पटनाः बिहार में बुधवार 18 अक्टूबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बापू सभागार में चौथे कृषि रोड मैप की शुरुआत की. यह कृषि रोड मैप 2028 तक के लिए है. बिहार सरकार इस पर 1,62,000 करोड़ की राशि खर्च करेगी. बापू सभागार में सीएम नीतीश कुमार, राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे. नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने पूर्व के तीनों कृषि रोड मैप योजना पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की.
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"कृषि रोड मैप 2008 से शुरू हुआ, लेकिन अभी भी बिहार कृषि आमदनी में देश के सबसे निचले राज्यों में है. पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने खुलेआम कहा था कि विभाग में सभी चोर हैं. कृषि रोड मैप से किसानों को कोई फायदा नहीं हुआ है. पूर्व के तीनों कृषि रोड मैप योजना विफल साबित हुई है. सरकार को इस पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए."- विजय कुमार सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष
कृषि रोड मैप लूट का जरियाः विजय सिन्हा ने कहा कि कृषि रोड मैप सरकार के 12 विभागों द्वारा धन उगाही का जरिया बन गया है. उन्होंने कहा कि कृषि रोड मैप के तहत कृषि कैबिनेट भी बनाई गई थी, परंतु पिछले कई वर्षों में उसकी बैठक नहीं हुई. विजय सिन्हा ने मुख्यमंत्री के वक्तव्य का उल्लेख करते हुए कहा कि चौथ कृषि रोड मैप को उन्होंने अंतिम बताया है. जब योजनाएं कागज पर ही बनती है और कागज पर ही क्रियान्वयित होती है तो बाकी कृषि रोड मैप की तरह ही अंतिम कृषि रोड मैप का भी हश्र होगा. सिन्हा ने कहा कि सरकार चुनावी छलावा के रूप में कृषि रोड मैप का उपयोग कर रही है.
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