पटना: बोचहां विधानसभा उपचुनाव (Bochaha Assembly By Election) को लेकर वीआईपी चीफ मुकेश सहनी (VIP Chief Mukesh Sahani) ने भी बीजेपी के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतार दिया है. उन्होंने पूर्व मंत्री रमई राम की बेटी डॉ. गीता कुमारी को टिकट दिया है. ऐसे में आने वाले समय में बीजेपी और वीआईपी में फ्रेंडली फाइट (Friendly Fight Between BJP and VIP) होने की संभावना बढ़ गई है. हालांकि सहनी ने फिर दोहराया है कि वे आने वाले समय में भी एनडीए का हिस्सा बने रहेंगे.
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हक की लड़ाई जारी रहेगी: मुकेश सहनी का कहना है कि एनडीए में रहकर हम अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं. चाहे वह निषाद आरक्षण का मामला हो या अति पिछड़ा जाति के आरक्षण के प्रतिशत को बढ़ाने का मामला हो. हमारी ये लड़ाई आगे भी चलती रहेगी. उन्होंने कहा कि जिस तरह से बीजेपी ने राम मंदिर की लड़ाई लड़ी थी, उसी तरह हमारी यह लड़ाई है.
आगे भी एनडीए का हिस्सा बने रहेंगे: वीआईपी चीफ ने कहा कि आगे भी हम लोग एनडीए का हिस्सा बने रहेंगे. उनका कहना है कि अगर उपचुनाव में उनके प्रत्याशी जीतते हैं तो वह भी एनडीए का हिस्सा होगा. उन्होंने कहा कि बोचहां में बीजेपी, आरजेडी और कांग्रेस भी अपना उम्मीदवार उतार रही है. ऐसे में जिसे जनता चाहेगी, वह चुनाव जीतेगा.
"आज हमारे पास 4 विधायक है, फिर 40 होगा और किसी दिन ऐसा होगा कि 125 विधायक हमारे दल से होंगे. उस दिन हमलोग अपने हिसाब से बिहार के गरीबों के लिए फैसला कर सकेंगे. जहां तक अति पिछड़ों के हक की लड़ाई की बात है तो हमारी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी. चुनाव जीतने के बाद हमारे विधायक भी एनडीए में ही रहेंगे"- मुकेश सहनी, वीआईपी चीफ सह बिहार सरकार में मंत्री
बोचहां सीट पर उपचुनाव : मुजफ्फरपुर की बोचहां विधानसभा सीट पर 12 अप्रैल को उपचुनाव होना है. बोचहां विधानसभा सीट पर पहले वीआईपी के ही मुसफिर पासवान विधायक थे. उनके निधन के बाद सीट खाली हुई, जिस पर अब उपचुनाव होना है. सहनी वहां दिवंगत विधायक के बेटे अमर पासवान को चुनाव लड़वाना चाहते थे. मुकेश सहनी की पार्टी में फिलहाल तीन विधायक और एक विधान परिषद (खुद) की सीट है.
विधानसभा में दलगत स्थिति: अगर यह मान भी लिया जाए कि मुकेश सहनी एनडीए का छोड़ देंगे तो ऐसे में सवाल उठता है कि क्या नीतीश कुमार की सरकार गिर जाएगी? फिलहाल 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में एनडीए 127 विधायक हैं. जिनमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 74, जनता दल यूनाइटेड (JDU) के 45, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के 4 और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के 3 और एक निर्दलीय विधायक हैं. वहीं, महागठबंधन का आंकड़ा 110 है. जिनमें आरजेडी के 75, कांग्रेस के 19 और वाम दलों के 16 विधायक हैं. इसके अलावे एआईएमआईएम (AIMIM) के 5 विधायक हैं. एक सीट (बोचहां) खाली है, जो वीआईपी विधायक मुसाफिर पासवान के निधन से खाली हुई है. इसी सीट पर उपचुनाव हो रहा है. अब ऐसे में अगर मुकेश सहनी समर्थन वापस ले लेते हैं तो भी नीतीश कुमार की सरकार की सेहत पर असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि वीआईपी के 3 विधायक हटने के बाद भी नीतीश कुमार की सरकार को 124 विधायकों का समर्थन हासिल होगा. जो कि बहुमत से अधिक है. हालांकि सहनी अगर एनडीए से अलग होते हैं तो उनके विधायक बगावत कर देंगे, ये तय माना जा रहा है.
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