पटना: सचिवालय में बिजली खपत में कमी को लेकर एक ओर जहां फिजूलखर्ची पर रोक लगाई जा रही है. वहीं दूसरी ओर साज-सज्जा के नाम पर यहां दर्जनों वेपर लाइट लगाए गए हैं. ईटीवी भारत की पड़ताल में जानकारी मिली कि कल तक जिस सचिवालय में बैठे अफसर बिजली कटौती में जुटे थे. अब, उसी की सजावट के नाम पर बिजली की फिजूलखर्ची कर रहे हैं.
लगाई गई सैकड़ों नई लाईटें
सचिवालय परिसर के बाहर सजावट के लिए सैकड़ों नई लाईटें लगाई गई हैं. जिससे रंग-बिरंगी रोशनी सचिवालय भवन के बाहरी दीवारों पर चमकेगी. यह सारी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं और जल्द ही नए साल में यह परिसर चमचमाता दिखेगा. लेकिन सवाल यह है कि एक ओर जहां सरकारी भवनों में बिजली की बचत करने का ऐलान कर रखा है. साथ ही अच्छा काम करने वालों को विभाग को पुरस्कृत करने का भी आदेश जारी कर दिया है.
बिजली खपत में बढ़ोतरी होना तय
मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा है कि निजी क्षेत्र के जो लोग बिजली बचत में सहयोग करेंगे उन्हें भी प्रोत्साहित किया जाएगा. लेकिन अब सचिवालय में लगे सैकड़ों नई लाइटों से साफ जाहिर हो रहा है कि बिजली की कटौती नहीं बल्कि बिजली खपत में कई गुना बढ़ोतरी होना तय है. यह तमाम लाइटें भवन निर्माण विभाग की ओर से लगाई जा रही है. इस लाइट को फेसाड लाइट भी कहा जाता है.
बता दें कि मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा था कि 1 साल में सभी सरकारी भवनों में कुल 1200 करोड़ रुपये की बिजली खपत होती है. जिसका लक्ष्य घटाकर 600 करोड़ तक लाने का है. लेकिन अब यह कहना मुश्किल है कि सरकार की इस दोहरी नीति से बिजली बचत के संकल्प का क्या होगा. वहीं, सरकार की ओर से ऐतिहासिक भवनों के साज-सज्जा के तहत पटना म्यूजियम और विधानसभा परिसर में भी लाइटें लगाई गई हैं.