पटना: बिहार में नगर निकाय चुनाव (Municipal elections in Bihar) का आगाज हो चुका है, दो चरणों में 224 नगर निकायों में चुनाव को लेकर नामांकन पत्र दाखिल किए गए. इनमें पहले चरण में 156 नगर निकायों के लिए होने वाले चुनाव में कुल पदों के विरुद्ध 6 गुना उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. राज्य में पहले चरण के चुनाव में कुल 3658 पदों के विरुद्ध 22212 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे हैं और ऐसे में हर उम्मीदवार अपने वार्ड के वोटरों को लुभाने के लिए लोक लुभावने वादे कर रहा है. ऐसे में वोटरों की क्या राय है इसको लेकर ईटीबी भारत ने वोटरों से बात की है.
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5 फीसदी उम्मीदवारों ने वापस लिया नामांकन: आयोग के अनुसार उप पार्षद के लिए कुल 3346 पद है जबकि 18285 नामांकन पत्रों को स्वीकृति प्रदान की गई है. वहीं उप मुख्य पार्षद के लिए कुल 156 पदों के विरुद्ध 1773 और मुख्य पार्षद के कुल 156 पदों के विरुद्ध 154 उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों को स्वीकृति दी गई है. करीब स्क्रूटनी के दौरान 5 फीसदी उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद उसे वापस ले लिया है.
पहले चरण में दिखिल हुए इतने नामांकन: पहले चरण के चुनाव को लेकर कुल 22603 नामांकन पत्र दाखिल किए गए थे. जबकि इनमें से 946 नामांकन पत्र उम्मीदवारों ने वापस ले लिए हैं और कहीं ना कहीं हाल के दिनों में होने वाले निकाय चुनाव मैं राजधानी पटना के वोटरों की क्या राय है इसको लेकर जब हमने छानबीन शुरू की तो लोगों ने साफतौर से कहा कि इस वर्ष अपने वार्ड के प्रत्याशी चुनने का अधिकार वोट की चोट पर वोटरों को दिया गया है. ऐसे में वोटर अपने वार्ड के ऐसे प्रतिनिधि को वोट करेंगे जो शिक्षित हो अपने वार्ड के प्रति सच्चा और सतर्क हो.
वोटरों को रिझाने की होड़: बता दें कि, निकाय चुनाव मैदान में उतरे हर प्रत्याशी अपने इलाके के वोटरों को रिझाने के लिए लोक लुभावने वादे कर रहे हैं. हालांकि इस दौरान इस निकाय चुनाव मैदान में कई शिक्षित प्रत्याशी भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं और अपने वार्ड का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. ऐसे शिक्षित प्रत्याशी अपने जीत का दावा भी करने से पीछे नहीं हट रहे. हालांकि अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में किस वार्ड का प्रतिनिधित्व कौन सा प्रत्याशी करता है.
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