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मुकेश सहनी का ऐलान- याचना नहीं अब रण होगा, ताल ठोक कर BJP को दी चुनौती

वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने प्रेस कांफ्रेंस कर बीजेपी (VIP Supremo Mukesh Sahani Attack On BJP) पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सीता माता को भी अग्निपरीक्षा देनी पड़ी थी. मैं भी अग्निपरीक्षा देने के लिए तैयार हूं. पढ़ें पूरी खबर..

VIP Supremo Mukesh Sahani Attack On BJP
VIP Supremo Mukesh Sahani Attack On BJP
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Published : Mar 29, 2022, 12:26 PM IST

Updated : Mar 29, 2022, 1:31 PM IST

पटना: मंत्री पद से बर्खास्त होने के बाद से ही वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी (Mukesh Sahni Dismissed From Nitish Cabinet) बीजेपी पर हमलावर हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सहनी ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा.उन्होंने कहा कि मेरे रहते कोई भी मछुआरा समाज के साथ नाइंसाफी नहीं कर सकता है. मेरे ऊपर आरोप लगाने को लेकर बीजेपी बहुत से एजेंट लेकर आएगी. सीता माता पर भी आरोप लगाया गया था. मेरे ऊपर भी आरोप लगाया गया है लेकिन मैं हमेशा अग्नि परीक्षा देने के लिए तैयार हूं.

पढ़ें- बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने की मांग, 'मुकेश सहनी के विभाग की हो जांच'

बीजेपी पर सहनी का हमला: मुकेश सहनी ने कहा कि मछुआरा समाज को लेकर जो आरोप बीजेपी के लोग हम पर लगाते हैं, वह गलत है. सत्ता में रहे या ना रहे मेरे जिंदा रहते मछुआरों का कोई हकमारी नहीं कर सकता है. अब मैं एनडीए का पार्ट नही हूं. अब मैं जानता के पास जाऊंगा और बताऊंगा कि बीजेपी ने मेरे साथ क्या किया है. अगले महीने से मैं पूरे बिहार का दौरा करूंगा. मैं 16 महीने तक मंत्री रहा और इस दौरान हमने राज्य की जनता की सेवा करने का प्रयास किया है.

"पूरे बिहार में मेरी वजह से एक भी मछुआरा भाई को कहीं कोई दिक्कत हुआ हो तो कभी भी आधी रात को हमारे पास आकर मुझे बता सकते हैं. आरोप लगाने के लिए तो बीजेपी बहुत से एजेंट और दलाल को लेकर आएगी और खड़ा करेगी. एक भी मेरे खिलाफ सबूत कोई दे तो मीडिया के लोग उसे लिखें और हमसे सवाल आकर कीजिए. इस समाज के हक अधिकार के लिए मैं हर तरह की कुर्बानी देने के लिए बैठा हूं. आरोप तो सीता माता पर भी लगाया गया था. उन्हें भी अग्नि परीक्षा देना पड़ा था. मेरे ऊपर भी आरोप लगेंगे. मैं हमेशा अग्नि परीक्षा देते हुए आगे बढ़ने का काम करूंगा."- मुकेश सहनी, वीआईपी सुप्रीमो

पढ़ें: खेल खत्म! पहले तीनों विधायकों ने छोड़ा मुकेश सहनी का साथ, अब मंत्री की कुर्सी से भी धोना पड़ा हाथ

झूठा आरोप लगा रहे संजय जायसवाल: साथ ही वीआईपी प्रमुख ने कहा कि 'सभी जाति धर्म के लोगों के लिए काम किया है. बिहार के भविष्य के लिए पशुपालन एवं मत्स्य क्षेत्र में कुछ निर्णायक कार्य को गति प्रदान किया है. बिहार की समस्त जनता एनडीए के सभी सहयोगी दल एवं माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मुझे मंत्री पद देने के लिए आभार. मछुआरा सहयोग समिति को लेकर जो बात संजय जयसवाल (Mukesh Sahani On BJP State President Sanjay Jaiswal ) कर रहे हैं, वह गलत है. सहकारिता विभाग का यह काम है और सहकारिता विभाग के सचिव ने माननीय मुख्यमंत्री के बैठक में अध्यक्ष और मंत्री पद में से एक पद रखने का सुझाव दिया था. यह काम सहकारिता विभाग ने किया है. विधानसभा में बिना कानून के संशोधन संभव नहीं है. संजय जायसवाल ने जो आरोप लगाया वो सरासर गलत है. उन्हें कोई बात बिना समझे नहीं बोलना चाहिए. बीजेपी अपने साथ रहने पर मुझे राम के समान मानते थे, आज रावण होने की बात कर रहे हैं.

