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सजावट के नाम पर सचिवालय में लगी सैकड़ों लाइटें, बिजली बचत के आदेश का हो रहा उल्लंघन - सचिवालय परिसर

मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा है कि निजी क्षेत्र के जो लोग बिजली बचत में सहयोग करेंगे उन्हें भी प्रोत्साहित किया जाएगा. लेकिन अब सचिवालय में लगे सैकड़ों नई लाइटों से साफ जाहिर हो रहा है कि बिजली की कटौती नहीं बल्कि बिजली खपत में कई गुना बढ़ोतरी होना तय है.

Patna
सचिवालय परिसर में लगाई जा रही सैकड़ों लाइटें
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Published : Dec 31, 2019, 9:23 PM IST

पटना: सचिवालय में बिजली खपत में कमी को लेकर एक ओर जहां फिजूलखर्ची पर रोक लगाई जा रही है. वहीं दूसरी ओर साज-सज्जा के नाम पर यहां दर्जनों वेपर लाइट लगाए गए हैं. ईटीवी भारत की पड़ताल में जानकारी मिली कि कल तक जिस सचिवालय में बैठे अफसर बिजली कटौती में जुटे थे. अब, उसी की सजावट के नाम पर बिजली की फिजूलखर्ची कर रहे हैं.

लगाई गई सैकड़ों नई लाईटें
सचिवालय परिसर के बाहर सजावट के लिए सैकड़ों नई लाईटें लगाई गई हैं. जिससे रंग-बिरंगी रोशनी सचिवालय भवन के बाहरी दीवारों पर चमकेगी. यह सारी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं और जल्द ही नए साल में यह परिसर चमचमाता दिखेगा. लेकिन सवाल यह है कि एक ओर जहां सरकारी भवनों में बिजली की बचत करने का ऐलान कर रखा है. साथ ही अच्छा काम करने वालों को विभाग को पुरस्कृत करने का भी आदेश जारी कर दिया है.

Patna
सजावट के नाम पर लगाई जा रही सैकड़ों लाइटें

बिजली खपत में बढ़ोतरी होना तय
मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा है कि निजी क्षेत्र के जो लोग बिजली बचत में सहयोग करेंगे उन्हें भी प्रोत्साहित किया जाएगा. लेकिन अब सचिवालय में लगे सैकड़ों नई लाइटों से साफ जाहिर हो रहा है कि बिजली की कटौती नहीं बल्कि बिजली खपत में कई गुना बढ़ोतरी होना तय है. यह तमाम लाइटें भवन निर्माण विभाग की ओर से लगाई जा रही है. इस लाइट को फेसाड लाइट भी कहा जाता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

बता दें कि मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा था कि 1 साल में सभी सरकारी भवनों में कुल 1200 करोड़ रुपये की बिजली खपत होती है. जिसका लक्ष्य घटाकर 600 करोड़ तक लाने का है. लेकिन अब यह कहना मुश्किल है कि सरकार की इस दोहरी नीति से बिजली बचत के संकल्प का क्या होगा. वहीं, सरकार की ओर से ऐतिहासिक भवनों के साज-सज्जा के तहत पटना म्यूजियम और विधानसभा परिसर में भी लाइटें लगाई गई हैं.

पटना: सचिवालय में बिजली खपत में कमी को लेकर एक ओर जहां फिजूलखर्ची पर रोक लगाई जा रही है. वहीं दूसरी ओर साज-सज्जा के नाम पर यहां दर्जनों वेपर लाइट लगाए गए हैं. ईटीवी भारत की पड़ताल में जानकारी मिली कि कल तक जिस सचिवालय में बैठे अफसर बिजली कटौती में जुटे थे. अब, उसी की सजावट के नाम पर बिजली की फिजूलखर्ची कर रहे हैं.

लगाई गई सैकड़ों नई लाईटें
सचिवालय परिसर के बाहर सजावट के लिए सैकड़ों नई लाईटें लगाई गई हैं. जिससे रंग-बिरंगी रोशनी सचिवालय भवन के बाहरी दीवारों पर चमकेगी. यह सारी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं और जल्द ही नए साल में यह परिसर चमचमाता दिखेगा. लेकिन सवाल यह है कि एक ओर जहां सरकारी भवनों में बिजली की बचत करने का ऐलान कर रखा है. साथ ही अच्छा काम करने वालों को विभाग को पुरस्कृत करने का भी आदेश जारी कर दिया है.

