पटना: राजधानी पटना में कोरोना से जुड़े हुए मेडिकल कचरों को जलाने का सिलसिला थम नहीं रहा. अभी शास्त्री नगर यूपीएचसी में कोरोना जांच के बाद जमा मेडिकल कचरे को जलाने का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि ताजा मामला सिविल सर्जन कार्यालय का आ गया. जहां शुक्रवार के दिन काफी संख्या में कार्यालय के बाहर उपयोग किए हुए पीपीई कीट, हैंड ग्लव्स, मास्क इत्यादि मेडिकल कचरे को आग के हवाले कर दिया गया. दरअसल, शुक्रवार के दिन काफी संख्या में यूज्ड पीपीई किट सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर बिखरे पड़े थे.
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क्या कहते हैं सिविल सर्जन
इस मामले को लेकर सिविल सर्जन डॉक्टर विभा कुमारी ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि यहां यह कचरा कहां से आया. उनके कार्यालय में कोई भी पीपीई किट नहीं पहनता. कार्यालय में जो एंबुलेंस लगे हुए रहते हैं, वह जब कोरोना मरीज को लाने जाते हैं तो चालक और उसके सहायक पीपीई किट पहनते हैं और हो सकता है कि यह गंदगी उन्हीं के द्वारा फैलाई गई हो.
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'यह मामला संज्ञान में आया है. इसे साफ कराने के लिए कार्रवाई की जा रही है. आए दिन कार्यालय के बाहर इस प्रकार की गंदगी देखने को मिलती है. कार्यालय के बाहर एक बड़ा डस्टबिन लगाने के बारे में विचार किया जा रहा है'.- डॉक्टर विभा कुमारी, सिविल सर्जन
अस्पताल प्रशासन की लापरवाही
हालांकि, बाद में सभी मेडिकल कचरों को आग के हवाले किया जा रहा था. ऐसे में यह बड़ा ही गंभीर मामला है कि एक तरफ जहां इन कचरों के प्रॉपर डिकंपोजीशन के लिए अलग से दिशा-निर्देश बनाया गया है. मगर फॉलो नहीं हो रहा और आग के हवाले कर दिया जा रहा है.
मामले की हो रही जांच
वहीं शास्त्री नगर यूपीएचसी में यूज्ड एंटीजन किट और काफी संख्या में आरटी पीसीआर के सैंपल को आग के हवाले करने की खबर 2 दिनों पहले ही ईटीवी भारत ने प्रमुखता से चलाई थी. जिस पर स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने संज्ञान लिया है. सिविल सर्जन ने जानकारी दी कि जिलाधिकारी ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए एक अधिकारी को इस मामले का जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस पर कुछ कहा जा ससता है.