मुकेश सहनी पर कार्रवाई: अगर गौर से देखा जाए तो यूपी चुनाव के बाद से ही बीजेपी के नेता मुकेश सहनी के खिलाफ बोलने लगे थे. उनसे नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांग रहे थे. रही सही कसर बोचहां विधानसभा उपचुनाव ने पूरी कर दी. बीजेपी यहां से बेबी कुमारी को प्रत्याशी क्या बनायी वीआईपी में खलबली मच गयी. मुकेश सहनी के दिल में अचानक से लालू यादव के लिए प्यार उमड़ने लगा. नीतीश कुमार और ललन सिंह से मुलाकात के बाद दिल्ली भी गए. जब बात नहीं बनी तो फ्रेंडली फाइट पर उतर गए. हालांकि उन्होंने कहा कि एक तरह से एनडीए से उन्हें बाहर कर दिया गया है. बीजेपी वाले भी जैसे ताक में बैठे थे. उधर बोचहां सीट से उम्मीदवारों ने नामांकन किया इधर पटना में खेला शुरू हो गया. बुधवार शाम से हलचल बढ़ने लगी. रात होते-होते वीआईपी के तीनों विधायक राजू सिंह, मिश्री लाल यादव और सवारना सिंह 'नाव' से उतरकर 'कमल' खिलाने पहुंच गए. ऐसे में बार-बार सरकार को गिराने की धमकी देने वाले सहनी औंधे मुंह गिर पड़े.

यूपी में लिखी गई स्क्रिप्ट, बिहार में एक्शन : कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने गए थे उसी समय इसकी पटकथा लिखी जा चुकी थी. नीतीश कुमार और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मुलाकात हुई थी. उसी में मुकेश सहनी को कैबिनेट मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाए जाने की बात हुई थी. हालांकि इसकी चर्चा तब से ही शुरू हो गई थी, जब वीआईपी के तीनों विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बावजूद सहनी ने कहा था कि वे मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे. सीएम अगर चाहें तो उनको बर्खास्त कर सकते हैं.

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पटना: मंत्री पद से बर्खास्त होने के बाद से ही वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी (Mukesh Sahni Dismissed From Nitish Cabinet) बीजेपी पर हमलावर हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सहनी ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा.उन्होंने कहा कि मेरे रहते कोई भी मछुआरा समाज के साथ नाइंसाफी नहीं कर सकता है. मेरे ऊपर आरोप लगाने को लेकर बीजेपी बहुत से एजेंट लेकर आएगी. सीता माता पर भी आरोप लगाया गया था. मेरे ऊपर भी आरोप लगाया गया है लेकिन मैं हमेशा अग्नि परीक्षा देने के लिए तैयार हूं.

पढ़ें- बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने की मांग, 'मुकेश सहनी के विभाग की हो जांच'

बीजेपी पर सहनी का हमला: मुकेश सहनी ने कहा कि मछुआरा समाज को लेकर जो आरोप बीजेपी के लोग हम पर लगाते हैं, वह गलत है. सत्ता में रहे या ना रहे मेरे जिंदा रहते मछुआरों का कोई हकमारी नहीं कर सकता है. अब मैं एनडीए का पार्ट नही हूं. अब मैं जानता के पास जाऊंगा और बताऊंगा कि बीजेपी ने मेरे साथ क्या किया है. अगले महीने से मैं पूरे बिहार का दौरा करूंगा. मैं 16 महीने तक मंत्री रहा और इस दौरान हमने राज्य की जनता की सेवा करने का प्रयास किया है.

