ETV Bharat / state

बोले विजय चौधरी: लोकसभा और विधानसभा अध्यक्षों के असीमित पावर की होनी चाहिए व्याख्या

लोकसभा अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर कई बार सवाल खड़े होते रहे हैं. मणिपुर मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष भी किसी पार्टी विशेष से संबंधित होते हैं. ऐसे में उनके निर्णय भी प्रभावित हो सकते हैं.

vijay chaudhary
विजय चौधरी
author img

By

Published : Jan 24, 2020, 12:19 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने कहा है कि संविधान की दसवीं अनुसूची में लोकसभा अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्षों को असीमित पावर दिए गए हैं. इसके कारण कई बार उनके निर्णय पर उंगली भी उठते रहे हैं. इसलिए इन अधिकारों की अब सही ढंग से व्याख्या होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने मणिपुर मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सही बताया है. विजय चौधरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक प्राधिकार बनाने की बात भी कही है.

मणिपुर मामले में कोर्ट का फैसला सही
लोकसभा अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर कई बार सवाल खड़े होते रहे हैं. मणिपुर मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष भी किसी पार्टी विशेष से संबंधित होते हैं. ऐसे में उनके निर्णय भी प्रभावित हो सकते हैं. वहां उन्होंने तय समय सीमा में फैसला लेने का निर्देश भी दिया है. विजय चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को सही ठहराया है.

देखें ये रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: पवन वर्मा पर बोले नीतीश कुमार- हमें कोई लिखित पत्र नहीं मिला है जो जवाब दें

'विधानसभा अध्यक्ष के पावर की हो व्याख्या'
बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने कहा कि हम तो लंबे समय से इस मामले को उठाते रहे हैं. दसवीं अनुसूची में लोकसभा अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्षों को असीमित पावर दे दिए गए हैं और अब समय आ गया है कि इसकी सही ढंग से व्याख्या हो जाए. जिससे इनके निर्णय पर उंगली ना उठाया जा सके और ना विवाद हो.

गरिमामय पद विवाद में ना आए
विधानसभा अध्यक्षों पर कई बार सदस्यों के निलंबन से लेकर कई तरह के फैसलों पर सवाल खड़े होते रहे हैं. बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने कहा कि यह गरिमामय पद आगे विवाद में ना आए, इसलिए जरूरी है कि विधानसभा अध्यक्ष क्या-क्या कर सकते हैं और किस तरह के फैसले ले सकते हैं, उसकी सही ढंग से व्याख्या होना जरूरी है.

पटना: बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने कहा है कि संविधान की दसवीं अनुसूची में लोकसभा अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्षों को असीमित पावर दिए गए हैं. इसके कारण कई बार उनके निर्णय पर उंगली भी उठते रहे हैं. इसलिए इन अधिकारों की अब सही ढंग से व्याख्या होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने मणिपुर मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सही बताया है. विजय चौधरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक प्राधिकार बनाने की बात भी कही है.

मणिपुर मामले में कोर्ट का फैसला सही
लोकसभा अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर कई बार सवाल खड़े होते रहे हैं. मणिपुर मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष भी किसी पार्टी विशेष से संबंधित होते हैं. ऐसे में उनके निर्णय भी प्रभावित हो सकते हैं. वहां उन्होंने तय समय सीमा में फैसला लेने का निर्देश भी दिया है. विजय चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को सही ठहराया है.

देखें ये रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: पवन वर्मा पर बोले नीतीश कुमार- हमें कोई लिखित पत्र नहीं मिला है जो जवाब दें

'विधानसभा अध्यक्ष के पावर की हो व्याख्या'
बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने कहा कि हम तो लंबे समय से इस मामले को उठाते रहे हैं. दसवीं अनुसूची में लोकसभा अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्षों को असीमित पावर दे दिए गए हैं और अब समय आ गया है कि इसकी सही ढंग से व्याख्या हो जाए. जिससे इनके निर्णय पर उंगली ना उठाया जा सके और ना विवाद हो.

गरिमामय पद विवाद में ना आए
विधानसभा अध्यक्षों पर कई बार सदस्यों के निलंबन से लेकर कई तरह के फैसलों पर सवाल खड़े होते रहे हैं. बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने कहा कि यह गरिमामय पद आगे विवाद में ना आए, इसलिए जरूरी है कि विधानसभा अध्यक्ष क्या-क्या कर सकते हैं और किस तरह के फैसले ले सकते हैं, उसकी सही ढंग से व्याख्या होना जरूरी है.

Intro:पटना-- बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने कहा है कि संविधान की दसवीं अनुसूची में लोकसभा अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्षों को असीमित पावर दिए गए हैं और इसके कारण कई बार उनके निर्णय पर उंगली भी उठते रहे हैं । इसलिए इन अधिकारों की सही ढंग से अब व्याख्या होनी चाहिए। मणिपुर मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सही बताया है। विजय चौधरी ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने एक प्राधिकार बनाने की बात भी कही है।
पेश है खास रिपोर्ट


Body:मणिपुर मामले में कोर्ट का फैसला सही--
लोकसभा अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर कई बार सवाल खड़ा होते रहे हैं मणिपुर मामले में भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष भी किसी पार्टी विशेष से संबंधित होते हैं ऐसे में उनके निर्णय भी प्रभावित हो सकते हैं वहां उन्होंने तय समय सीमा में फैसला लेने का निर्देश भी दिया है। विजय चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को सही ठहराया है।
बाईट-- विजय चौधरी बिहार विधानसभा अध्यक्ष
विधानसभा अध्यक्ष के पावर की को व्याख्या--
बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने कहा कि हम तो लंबे समय से इस मामले को उठाते रहे हैं । दसवीं अनुसूची में लोकसभा अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्षों को असीमित पावर दे दिए गए हैं और अब समय आ गया है कि इसकी सही ढंग से व्याख्या हो जाए जिससे इनके निर्णय पर उंगली ना उठाएं जा सके और विवाद ना हो।
बाईट-- विजय चौधरी बिहार विधानसभा अध्यक्ष


Conclusion: गरिमामय पद विवाद में ना आए ---
विधानसभा अध्यक्षों पर कई बार सदस्यों के निलंबन से लेकर कई तरह के फैसलों पर सवाल खड़े होते रहे हैं । बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी ने कहा है कि इससे यह गरिमामय पद आगे विवाद में ना आए इसलिए जरूरी है कि विधानसभा अध्यक्ष क्या-क्या कर सकते हैं किस तरह के फैसले ले सकते हैं उसकी सही ढंग से व्याख्या होना जरूरी है।
अविनाश, पटना।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.