पटनाः बिहार में पांच सीटों पर हुए विधान परिषद के चुनाव की आज मतगणना होनी है. आज 48 प्रत्याशियों को भाग्य का फैसला होना है. इस बार सबसे अधिक प्रत्याशी गया और सारण निर्वाचन क्षेत्र से हैं. कोसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से 7, सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से 12, सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से 9, गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से 12, गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से 8 उम्मीदवार मैदान में हैं.
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सारण स्नातक निर्वाचन सीट पर हुआ उपचुनाव: गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से अवधेश नारायण सिंह और कोसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से संजीव कुमार सिंह का कार्यकाल 8 मई 2023 खत्म हो रहा है. वहीं, सारण स्नातक निर्वाचन सीट पर उपचुनाव हुआ है, यह सीट केदार नाथ पांडेय के निधन से खाली हुई है. एमएलसी चुनाव में पांचों सीटों की बात करें तो महागठबंधन खेमे से जेडीयू के पास 3, आरजेडी के पास 1 और सीपीआई के पास भी 1 सीट है, वहीं एनडीए में बीजेपी के पास 4 और एलजेपीआर के खाते में 1 सीट है.
इन प्रत्याशियों के भाग्य का होगा फैसलाः एमएलसी चुनाव के लिए बीजेपी की ओर से सारण स्नातक सीट से पूर्व मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह मैदान में हैं. अवधेश नारायण सिंह गया स्नातक सीट से और रंजन कुमार को कोसी शिक्षक सीट से प्रत्याशी हैं. सारण शिक्षक सीट पर हुए उपचुनाव के लिए बीजेपी की ओर से धर्मेंद्र सिंह प्रत्याशी हैं. वहीं, जदयू ने अपने पुराने उम्मीदवारों को ही मौका दिया था. जदयू की ओर से सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से वीरेंद्र नारायण यादव, कोसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से संजीव कुमार सिंह और गया शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से श्याम सिंह मैदान में हैं. जदयू ने इन सभी को दोहराया है. इसके अलावा एमएलसी केदारनाथ पांडेय के निधन के बाद सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की खाली हुई सीट पर भाकपा ने केदारनाथ पांडेय के बेटे पुष्कर आनंद है. आरजेडी की ओर से गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से जगदानंद सिंह के छोटे बेटे पुनीत कुमार सिंह मैदान में हैं.
बीजेपी के लिए काफी अहम है ये चुनावः आपको बता दें कि ये चुनाव बीजेपी के लिए काफी अहम है. क्योंकि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद सम्राट चौधरी के नेतृत्व में ये पहला एमएलसी इलेक्शन हुआ है, जिसका परिणाम आज आना है. हालांकि इसमें आम वोटर शामिल नहीं होते हैं, लेकिन 2024 लोकसभा के चुनाव की तैयारी में जुटी बीजेपी की नजर इस पर खास बनी हुई है. वहीं, महागठबंधन के लिए यह चुनाव इसलिए अहम है क्योंकि 5 में से 4 सीटें महागठबंधन के घटक दलों की हैं. इसमें से तीन जदयू और एक भाकपा की है. इससे पहले विधानसभा की 3 सीटों पर हुए चुनाव में एनडीए ने महागठबंधन को झटका दिया था. इसलिए ये सीटें बचाना महागठबंधन के लिए बड़ी चुनौती है.