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सजावट के नाम पर लगाई जा रही सैकड़ों लाइटें

बिजली खपत में बढ़ोतरी होना तय
मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा है कि निजी क्षेत्र के जो लोग बिजली बचत में सहयोग करेंगे उन्हें भी प्रोत्साहित किया जाएगा. लेकिन अब सचिवालय में लगे सैकड़ों नई लाइटों से साफ जाहिर हो रहा है कि बिजली की कटौती नहीं बल्कि बिजली खपत में कई गुना बढ़ोतरी होना तय है. यह तमाम लाइटें भवन निर्माण विभाग की ओर से लगाई जा रही है. इस लाइट को फेसाड लाइट भी कहा जाता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

बता दें कि मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा था कि 1 साल में सभी सरकारी भवनों में कुल 1200 करोड़ रुपये की बिजली खपत होती है. जिसका लक्ष्य घटाकर 600 करोड़ तक लाने का है. लेकिन अब यह कहना मुश्किल है कि सरकार की इस दोहरी नीति से बिजली बचत के संकल्प का क्या होगा. वहीं, सरकार की ओर से ऐतिहासिक भवनों के साज-सज्जा के तहत पटना म्यूजियम और विधानसभा परिसर में भी लाइटें लगाई गई हैं.

Intro:सब हेड...
सरकार की दोहरी नीति आई सामने। बिजली बचत करने वाले आदेश का हो रहा खुला उल्लंघन। सचिवालय परिसर के साथ सजा के नाम पर लगाए जा रहे हैं सैकड़ों नई लाइटें।

सचिवालय में बिजली खपत में कमी को लेकर एक और जहां फिजूल खर्ची पर रोक लगा है। वही आप दूसरी ओर सात सच्चा के नाम पर दर्जनों भेपर लाइट लगाए गए हैं। ईटीवी भारत की पड़ताल में जानकारी मिली की कल तक जिस सचिवालय में बैठे अफसर बिजली कटौती में जुटे थे अब उसी के सजा के नाम पर बिजली की फिजूलखर्ची होने वाली है।
सचिवालय परिसर के बाहर सजावट के लिए सैकड़ों नए लाइट लगाए गए हैं। जिससे रंग बिरंगी रोशनी सचिवालय भवन के बाहरी दीवारों पर चमकेगी। यह सारी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है और जल्द ही नए वर्ष में भवन चमचमाता दिखेगा।


Body:लेकिन सवाल यह है कि एक ओर जहां सरकारी भवनों में बिजली की बचत करने का ऐलान कर रखा है। इतना ही नही बल्कि उत्कृष्ट काम करने वाले विभाग को पुरस्कृत करने का भी आदेश जारी कर दिया है। मुख्य सचिव दीपक कुमार ने तो यहां तक कहा है कि निजी क्षेत्र के जो लोग बिजली बचत में सहयोग करेंगे उन्हें भी प्रोत्साहित करने के लिए पुरस्कृत किया जाएगा।
लेकिन वह अब सचिवालय में लगे सैकड़ो नई लाइटों से साफ जाहिर हो रहा है, कि बिजली की कटौती नहीं बल्कि बिजली खपत में कई गुना वृद्धि होना तय है।
यह तमाम लाइटे भवन निर्माण विभाग की ओर से लगाया जा रहा है। इस लाइट को फ्रांस की भाषा में फेसाड लाइट कहा जाता है।


Conclusion:गौरतलब है कि मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा था कि 1 वर्ष में सभी सरकारी भवनों में कुल 1200 करोड़ रूपए कि बिजली खपत होती है। जिसका लक्ष्य घटाकर 600 करोड़ तक लाने का संकल्प लिया गया है। लेकिन अब यह कहना मुश्किल है कि सरकार की इस दूरी नीति से बिजली बचत के संकल्प का क्या होगा।
सरकार द्वारा ऐतिहासिक भवनों के साज - सज्जा के तहत पटना म्यूजियम और विधानसभा परिसर में भी लाइटें लगाई गई है
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