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बिहार में बाढ़ का कहर: अब महंगी हुई सब्जियां, जेब होने लगी हल्की

एक तरफ जहां सब्जी महंगी होने की वजह से आम लोगों की थालियों से दूर हो गई है. वहीं सब्जी व्यापारियों के कारोबार पर भी इसका असर हुआ है.

सब्जी मंडी
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Published : Jul 22, 2019, 12:05 AM IST

पटनाः बिहार में पिछले दिनों हुई लगातर बारिश से राज्य के 12 जिलों में बाढ़ की स्थिति हो गई. इसके चलते सब्जियों के दाम आसमान पर चढ़ गए हैं. महंगाई के इस दौर में जहां बिहार में भीषण जल प्रलय की स्थिति है. वहीं, दूसरी तरफ सब्जियों के दाम पॉकिट हल्की करने में तुले हैं.

सबसे सस्ती 40 रूपये किलो
राजधानी पटना के आम लोग इन दिनों सब्जी मंडियो से दूरी बना रहे हैं. इसका कारण है सब्जियों के आसमान छूते भाव. मंडी में गोभी और बैंगन 60 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं. मंडी की सबसे सस्ती सब्जी लौकी है जिसकी कीमत 40 रुपया प्रति पीस है.

पटना की सब्जी मंडी

'झोला रहता है खाली'
सब्जी विक्रेताओं ने महंगी होती सब्जियों पर कहा कि पिछले दिनों हुई लगातार बारिश से सब्जियों के पौधों में लगे फूल झड़ गए. खेतों में लंबे समय तक पानी लगे होने की वजह से पौधे गल गए. जिससे मांग की अनुपात में उपलब्धता बहुत कम है. लिहाजा सब्जियां महंगी हो गई है. उन्होंने कहा कि सब्जियों के भाव में अप्रत्याशित वृद्धि से हमारा कारोबार पर भी प्रभावित हुआ है. लोग सब्जी खरीद तो रहे है लेकिन खपत कम हो गई है. जिनके घर की खपत 2 किलो थी वो आधे किलो से काम चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि सब्जियों के बढे हुए दाम सुन कर ग्राहक हम पर झल्ला भी जाते हैं.

सब्जियों के भाव

भिंडी 40 प्रति किलो
नेनुआ 45 प्रति किलो
बैंगन 60 प्रति किलो
गोभी 65 प्रति किलो
परवल 40 प्रति किलो
करेला 40 प्रति किलो
फूलगोभी 65 प्रति किलो
टमाटर 50 प्रति किलो
कच्चा केला 40 प्रति दर्जन

पटनाः बिहार में पिछले दिनों हुई लगातर बारिश से राज्य के 12 जिलों में बाढ़ की स्थिति हो गई. इसके चलते सब्जियों के दाम आसमान पर चढ़ गए हैं. महंगाई के इस दौर में जहां बिहार में भीषण जल प्रलय की स्थिति है. वहीं, दूसरी तरफ सब्जियों के दाम पॉकिट हल्की करने में तुले हैं.

सबसे सस्ती 40 रूपये किलो
राजधानी पटना के आम लोग इन दिनों सब्जी मंडियो से दूरी बना रहे हैं. इसका कारण है सब्जियों के आसमान छूते भाव. मंडी में गोभी और बैंगन 60 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं. मंडी की सबसे सस्ती सब्जी लौकी है जिसकी कीमत 40 रुपया प्रति पीस है.

पटना की सब्जी मंडी

'झोला रहता है खाली'
सब्जी विक्रेताओं ने महंगी होती सब्जियों पर कहा कि पिछले दिनों हुई लगातार बारिश से सब्जियों के पौधों में लगे फूल झड़ गए. खेतों में लंबे समय तक पानी लगे होने की वजह से पौधे गल गए. जिससे मांग की अनुपात में उपलब्धता बहुत कम है. लिहाजा सब्जियां महंगी हो गई है. उन्होंने कहा कि सब्जियों के भाव में अप्रत्याशित वृद्धि से हमारा कारोबार पर भी प्रभावित हुआ है. लोग सब्जी खरीद तो रहे है लेकिन खपत कम हो गई है. जिनके घर की खपत 2 किलो थी वो आधे किलो से काम चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि सब्जियों के बढे हुए दाम सुन कर ग्राहक हम पर झल्ला भी जाते हैं.

सब्जियों के भाव

भिंडी 40 प्रति किलो
नेनुआ 45 प्रति किलो
बैंगन 60 प्रति किलो
गोभी 65 प्रति किलो
परवल 40 प्रति किलो
करेला 40 प्रति किलो
फूलगोभी 65 प्रति किलो
टमाटर 50 प्रति किलो
कच्चा केला 40 प्रति दर्जन
Intro:बिहार में पिछले दिनों हुई लगातर बारिश से जहां राज्य के दर्जनों जिलों में बाढ़ का आलम है...तो वही अब इनका असर राजधानी पटना के हरी सब्जी के मंडियो में भी दिखने लगा है।


Body:राजधानी के आम लोग इनदिनों हरी सब्जी मंडियो से दूरी बना रखी है...इसका कारण है सब्जियों के आसमान छूते भाव..वही अगर सबसे महंगे सब्जी की बात करें..बोदी और बैंगन 60 रुपए प्रति किलो बिक रहे है..तो वही मंडी की सबसे सस्ती सब्जी लौकी है..जो प्रति पीस 35 रुपए है।

वही सब्जी विक्रेताओं ने सब्जी के बड़े दाम के सवाल पर कहा कि पिछले दिनों हुई लगातार बारिश से सब्जियों के पौधों में लगे फूल झड़ गए और खेतों में लगे पानी की वजह से कुछ पौधे गल जाने के कारण मांगे के अनुपात उपलब्धता कम होने की वजह से सब्जियां महंगी है।वही उन्होंने कहा इसके कारण हमारे कारोबार पर भी असर पड़ा रहा है...क्योंकि महंगी होने के कारण कम ही लोग खरीददारी करने आते है..उन्होंने कहा कभी कभी ग्राहक महंगी होने की बात पर लड़ भी जाते है..जिससे हम सभी को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

सब्जियों के रेट।
भिंडी------40 प्रति किलो
नेनुआ-----45 प्रति किलो
बैंगन------60 प्रति किलो
बोदी-------65 प्रति किलो
परवल-----40 प्रति किलो
करेला-----40 प्रति किलो
फूलगोभी--65 प्रति किलो
टमाटर-----50 प्रति किलो
कच्चा केला--40 प्रति दर्जन

बहरहाल कुछ दिनों तक अभी और हरी सब्जियां आमलोगों की थालियों से दूर ही रहने वाली है..जिससे विक्रेता और खरीददारों आमने सामने होंगे।


Conclusion:
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