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पार्टी का नियम सबके लिए समान, अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहींः वशिष्ठ नारायण सिंह

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि पार्टी का अनुशासन सब पर एक समान लागू होता है. जब आम कार्यकर्ता और नेताओं पर कार्रवाई हो सकती है को बड़े नेताओं पर क्यों नहीं.

पटना
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Published : Jan 30, 2020, 7:17 PM IST

पटनाः प्रशांत किशोर और पवन वर्मा पर कार्रवाई कर नीतीश कुमार ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी संदेश दिया है कि दल के बड़ा को कोई नहीं है. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि पार्टी का अनुशासन सब पर एक समान लागू होता है.

'अनुशासनहीनता को लेकर कार्रवाई'
वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा ने कहा कि प्रशांत किशोर को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था और पवन वर्मा राष्ट्रीय महासचिव थे. पवन वर्मा को राजसभा भी भेजा गया था. यहां तक कि वो मुख्यमंत्री के सलाहकार भी रह चुके थे. लेकिन अनुशासनहीनता को लेकर दोनों पर कार्रवाई की गई.

'पार्टी में सभी एक समान'
वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि पार्टी का नियम सबके लिए एक जैसा है. जब पार्टी के आम कार्यकर्ता और नेताओं पर कार्रवाई हो सकती है को बड़े नेताओं पर क्यों नहीं. उन्होंने कहा कि यह ना केवल बागियों के लिए बल्कि पार्टी के सभी नेताओं के लिए भी एक मैसेज है.

वशिष्ठ नारायण सिंह से ईटीवी की खास बातचीत

कार्यकर्ताओं के लिए संदेश
नागरिकता संशोधन कानून और एनपीआर को लेकर पार्टी में प्रशांत किशोर के बाद कई नेता बोलने लगे थे. इस पर मंत्री श्याम रजक और विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी ने भी अपना विरोध जताया था. गुलाम रसूल बलियावी ने तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन करने पर पत्र भी लिखा था. लिहाजा प्रशांत किशोर और पवन वर्मा पर हुई कार्रवाई सभी के संदेश भी दिया गया है कि पार्टी के फैसले का सम्मान सभी को करना पड़ेगा.

पटनाः प्रशांत किशोर और पवन वर्मा पर कार्रवाई कर नीतीश कुमार ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी संदेश दिया है कि दल के बड़ा को कोई नहीं है. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि पार्टी का अनुशासन सब पर एक समान लागू होता है.

'अनुशासनहीनता को लेकर कार्रवाई'
वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा ने कहा कि प्रशांत किशोर को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था और पवन वर्मा राष्ट्रीय महासचिव थे. पवन वर्मा को राजसभा भी भेजा गया था. यहां तक कि वो मुख्यमंत्री के सलाहकार भी रह चुके थे. लेकिन अनुशासनहीनता को लेकर दोनों पर कार्रवाई की गई.

'पार्टी में सभी एक समान'
वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि पार्टी का नियम सबके लिए एक जैसा है. जब पार्टी के आम कार्यकर्ता और नेताओं पर कार्रवाई हो सकती है को बड़े नेताओं पर क्यों नहीं. उन्होंने कहा कि यह ना केवल बागियों के लिए बल्कि पार्टी के सभी नेताओं के लिए भी एक मैसेज है.

वशिष्ठ नारायण सिंह से ईटीवी की खास बातचीत

कार्यकर्ताओं के लिए संदेश
नागरिकता संशोधन कानून और एनपीआर को लेकर पार्टी में प्रशांत किशोर के बाद कई नेता बोलने लगे थे. इस पर मंत्री श्याम रजक और विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी ने भी अपना विरोध जताया था. गुलाम रसूल बलियावी ने तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन करने पर पत्र भी लिखा था. लिहाजा प्रशांत किशोर और पवन वर्मा पर हुई कार्रवाई सभी के संदेश भी दिया गया है कि पार्टी के फैसले का सम्मान सभी को करना पड़ेगा.

Intro:पटना-- जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा प्रशांत किशोर और पवन वर्मा पर कार्रवाई का साफ मैसेज है कि पार्टी से बड़ा कोई नहीं है। वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा बागियों और पार्टी के सभी नेता के लिए भी यह एक मैसेज है। पार्टी का अनुशासन सबके लिए समान है।


Body: अनुशासन तोड़ने वालों पर कार्रवाई---
जदयू में प्रशांत किशोर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए थे और पवन वर्मा को भी राष्ट्रीय पदाधिकारी बनाया गया था । पवन वर्मा को तो राजसभा भी जदयू ने भेजा था । यही नहीं मुख्यमंत्री के सलाहकार भी रह चुके हैं ।लेकिन अनुशासनहीनता को लेकर दोनों पर कार्रवाई हुई है। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा अनुशासनहीनता कोई करें यह कार्रवाई उसी के लिए मैसेज है ।

पार्टी से बड़ा कोई नहीं---
वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि पार्टी से बड़ा कोई नहीं है। जब आम कार्यकर्ता और नेता पर कार्रवाई हो सकती है तो बड़े नेताओं पर भी। पार्टी अनुशासन से ही चलती है यह न केवल बागियों के लिए बल्कि पार्टी के सभी नेताओं के लिए भी एक मैसेज है।
बाईट-- वशिष्ठ नारायण सिंह जदयू प्रदेश अध्यक्ष।



Conclusion:पार्टी के बागियों के लिए मैसेज है पीके पर कार्रवाई---
नागरिकता संशोधन कानून और एनपीआर को लेकर पार्टी में प्रशांत किशोर के आवाज उठाने के बाद कई नेता बोलने लगे थे। मंत्री श्याम रजक और विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी ने भी अपना विरोध जताया था। गुलाम रसूल बलियावी ने तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन करने पर पत्र भी लिखा था । इसी तरह कई मुस्लिम विधायक भी पार्टी के फैसले से खुश नहीं हैं। लेकिन प्रशांत किशोर और पवन वर्मा पर हुई कार्रवाई के बाद वशिष्ठ नारायण सिंह का साफ कहना है कि यह सभी के लिए एक मैसेज है। पार्टी ने जो फैसला लिया है उसका सम्मान होना चाहिए और पार्टी का जो अनुशासन है सब को मानना होगा । पार्टी के सभी नेता अनुशासन से बंधे हुए हैं चाहे वह बड़े नेता हो या छोटे।
अविनाश, पटना।
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