पटना: जिले में लोदीपुर-चांदमारी रास्ते को सेना के माध्यम से जबरन बंद कर दिया गया है. इस रास्ते को खुलवाने के लिए ग्रामीणों ने अब ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ का ऐलान किया है. इसे लेकर जन-जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.
महिलाओं ने किया आंदोलन
इस बार आंदोलन की कमान महिलाओं ने थाम रखी है. लोगों को नारा, बैनर और गीतों के माध्यम से जागरूक अभियान चलाया जा रहा है. ब्रिटिश कालीन 150 वर्ष पुरानी सर्वे रोड बैरक नम्बर-1, लोदीपुर-चांदमारी मार्ग को सेना के माध्यम से जबरन पांच माह से अधिक समय से बंद कर दिया गया है. इसके कारण ग्रामीण अनेकों तरह के कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं. यहां के लोगा शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और दैनिक दिनचर्या सम्बंधित समस्याओं के साथ नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं.
कई मरीजों की गई जान
कोरोना अवधि में रोड बन्द किया गया और रोड बन्द होने के बाद कई मरीजों की जान चली गई. शासन और प्रशासन में बैठे अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों ने रोड खुलवाने में बरती गई संवेदनहीनता से ग्रामीण आक्रोशित हैं. लंबे आंदोलन के बाद पिछले दिनों आंदोलनकारियों को वार्ता में बुलाकर एसडीओ ने मुकदमा करा दिया.
वोट का बहिष्कार करने का निर्णय
शासन और प्रशासन के संवेदनहीन रवैये के खिलाफ ग्रामीणों ने लोकतंत्र के महापर्व में शामिल न होने का फैसला लिया है. इसके साथ ही बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 3 नवंबर को होनेवाले वोट का बहिष्कार करने का फैसला लिया है.
कई लोग मौजूद
इस मौके पर मालती देवी, ज्ञानती देवी, उषा देवी, सीता देवी, सावित्री देवी, सुमित्रा देवी, देवी, कृष्णा मुनि, लक्ष्मीनिया देवी, पूनम, श्याम सुंदरी देवी, पप्पू यादव, लखन लाल,सोनू कुमार, वीरेंद्र कुमार, रमाशंकर सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे.