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'न बनाएंगे और न बेचेंगे शराब', पटना के कोलहाचक में लोगों ने लिया संकल्प - Villagers resolved not to sell liquor

पटना के एक गांव में लोगों ने सामूहिक रूप से शराब नहीं बनाने और बेचने का संकल्प (Villagers resolved not to sell liquor) लिया. लोगों ने कहा कि अब से शराब से कोई रिश्ता नहीं रखेंगे. लोगों ने इस बाबत थाना में भी लिखित आवेदन दे दिया है. पढ़ें पूरी खबर..

ग्रामीणों ने लिया शराब नहीं बनाने का संकल्प
ग्रामीणों ने लिया शराब नहीं बनाने का संकल्प
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Published : Dec 7, 2022, 6:10 PM IST

पटनाः बिहार में शराबबंदी लागू है. इसके बावजूद लोग शराब बेचते और पीते पकड़े जा रहे हैं. ऐसे में राजधानी पटना के एक गांव में स्थानीय लोगों ने शराब नहीं बनाने और बेचने का संकल्प (Villagers in Patna took pledge not to make liquor ) लिया. शराब एक सामजिक बुराई है और इससे तौबा करने का संकल्प पटना के धनरूआ प्रखंड के कोलहाचक मुसहरी के लोगों ने लिया. इसके लिए यहां के स्थानीय लोगों ने ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया.

ये भी पढ़ेंः बिहार में शराबबंदी पर सियासी बवाल: JDU पर BJP हमलावर.. बचाव करते दिखे उपेंद्र कुशवाहा

ग्रामीणों ने लिया शराब नहीं बनाने का संकल्प

शराब एक सामाजिक बुराई: शराब न केवल सेहत को खराब करती है, बल्कि यह सामाजिक बुराई है और घर को बर्बाद कर देती है. ऐसे में धनरुआ प्रखंड के कोलहाचक मुसहरी के लोगों ने आज संकल्प लिया है कि आज के बाद गांव में कोई भी घर में शराब नहीं बनाएगा और न ही बेचेगा. लोग पूरी तरह से शराब से तौबा कर लेंगे. पूरे गांव को नशा मुक्त करेंगे और अपने बच्चों को पढ़ाएंगे. रोजी रोजगार करके अपने घर में खुशहाली लाएंगे.

सभी ग्रामीणों ने लिया संकल्पः इस मुहिम के दौरान पूरे गांव के लोगों ने शराब से तौबा करने का संकल्प लिया. क्योंकि लगातार कई बार लोगों से शराब बंद करने की अपील भी की गई थी. कोलहाचक मुशहरी के रंजन कुमार, सावित्री कुमारी, सुषमा देवी, सरस्वती देवी आदि लोगों ने इस पहल को स्वीकार किया और पूरे गांव में आज शराब बनाने वाले सभी उपकरण को तोड़कर नदी में फेंक दिया और संकल्प लिया है. इसके साथ ही एक लिखित आवेदन देकर सामूहिक रूप से हस्ताक्षर करते हुए धनरुआ थाने में भी दिया है. इसको लेकर थानाध्यक्ष ने इसके लिए सभी को आभार प्रकट किया है.

"हमलोग आज से शराब न तो बनाएंगे और न ही शराब बेचेंगे. अब सिर्फ बच्चे को पढ़ाएंगे. कोई दूसरा काम करेंगे, लेकिन शराब से कोई रिश्ता नहीं रखेंगे. शराब बनाने वाले सभी उपकरणों को तोड़ देंगे"- अनिता देवी, कोलहाचक मुसहरी, धनरूआ

"हमलोगों ने संकल्प लिया है कि अब कोलहाचक गांव में कोई शराब नहीं बनाएगा और न शराब पीएगा. हमलोगों ने थाना में भी इसके लिए लिखित आवेदन देकर संकल्प लिया है" - शशिरंजन कुमार, कोलहाचक मुसहरी, धनरूआ

कोलहाचक में डेढ़ सौ परिवार शराब के धंधे से जुड़े थे: धनरुआ प्रखंड के कोलहाचक मुसहरी के तकरीबन डेढ़ सौ परिवार शराब बनाने का काम करते थे. ऐसे में आज उन सबों ने शराब से तौबा कर लिया है और एक सामूहिक प्रयास से शराब नहीं बेचने का संकल्प लिया है.लिखित आवेदन देकर धनरुआ थाना को उन्होंने शराब नहीं बेचने का संकल्प लिया है. मुसहरी के लोगों का एक सामूहिक प्रयास है कि आज के बाद शराब नहीं बेचेंगे और अपने बाल बच्चों को पढ़ाएंगे. उनके प्रति हम आभार प्रकट करते हैं.

