकर मुस्लिम चेहरे का गेम भी खेला है और शाहनवाज हुसैन का मंत्री बनना तय माना जा रहा है. बिहार में मंत्री बनाकर बीजेपी बंगाल में शाहनवाज हुसैन को भुनाने की कोशिश कर सकती है.
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मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार
दिल्ली से पटना और पटना से दिल्ली बीजेपी नेताओं के लगातार दौरे के बाद भी फैसला नहीं होने के बावजूद बीजेपी प्रवक्ता यही रट लगाए हुए हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार तो नीतीश कुमार का ही विशेष अधिकार है. समय पर मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा. वहीं, वरिष्ठ पत्रकार अरुण पांडे का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर नीतीश कुमार पहले ही अपनी लाचारी जता चुके हैं. साथ ही आरजेडी के नेता उदय नारायण चौधरी का कहना है कि बीजेपी और जदयू के बीच पेंच फंसने के कारण ही मंत्रिमंडल विस्तार की बात कह रहे हैं. इधर, जदयू के पूर्व मंत्री नरेंद्र नारायण यादव का कहना है कि विशेषाधिकार तो मुख्यमंत्री का है हम क्या बोल सकते हैं.
बीजेपी के बंगाल प्लान में फंसा मंत्रिमंडल विस्तार
पूरी तरह दिख रहा है कि बीजेपी के बंगाल प्लान में बिहार का मंत्रिमंडल विस्तार लंबा होता जा रहा है और नीतीश कुमार पहली बार इतने लाचार दिख रहे हैं. जहां चाह कर भी कोई फैसला नहीं ले रहे हैं और ना ही खुल कर बोल पा रहे हैं.