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यूपी चुनाव रिजल्ट 2022: 54 सीटों पर VIP की परीक्षा, निषाद वोट बैंक के आसरे 'किंग मेकर' बनना चाहते हैं मुकेश सहनी

बिहार में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सहयोगी विकासशील इंसान पार्टी (VIP) ने यूपी में उसके खिलाफ चुनाव लड़ा है. 54 सीटों पर उन्होंने अपना उम्मीदवार उतारा है. जानकार मानते हैं कि जिस जाति आधारित वोट बैंक पर वीआईपी चीफ मुकेश सहनी (VIP Chief Mukesh Sahani) की नजर है, उस निषाद समाज का अगर उन्हें साथ मिला होगा तो बीजेपी का खेल बिगड़ सकता है.

उत्तर प्रदेश में वीआईपी का प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश में वीआईपी का प्रदर्शन
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Published : Mar 10, 2022, 6:01 AM IST

पटना: आज उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections) के नतीजे आएंगे. ये चुनाव जितना यूपी के सियासी दलों के लिए अहम है, उतना ही बिहार की सत्ता में शामिल विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के लिए भी है, क्योंकि वीआईपी चीफ मुकेश सहनी (VIP Chief Mukesh Sahani) ने यूपी में 'किंग मेकर' बनने की चाहत में भारतीय जनता पार्टी (BJP) से भी 'दुश्मनी' मोल ले ली है. यूपी में 54 सीटों पर उन्होंने अपने उम्मीदवार उतारे हैं. उनको उम्मीद है कि 5 फीसदी निषाद समाज का वोट उन्हें जरूर मिलेगा.

ये भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराना हमारा मुख्य उद्देश्य : मुकेश शाहनी

54 सीटों पर वीआईपी के उम्मीदवार: विकासशील इंसान पार्टी ने पहले उत्तर प्रदेश की 102 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया था लेकिन विभिन्न कारणों से 48 प्रत्याशियों का नामांकन प्रपत्र रद्द हो गया. जिस वजह से 54 सीटों पर पार्टी ने चुनाव लड़ा है. पार्टी को उम्मीद है कि 10 मार्च को जब रिजल्ट आएगा, तब उसमें उसके भी कई प्रत्याशी विजयी होंगे.

'किंग मेकर' बनना चाहते हैं सहनी: वीआईपी चीफ मुकेश लगातार दावा कर रहे हैं कि वे उत्तर प्रदेश में किंग मेकर की भूमिका में होंगे. वे कहते हैं कि बिहार में उनकी पार्टी किंग मेकर बनकर सरकार बना चुकी है. अब उत्तर प्रदेश में भी उनकी पार्टी किंग मेकर की भूमिका में रहेगी. बीजेपी से टिकट नहीं मिलने के बाद बगावत करने वाले सुरेंद्र नाथ सिंह को भी सहनी ने अपना उम्मीदवार बनाया है. हालांकि गोरखपुर शहर से सीएम योगी के खिलाफ वीआईपी ने कोई प्रत्याशी खड़ा नहीं किया है.

यूपी में 5 फीसदी निषाद जाति: उत्तर प्रदेश में निषाद समाज 5 फीसदी के करीब है. गंगा के किनारे वाले पूर्वी उत्तर प्रदेश के इलाके में निषाद समुदाय की अच्छी-खासी आबादी है. खुद को 'सन ऑफ मल्लाह' बताने वाले मुकेश सहनी को लगता है कि जिस तरह बिहार में उनको मल्लाहों का साथ मिला, यूपी में भी मिल सकता है. निषाद आरक्षण के मुद्दे को लेकर भी वे काफी मुखर हैं. हालांकि वर्ष 2016 में गठित निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद फिलहाल बीजेपी के साथ हैं. जिनका निषाद, केवट, मल्लाह, बेलदार और बिंद बिरादरियों में अच्छा असर माना जाता है. गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज, जौनपुर, संत कबीरनगर, बलिया, भदोही और वाराणसी समेत 16 जिलों में निषाद समुदाय के वोट जीत-हार में बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: NDA में कब तक रहेंगे मुकेश सहनी? BJP बोली- अभी तो हैं... RJD ने कहा- साथ आएंगे तो स्वागत करेंगे

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पटना: आज उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections) के नतीजे आएंगे. ये चुनाव जितना यूपी के सियासी दलों के लिए अहम है, उतना ही बिहार की सत्ता में शामिल विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के लिए भी है, क्योंकि वीआईपी चीफ मुकेश सहनी (VIP Chief Mukesh Sahani) ने यूपी में 'किंग मेकर' बनने की चाहत में भारतीय जनता पार्टी (BJP) से भी 'दुश्मनी' मोल ले ली है. यूपी में 54 सीटों पर उन्होंने अपने उम्मीदवार उतारे हैं. उनको उम्मीद है कि 5 फीसदी निषाद समाज का वोट उन्हें जरूर मिलेगा.

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54 सीटों पर वीआईपी के उम्मीदवार: विकासशील इंसान पार्टी ने पहले उत्तर प्रदेश की 102 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया था लेकिन विभिन्न कारणों से 48 प्रत्याशियों का नामांकन प्रपत्र रद्द हो गया. जिस वजह से 54 सीटों पर पार्टी ने चुनाव लड़ा है. पार्टी को उम्मीद है कि 10 मार्च को जब रिजल्ट आएगा, तब उसमें उसके भी कई प्रत्याशी विजयी होंगे.

'किंग मेकर' बनना चाहते हैं सहनी: वीआईपी चीफ मुकेश लगातार दावा कर रहे हैं कि वे उत्तर प्रदेश में किंग मेकर की भूमिका में होंगे. वे कहते हैं कि बिहार में उनकी पार्टी किंग मेकर बनकर सरकार बना चुकी है. अब उत्तर प्रदेश में भी उनकी पार्टी किंग मेकर की भूमिका में रहेगी. बीजेपी से टिकट नहीं मिलने के बाद बगावत करने वाले सुरेंद्र नाथ सिंह को भी सहनी ने अपना उम्मीदवार बनाया है. हालांकि गोरखपुर शहर से सीएम योगी के खिलाफ वीआईपी ने कोई प्रत्याशी खड़ा नहीं किया है.

यूपी में 5 फीसदी निषाद जाति: उत्तर प्रदेश में निषाद समाज 5 फीसदी के करीब है. गंगा के किनारे वाले पूर्वी उत्तर प्रदेश के इलाके में निषाद समुदाय की अच्छी-खासी आबादी है. खुद को 'सन ऑफ मल्लाह' बताने वाले मुकेश सहनी को लगता है कि जिस तरह बिहार में उनको मल्लाहों का साथ मिला, यूपी में भी मिल सकता है. निषाद आरक्षण के मुद्दे को लेकर भी वे काफी मुखर हैं. हालांकि वर्ष 2016 में गठित निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद फिलहाल बीजेपी के साथ हैं. जिनका निषाद, केवट, मल्लाह, बेलदार और बिंद बिरादरियों में अच्छा असर माना जाता है. गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज, जौनपुर, संत कबीरनगर, बलिया, भदोही और वाराणसी समेत 16 जिलों में निषाद समुदाय के वोट जीत-हार में बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं.

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