"कोलहाचक मुसहरी के तकरीबन डेढ़ सौ परिवार शराब बनाने का काम करते थे. ऐसे में आज उन सबों ने शराब से तौबा कर लिया है और एक सामूहिक प्रयास से शराब नहीं बेचने का संकल्प लिया है.लिखित आवेदन देकर धनरुआ थाना को उन्होंने शराब नहीं बेचने का संकल्प लिया है" -सत्येन्द्र कुमार, थानाध्यक्ष, धनरुआ


पटनाः बिहार में शराबबंदी लागू है. इसके बावजूद लोग शराब बेचते और पीते पकड़े जा रहे हैं. ऐसे में राजधानी पटना के एक गांव में स्थानीय लोगों ने शराब नहीं बनाने और बेचने का संकल्प (Villagers in Patna took pledge not to make liquor ) लिया. शराब एक सामजिक बुराई है और इससे तौबा करने का संकल्प पटना के धनरूआ प्रखंड के कोलहाचक मुसहरी के लोगों ने लिया. इसके लिए यहां के स्थानीय लोगों ने ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया.

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ग्रामीणों ने लिया शराब नहीं बनाने का संकल्प

शराब एक सामाजिक बुराई: शराब न केवल सेहत को खराब करती है, बल्कि यह सामाजिक बुराई है और घर को बर्बाद कर देती है. ऐसे में धनरुआ प्रखंड के कोलहाचक मुसहरी के लोगों ने आज संकल्प लिया है कि आज के बाद गांव में कोई भी घर में शराब नहीं बनाएगा और न ही बेचेगा. लोग पूरी तरह से शराब से तौबा कर लेंगे. पूरे गांव को नशा मुक्त करेंगे और अपने बच्चों को पढ़ाएंगे. रोजी रोजगार करके अपने घर में खुशहाली लाएंगे.

सभी ग्रामीणों ने लिया संकल्पः इस मुहिम के दौरान पूरे गांव के लोगों ने शराब से तौबा करने का संकल्प लिया. क्योंकि लगातार कई बार लोगों से शराब बंद करने की अपील भी की गई थी. कोलहाचक मुशहरी के रंजन कुमार, सावित्री कुमारी, सुषमा देवी, सरस्वती देवी आदि लोगों ने इस पहल को स्वीकार किया और पूरे गांव में आज शराब बनाने वाले सभी उपकरण को तोड़कर नदी में फेंक दिया और संकल्प लिया है. इसके साथ ही एक लिखित आवेदन देकर सामूहिक रूप से हस्ताक्षर करते हुए धनरुआ थाने में भी दिया है. इसको लेकर थानाध्यक्ष ने इसके लिए सभी को आभार प्रकट किया है.

"हमलोग आज से शराब न तो बनाएंगे और न ही शराब बेचेंगे. अब सिर्फ बच्चे को पढ़ाएंगे. कोई दूसरा काम करेंगे, लेकिन शराब से कोई रिश्ता नहीं रखेंगे. शराब बनाने वाले सभी उपकरणों को तोड़ देंगे"- अनिता देवी, कोलहाचक मुसहरी, धनरूआ

"हमलोगों ने संकल्प लिया है कि अब कोलहाचक गांव में कोई शराब नहीं बनाएगा और न शराब पीएगा. हमलोगों ने थाना में भी इसके लिए लिखित आवेदन देकर संकल्प लिया है" - शशिरंजन कुमार, कोलहाचक मुसहरी, धनरूआ

कोलहाचक में डेढ़ सौ परिवार शराब के धंधे से जुड़े थे: धनरुआ प्रखंड के कोलहाचक मुसहरी के तकरीबन डेढ़ सौ परिवार शराब बनाने का काम करते थे. ऐसे में आज उन सबों ने शराब से तौबा कर लिया है और एक सामूहिक प्रयास से शराब नहीं बेचने का संकल्प लिया है.लिखित आवेदन देकर धनरुआ थाना को उन्होंने शराब नहीं बेचने का संकल्प लिया है. मुसहरी के लोगों का एक सामूहिक प्रयास है कि आज के बाद शराब नहीं बेचेंगे और अपने बाल बच्चों को पढ़ाएंगे. उनके प्रति हम आभार प्रकट करते हैं.

"कोलहाचक मुसहरी के तकरीबन डेढ़ सौ परिवार शराब बनाने का काम करते थे. ऐसे में आज उन सबों ने शराब से तौबा कर लिया है और एक सामूहिक प्रयास से शराब नहीं बेचने का संकल्प लिया है.लिखित आवेदन देकर धनरुआ थाना को उन्होंने शराब नहीं बेचने का संकल्प लिया है" -सत्येन्द्र कुमार, थानाध्यक्ष, धनरुआ


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