"पूरे बिहार में मेरी वजह से एक भी मछुआरा भाई को कहीं कोई दिक्कत हुआ हो तो कभी भी आधी रात को हमारे पास आकर मुझे बता सकते हैं. आरोप लगाने के लिए तो बीजेपी बहुत से एजेंट और दलाल को लेकर आएगी और खड़ा करेगी. एक भी मेरे खिलाफ सबूत कोई दे तो मीडिया के लोग उसे लिखें और हमसे सवाल आकर कीजिए. इस समाज के हक अधिकार के लिए मैं हर तरह की कुर्बानी देने के लिए बैठा हूं. आरोप तो सीता माता पर भी लगाया गया था. उन्हें भी अग्नि परीक्षा देना पड़ा था. मेरे ऊपर भी आरोप लगेंगे. मैं हमेशा अग्नि परीक्षा देते हुए आगे बढ़ने का काम करूंगा."- मुकेश सहनी, वीआईपी सुप्रीमो

पढ़ें: खेल खत्म! पहले तीनों विधायकों ने छोड़ा मुकेश सहनी का साथ, अब मंत्री की कुर्सी से भी धोना पड़ा हाथ

झूठा आरोप लगा रहे संजय जायसवाल: साथ ही वीआईपी प्रमुख ने कहा कि 'सभी जाति धर्म के लोगों के लिए काम किया है. बिहार के भविष्य के लिए पशुपालन एवं मत्स्य क्षेत्र में कुछ निर्णायक कार्य को गति प्रदान किया है. बिहार की समस्त जनता एनडीए के सभी सहयोगी दल एवं माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मुझे मंत्री पद देने के लिए आभार. मछुआरा सहयोग समिति को लेकर जो बात संजय जयसवाल (Mukesh Sahani On BJP State President Sanjay Jaiswal ) कर रहे हैं, वह गलत है. सहकारिता विभाग का यह काम है और सहकारिता विभाग के सचिव ने माननीय मुख्यमंत्री के बैठक में अध्यक्ष और मंत्री पद में से एक पद रखने का सुझाव दिया था. यह काम सहकारिता विभाग ने किया है. विधानसभा में बिना कानून के संशोधन संभव नहीं है. संजय जायसवाल ने जो आरोप लगाया वो सरासर गलत है. उन्हें कोई बात बिना समझे नहीं बोलना चाहिए. बीजेपी अपने साथ रहने पर मुझे राम के समान मानते थे, आज रावण होने की बात कर रहे हैं.

मुकेश सहनी पर कार्रवाई: अगर गौर से देखा जाए तो यूपी चुनाव के बाद से ही बीजेपी के नेता मुकेश सहनी के खिलाफ बोलने लगे थे. उनसे नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांग रहे थे. रही सही कसर बोचहां विधानसभा उपचुनाव ने पूरी कर दी. बीजेपी यहां से बेबी कुमारी को प्रत्याशी क्या बनायी वीआईपी में खलबली मच गयी. मुकेश सहनी के दिल में अचानक से लालू यादव के लिए प्यार उमड़ने लगा. नीतीश कुमार और ललन सिंह से मुलाकात के बाद दिल्ली भी गए. जब बात नहीं बनी तो फ्रेंडली फाइट पर उतर गए. हालांकि उन्होंने कहा कि एक तरह से एनडीए से उन्हें बाहर कर दिया गया है. बीजेपी वाले भी जैसे ताक में बैठे थे. उधर बोचहां सीट से उम्मीदवारों ने नामांकन किया इधर पटना में खेला शुरू हो गया. बुधवार शाम से हलचल बढ़ने लगी. रात होते-होते वीआईपी के तीनों विधायक राजू सिंह, मिश्री लाल यादव और सवारना सिंह 'नाव' से उतरकर 'कमल' खिलाने पहुंच गए. ऐसे में बार-बार सरकार को गिराने की धमकी देने वाले सहनी औंधे मुंह गिर पड़े.

यूपी में लिखी गई स्क्रिप्ट, बिहार में एक्शन : कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने गए थे उसी समय इसकी पटकथा लिखी जा चुकी थी. नीतीश कुमार और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मुलाकात हुई थी. उसी में मुकेश सहनी को कैबिनेट मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाए जाने की बात हुई थी. हालांकि इसकी चर्चा तब से ही शुरू हो गई थी, जब वीआईपी के तीनों विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बावजूद सहनी ने कहा था कि वे मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे. सीएम अगर चाहें तो उनको बर्खास्त कर सकते हैं.

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Last Updated : Mar 29, 2022, 1:31 PM IST
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