पटना: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बाढ़ इकाई के कार्यकर्ताओं ने बिहार सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने एक बार फिर ‘रोजगार ढूंढो’ नामक कार्यक्रम से आंदोलन का आगाज किया.
एएनएस कॉलेज मोड़ पर कार्यकर्ताओं ने टॉर्च, मोमबती, लाइट जलाकर रोजगार को ढूंढने का प्रयास किया. साथ ही सरकार को इस आंदोलन के माध्यम से रोजगार देने की बात कही.
चोरी-छिपे STET की परीक्षा को सरकार ने किया रद्द
अभाविप बाढ़ के जिला संयोजक मुरली ने बताया कि बिहार सरकार के विरोध में 23 मई से परिषद का चरणबद्ध आंदोलन चल रहा है. हमारा प्रयास रहा है कि सरकार के बंद पड़े कानों में निस्पक्षता की आवाज पहुंचे. ताकि वह छात्र युवाओं के हित में निर्णय ले सके. कोविड-19 की भयंकर महामारी का बहाना लेकर बिहार सरकार ने चोरी-छिपे STET की परीक्षा को रद्द कर छात्रों के रोजगार से जुड़ने के विकल्प को ही बंद कर दिया.
मुरली का कहना है कि अहंकारी सरकार को अब बिहार के छात्रों के भविष्य की भी चिंता नहीं है. हम परिषद् के कार्यकर्ता इस महामारी के समय में भी सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए आंदोलन का आगाज कर चरणबद्ध रूप से करते आ रहे हैं. इस दौरान मांग की गई की सरकार निजी स्कूलों के तीन माह की शुल्क माफ करें. बिहार के युवा छात्र-छात्राओं के रूम रेन्ट और छात्रावास शुल्क माफ करे. सरकार द्वारा पुनर्विचार करते हुए STET की परीक्षा परिणाम जल्द घोषित किए जाने की मांग की गई.
इस परिस्थिति में सरकार क्यों है मौन
कार्यकर्ताओं का कहना था कि इस परिस्थिति में आखिर सरकार मौन क्यों हैं ? क्या सरकार पुनः युवाओं को भटकाकर एक बार फिर सत्ता हथियाना चाहती है? इसी प्रकार हम अभाविप विभिन्न तरीकों से आंदोलन करते हुए सरकार को छात्र हित एवं रोजगार पर उचित निर्णय लेने के लिए बाध्य करेंगे.