पटना: महागठबंधन में कैंडिडेट लिस्ट आने के बाद अब इस बात की चर्चा हो रही है कि आखिर किस आधार पर राजद और कांग्रेस ने टिकट बांटे हैं. उम्मीदवारों की सूची पर गौर करें तो कांग्रेस ने जहां सवर्णों पर जमकर प्यार लुटाया है तो वहीं राजद ने पिछड़े और अति पिछड़ों को तरजीह दी है.
कांग्रेस ने अपने हिस्से की 70 सीटों में से सबसे ज्यादा 32 विधानसभा सीटों पर सवर्ण उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया है. 70 में से अल्पसंख्यकों के हिस्से में 10 सीटें गई हैं जबकि 10 सीटें दलित उम्मीदवारों के हिस्से आई हैं. राष्ट्रीय जनता दल ने 17 अल्पसंख्यकों को टिकट दिया है.
युवाओं को मिली जगह
पूरी लिस्ट पर ध्यान दें तो कांग्रेस ने युवाओं पर काफी भरोसा जताया है. कांग्रेस और राजद ने मिलकर 24 महिलाओं को टिकट दिया है. जिसमें सबसे ज्यादा राजद ने 16 महिलाओं को टिकट दिया है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सभी नेताओं ने इस बात का दावा किया कि समाज के हर तबके के लोगों को इस बार विधानसभा चुनाव में प्रतिनिधित्व दिया गया है. राष्ट्रीय जनता दल के 144 उम्मीदवारों की लिस्ट पर गौर करें तो पार्टी ने अपने एमवाई समीकरण का पूरा ध्यान रखा है.
एमवाई समीकरण का रखा गया ख्याल
राजद के 144 में से सबसे ज्यादा 58 टिकट यादव प्रत्याशियों को दिए गए हैं जबकि सवर्णों के हिस्से महज 12 सीटें आई हैं. अति पिछड़ों को राजद ने 24 सीटें दी हैं जबकि कुशवाहा को 8 और वैश्य को 7 सीट दी गई है. हालांकि राष्ट्रीय जनता दल ने कई बार आधिकारिक रूप से यह कहा था कि हम समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलेंगे. तेजस्वी यादव भी यह खुद कहते रहे हैं कि हम सबको साथ लेकर चलेंगे. लेकिन सीट बंटवारे में राजद ने एक बार फिर यह दिखाने की कोशिश की है कि उनका पूरा जोर उनके मुस्लिम-यादव (एमवाई) समीकरण पर ही है.