पटना: विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी (VIP Supremo Mukesh Sahani Attack On BJP) ने बड़ा खुलासा किया है. पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के दौरान उन्होंने दिल्ली में बंद कमरे में गृह मंत्री अमित शाह से हुई डील (VIP supremo Mukesh Sahani statement on BJP offer) को लेकर बड़ा बयान दिया है. सहनी ने कहा कि बीजेपी मुझे कहती थी कि अपनी पार्टी का विलय बीजेपी में कर दीजिए. राज्यसभा भेजकर केंद्रीय मंत्री बना दिए जाएंगे. 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बना दिए जाएंगे, लेकिन मैं नहीं माना.
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अमित शाह से डील पर मुकेश सहनी का बड़ा खुलासा: मुकेश सहनी (Mukesh Sahani was offered by BJP) इससे पहले भी कह चुके हैं कि हमारी क्या डील हुई थी ये सिर्फ अमित शाह और मुझे पता है. इस बात को गृह मंत्री जी को स्पष्ट करना चाहिए तो मैं भी मान लूंगा. साथ ही उन्होंने संजय जायसवाल पर हमला करते हुए झूठ बोलने का आरोप लगाया है. सहनी ने कहा कि बीजेपी से ऑफर मिल रहा था लेकिन मैं नहीं माना. सहनी ने कहा कि बीजेपी ने पार्टी विलय करने पर मुझे केंद्रीय मंत्री बना देने का प्रपोजल दिया था. साथ ही बिहार का मुख्यमंत्री भी बनाने पर बातें हुई थीं.
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"दिल्ली से फोन आता है मैं दिल्ली जाता हूं और चार घंटे में निर्णय होता है कि आप हमारे एनडीए का पार्ट बन जाइये और आपको हम इतना सीट देते हैं. पार्टी विलय की कोई चर्चा नहीं थी. वो तो हमें आज से नहीं बल्कि 2016 से सपना दिखा रहे हैं कि राज्यसभा भेजूंगा. 2020 में आग्रह कर रहे थे कि आपको राज्यसभा भेजकर केंद्र में मंत्री बनाते हैं. हमारी पार्टी में आप विलय कर लीजिए. 2025 में आपको बिहार की सीएम बनाएंगे. ये सारे ऑफर मुझे दिए गए थे. हमें मजाक में पार्टी विलय की बातें कही गईं, मैंने भी हंसते हंसते एक ही जवाब दिया कि हमारे उद्देश्य को पूरा कर दीजिए. पार्टी जिस उद्देश्य से बना है उसे पूरा कर दीजिए. आरक्षण दे दीजिए तो निश्चित तौर पर आप जो बोलेंगे वो मैं करूंगा."- मुकेश सहनी, वीआईपी सुप्रीमो
सहनी ने बीजेपी पर ली चुटकी: सहनी ने बीजेपी पर चुटकी लेते हुए कहा कि मैं आज भी कहता हूं आरक्षण केंद्र सरकार से लागू हो सकता है. आप आरक्षण लागू कर दीजिए. मैं पार्टी आपको हैंड ओवर करके हरिद्वार चला जाऊंगा. वहां कीर्तन करूंगा राजनीति से सन्यांस ले लूंगा. मुकेश सहनी ने कहा कि मछुआरा समाज को लेकर जो आरोप बीजेपी के लोग हम पर लगाते हैं, वह गलत है. सत्ता में रहे या ना रहे मेरे जिंदा रहते मछुआरों का कोई हकमारी नहीं कर सकता है. अब मैं एनडीए का पार्ट नही हूं. अब मैं जानता के पास जाऊंगा और बताऊंगा कि बीजेपी ने मेरे साथ क्या किया है. अगले महीने से मैं पूरे बिहार का दौरा करूंगा. मैं 16 महीने तक मंत्री रहा और इस दौरान हमने राज्य की जनता की सेवा करने का प्रयास किया है.
बोले सहनी-'मैंने की थी इस्तीफे की पेशकश': विभाग के पैसे खर्च नहीं होने के आरोपों पर सहनी ने कहा कि विभाग में जल्द योजना स्वीकृति के लिए उन्होंने जून 2021 में ही दो बार पत्र लिखा. काफी सारी योजनाएं अपने स्तर से स्वीकृत करने के बाद भी योजनाओं को लोक वित्त समिति एवं स्क्रीनिंग कमेटी में स्वीकृत नहीं किया गया. इस विषय को 25 फरवरी 2022 को आयोजित एनडीए विधायक दल की बैठक में भी सीएम के सामने विभाग के द्वारा मछुआरों के हित में पैसा नहीं खर्च होने की बात मजबूती से उठाई और इस्तीफा तक की पेशकश की.
झूठा आरोप लगा रहे संजय जायसवाल: साथ ही वीआईपी प्रमुख ने कहा कि 'सभी जाति धर्म के लोगों के लिए काम किया है. बिहार के भविष्य के लिए पशुपालन एवं मत्स्य क्षेत्र में कुछ निर्णायक कार्य को गति प्रदान किया है. बिहार की समस्त जनता एनडीए के सभी सहयोगी दल एवं माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मुझे मंत्री पद देने के लिए आभार. मछुआरा सहयोग समिति को लेकर जो बात संजय जयसवाल (Mukesh Sahani On BJP State President Sanjay Jaiswal ) कर रहे हैं, वह गलत है. सहकारिता विभाग का यह काम है और सहकारिता विभाग के सचिव ने माननीय मुख्यमंत्री के बैठक में अध्यक्ष और मंत्री पद में से एक पद रखने का सुझाव दिया था. यह काम सहकारिता विभाग ने किया है. विधानसभा में बिना कानून के संशोधन संभव नहीं है. संजय जायसवाल ने जो आरोप लगाया वो सरासर गलत है. उन्हें कोई बात बिना समझे नहीं बोलना चाहिए. बीजेपी अपने साथ रहने पर मुझे राम के समान मानते थे, आज रावण होने की बात कर रहे हैं.
यूपी में लिखी गई स्क्रिप्ट, बिहार में एक्शन : कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने गए थे उसी समय इसकी पटकथा लिखी जा चुकी थी. नीतीश कुमार और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मुलाकात हुई थी. उसी में मुकेश सहनी को कैबिनेट मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाए जाने की बात हुई थी. हालांकि इसकी चर्चा तब से ही शुरू हो गई थी, जब वीआईपी के तीनों विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बावजूद सहनी ने कहा था कि वे मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे. सीएम अगर चाहें तो उनको बर्खास्त कर सकते हैं.
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