पीलीभीत/पटनाः बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Varun Gandhi wrote Letter To CM Nitish Kumar) को ट्वीट के जरिए एक पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने कहा है कि 8 मई को बीपीएससी द्वारा आयोजित प्रारंभिक परीक्षा का पेपर लीक (BPSC Paper Leak Case) होने की वजह से परीक्षा रद्द कर दी गई थी. भ्रष्ट तंत्र एवं आयोग के अंदर स्वार्थी व भ्रष्टाचारी तत्व की मिलीभगत से लगभग 600000 विद्यार्थियों का परिश्रम, मूल्यांकन और समय बेकार चला गया. इससे ना सिर्फ अभ्यार्थियों के मनोबल को गहरा आघात लगा है बल्कि परीक्षार्थियों का भविष्य भी अधर में लटक गया है.
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आदरणीय @NitishKumar जी,
— Varun Gandhi (@varungandhi80) June 7, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
बीपीएससी में हुई धांधली से 6 लाख अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में है।
निष्पक्ष जांच,मुख्य साजिशकर्ता की गिरफ्तारी,परीक्षा की तारीख पर संशय एवं BPSC चेयरमैन की बर्खास्तगी जैसे कई मुद्दे हैं, जिनपर तत्काल कार्रवाई न्याय के साथ विकास की अवधारणा को मजबूती देगी। pic.twitter.com/YVzihfbKWw
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— Varun Gandhi (@varungandhi80) June 7, 2022
बीपीएससी में हुई धांधली से 6 लाख अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में है।
निष्पक्ष जांच,मुख्य साजिशकर्ता की गिरफ्तारी,परीक्षा की तारीख पर संशय एवं BPSC चेयरमैन की बर्खास्तगी जैसे कई मुद्दे हैं, जिनपर तत्काल कार्रवाई न्याय के साथ विकास की अवधारणा को मजबूती देगी। pic.twitter.com/YVzihfbKWwआदरणीय @NitishKumar जी,
— Varun Gandhi (@varungandhi80) June 7, 2022
बीपीएससी में हुई धांधली से 6 लाख अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में है।
निष्पक्ष जांच,मुख्य साजिशकर्ता की गिरफ्तारी,परीक्षा की तारीख पर संशय एवं BPSC चेयरमैन की बर्खास्तगी जैसे कई मुद्दे हैं, जिनपर तत्काल कार्रवाई न्याय के साथ विकास की अवधारणा को मजबूती देगी। pic.twitter.com/YVzihfbKWwआदरणीय @NitishKumar जी,
— Varun Gandhi (@varungandhi80) June 7, 2022
बीपीएससी में हुई धांधली से 6 लाख अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में है।
निष्पक्ष जांच,मुख्य साजिशकर्ता की गिरफ्तारी,परीक्षा की तारीख पर संशय एवं BPSC चेयरमैन की बर्खास्तगी जैसे कई मुद्दे हैं, जिनपर तत्काल कार्रवाई न्याय के साथ विकास की अवधारणा को मजबूती देगी। pic.twitter.com/YVzihfbKWw
इपने पत्र में उन्होंने ये भी लिखा है कि कई अभ्यर्थियों ने विभिन्न माध्यमों से मुझसे संपर्क किया. मैंने स्वयं उनसे बात की और उनकी व्यथा में इस पत्र के माध्यम से आप तक पहुंचने का माध्यम बन रहा हूं. वरुण गांधी ने लिखा कि 'लाखों परिश्रमी युवा अभ्यार्थी प्रदेश में दूरदराज से परीक्षा देने अलग-अलग केंद्रों पर पहुंचे थे. आर्थिक संकट से जूझ रहे कई अभ्यर्थियों ने सड़कों पर रातें गुजार दीं. इस उम्मीद में कि परीक्षा निकट भविष्य में दोबारा ली जाएगी'. वरुण गांधी ने लिखा कि बीपीएससी जैसे प्रतिष्ठित संस्था की गिरती साख को संभालें लाखों युवाओं के साथ साथ महान राज्य बिहार का भविष्य भी आपके हाथ में है.
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वरुण ने लिखा कि बिहार सरकार द्वारा गठित जांच कमेटी ने आनन-फानन में जांच कर इस कांड में कुछ लोगों की गिरफ्तारी की लेकिन अभी तक सफेदपोश नकल माफियाओं का बेनकाब होना बाकी है. जो कृत के सूत्रधार हैं. वरूण गांधी ने सभी पीड़ित छात्रों की तरफ से अपनी मांग को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष रखते हुए कहा है कि आयोग की इस बड़ी नाकामी के जवाब दें. बीपीएससी के अध्यक्ष को बर्खास्त किया जाए. नए सिरे से निष्पक्ष जांच कमेटी गठित कर फिर से जांच कराई जाए. साथ ही साथ लाखों अभ्यर्थियों की पीड़ा को संज्ञान में लेते हुए यह परीक्षा पारदर्शी प्रक्रिया अपनाते हुए जल्द से जल्द आयोजित कराई जाए.
बीपीएससी पेपर लीक मामले में कई गिरफ्तार : बता दें कि आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने बीपीएससी पेपर लीक कांड में अब तक 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बीपीएससी के 67वीं प्रीलिम्स परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने के संबंध में आर्थिक अपराध थाना कांड संख्या 20/2022 दर्ज किया गया है. इसमें धारा 420 467 468 120 (भा.द.वि.) 66 आईटी एक्ट व धारा-3/10 बिहार परीक्षा नियंत्रण अधिनियम 1981 दर्ज किया गया है.
कदमकुआं में बना रखा था कंट्रोल रूम : इस मामले में टीम ने राजधानी पटना के कदमकुआं स्थित एक किराए के मकान से दो युवकों को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद से पूरे मामले की परत दर परत खुलती चली गई. आर्थिक अपराध इकाई के अनुसार इसी किराए के मकान को कंट्रोल रूप की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था. यही से पेपर लीक की सारी गतिविधि पर नजर रखी जा रही थी. बता दें कि इसी मकान से आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने दो युवकों को गिरफ्तार किया था.
प्रश्न पत्र लीक मामले में इस कॉलेज की चर्चा: बता दें कि बीपीएससी 67वीं पीटी की परीक्षा के प्रश्न पत्र आरा के वीर कुंवर सिंह कॉलेज से लीक हुए थे और उसके बाद इस पूरे मामले के कारण पूरे बिहार की किरकिरी एक बार फिर से पूरे देश में हुई थी. हालांकि मामले की जानकारी मिलते ही आयोग ने इस परीक्षा को रद्द करने के साथ-साथ इस पूरे मामले की जांच करने के आदेश जारी किए थे.
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