नई दिल्ली/पटना: बिहार में चल रही एनडीए की सरकार ( NDA Government In Bihar) के गिरने के अटकलों को विकासशील इंसान पार्टी (VIP) प्रमुख और बिहार सरकार में मंत्री मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) ने खारिज कर दिया है.
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ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में मुकेश सहनी ने कहा, "मैं बिहार में एनडीए सरकार से नाराज नहीं हूं. हमारी पार्टी नाराज नहीं है. बिहार में पूरे 5 साल एनडीए की सरकार चलेगी. हम समर्थन वापस नहीं लेंगे. मजबूती से एनडीए में बने रहेंगे.
निषाद को मिले एससी या एसटी कैटेगरी में आरक्षण
मुकेश सहनी ने कहा, "बिहार में निषाद समाज को एससी या एसटी कैटेगरी में आरक्षण (Reservation) का लाभ मिले इसकी मांग हम शुरू से कर रहे हैं. यह मिलना चाहिए. हमारा अधिकार है. इस मांग को हम उठाते रहेंगे. चाहे किसी को अच्छा लगे या बुरा. मैंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) से भी बात की थी. उम्मीद है सरकार इस पर जल्द निर्णय लेगी."
यूपी चुनाव की तैयारी में लगी है हमारी पार्टी
"उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव अगले साल है. उसकी तैयारी में हमारी पार्टी लग गई है. बूथ स्तर से लेकर पूरे प्रदेश स्तर पर काम चल रहा है. यूपी में करीब 150 सीटों पर निषाद समाज का प्रभाव है. इन सीटों पर वही लोग जीत हार तय करते हैं. यूपी में कितने सीट पर चुनाव लड़ना है और एनडीए में रहकर लड़ना है या नहीं, इसपर जल्द फैसला करेंगे."- मुकेश सहनी, मंत्री और वीआईपी प्रमुख
यह है एनडीए का संख्या बल
गौरतलब है कि बिहार में बीजेपी और जदयू के विधायकों की संख्या बहुमत से कम है. बिहार में एनडीए सरकार पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) और मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी के दम पर चल रही है. बिहार में सरकार बनाने के लिए 122 सीटों की जरूरत होती है. बीजेपी के पास 75 और जदयू के पास 45 विधायक हैं.
वीआईपी और हम का समर्थन है जरूरी
निर्दलीय विधायक सुमित सिंह ने एनडीए सरकार को समर्थन दिया हुआ है. हम और वीआईपी के 4-4 विधायक हैं. अभी एनडीए के पास कुल 129 विधायक हैं. अगर मुकेश सहनी और जीतन राम मांझी समर्थन वापस ले लें तो सरकार गिर भी सकती है. जीतन राम मांझी नाराज बताए जा रहे हैं. वह आए दिन बिहार सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोल रहे हैं.
पूरी नहीं हो रही मांग
गौरतलब है कि वीआईपी ने मांग की थी कि राज्यपाल कोटे से उसे एमएलसी की एक सीट दी जाए और एक और मंत्री पद मिले. हम ने भी एक एमएलसी की सीट की मांग की थी. वहीं, मुकेश सहनी लगातार मांग कर रहे हैं कि बिहार में निषाद को एससी या एसटी कैटेगरी में आरक्षण का लाभ मिले. इन मांगों को अब तक पूरा नहीं किया गया है.
एनडीए में बने रहेंगे सहनी
वीआईपी और हम की तरफ से बयान भी आया था कि बिहार सरकार अपने अहम फैसलों में सहयोगी दलों का सुझाव नहीं लेती. सियासी गलियारों में चर्चा थी कि मुकेश सहनी नाराज हैं. वह कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं. हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि एनडीए में बने रहेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि उनको पूरी उम्मीद है की उनकी मांगों को जल्द पूरा किया जाएगा.
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