ETV Bharat / state

Valentine's Day 2023 : .. तो क्या हुआ आंख से नहीं दिखता.. देखना तो दिल को है.. सौरवजीत-करिश्मा की LOVE STORY खास है - ईटीवी भारत

पटना के सौरवजीत और महाराष्ट्र की करिश्मा नेत्रहीन हैं. मुम्बई में रिहैबिलिटेशन कोर्स के दौरान दोनों की मुलाकात हुई और शादी का फैसला लिया. लड़की के घरवाले शादी के खिलाफ थे इसलिए दोनों ने घर से भागकर कोर्ट में शादी कर ली. शादी के 11 साल बाद भी दोनों वैलेंटाइन डे को काफी अच्छे तरीके से सेलिब्रेट करते हैं. पढ़ें प्यार की अनोखी दास्तां..

Valentine Special love story of Patna
Valentine Special love story of Patna
author img

By

Published : Feb 14, 2023, 5:31 PM IST

Updated : Feb 14, 2023, 7:37 PM IST

प्यार की अनोखी स्टोरी

पटना: वैलेंटाइन डे के मौके पर आज हम आपको एक ऐसी जोड़ी की कहानी बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी मन की आंखों से एक दूसरे को पसंद किया और शादी के बंधन में बंध गए. नेत्रहीन सौरवजीत और करिश्मा की प्रेम कहानी बाकी प्रेमियों से बिल्कुल अलग और अनोखी है. अमूमन लड़का-लड़की के बीच मोहब्बत की कहानी एक दूसरे की सुंदरता पर मोहित होने बाद ही शुरू होती है. सुंदरता चाहे काया की हो या फिर उसके गुण की. लेकिन पटना में ठीक उलट दो दृष्टिबाधित युवक-युवती 11 सालों से अपने प्यार के बंधन को निभा रहे हैं.

पढ़ें- Valentine's Day 2023: पंडित के साथ घूम रहे बजरंग दल और VHP कार्यकर्ता, पार्कों के आगे जलाया वैलेंटाइन कार्ड्स

बिहार के सौरवजीत को महाराष्ट्र की करिश्मा से हुआ प्यार: सौरवजीत और करिश्मा का प्यार साल 2009 में मुंबई से शुरू हुआ. दोनों की दोस्ती ने प्रेम का रूप ले लिया. यही नहीं दोनों के बीच बीते दो साल से चला आ रहा प्रेम एक दिन विवाह के बंधन में बदल गया. पटना के रहने वाले सौरवजीत कुमार और महाराष्ट्र की रहने वाली करिश्मा की चर्चा इन दिनों खूब हो रही है. दृष्टिबाधित कपल की सक्सेसफुल लव स्टोरी के सभी कायल हैं.

रिहैबिलिटेशन कोर्स के दौरान हुई मुलाकात: सौरवजीत ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि मेरी प्रेम कहानी की शुरुआत 2009 में हुई. मैं बिहार से मुम्बई में रिहैबिलिटेशन कोर्स करने गया था. ठीक उसी समय महाराष्ट्र की करिश्मा का भी बैच शुरू हुआ था, लेकिन उस समय करिश्मा से जान पहचान नहीं थी. करिश्मा अपने दोस्तों के साथ मेरे कैंपस में विजिट करने पहुंची तो मैंने अपने मन की दृष्टि से इनको देखा और जब हमारा इनसे इंट्रोडक्शन हुआ तो मुझे ऐसा लगा कि काश मेरी जिंदगी में ऐसी लड़की आ जाए.

"मैंने सोचा कि अगर करिश्मा मेरी जिंदगी में आ जाती तो जिंदगी संवर जाती. लेकिन 2009 में प्यार की शुरुआत नहीं हो पाई. 2010 में जब हम लोग फिजियोथैरेपी डिप्लोमा करने पहुंचे तो एक ही कैंपस में रहना होता था और क्लास भी एक ही बैच में था. इसलिए हम लोग एक साथ ही बस से आना-जाना करते थे. इस दरमियान दोस्ती हो गई. करिश्मा के पास उस समय मोबाइल नहीं था. करिश्मा मेरे मोबाइल से अपने मम्मी पापा से बात किया करती थी."-सौरवजीत

'मैंने मोबाइल करिश्मा को किया था गिफ्ट': सौरवजीत बताते हैं कि पहले सिर्फ बात विचार होता था. जब कोर्स खत्म हुआ तो करिश्मा मेरे पास आकर बोली कि अब मैं घर चली जाऊंगी तो मैंने जवाब दिया कि अब तो मेरा मन नहीं लगेगा. इसपर करिश्मा का भी वही जवाब था कि मेरा भी मन नहीं लगेगा. बस बात बात में ही प्यार का इजहार हो गया. मुझे इस बात की चिंता थी कि करिश्मा के पास मोबाइल नहीं है अगर वह घर चली जाएगी तो फिर बात कैसे होगी. मैंने एक मोबाइल खरीद कर करिश्मा को गिफ्ट किया. मोबाइल के जरिए हम दोनों बातचीत करते रहेंगे. बाद में हम दोनों ने शादी कर ली.

'घर वाले थे शादी के खिलाफ': वहीं करिश्मा ने कहा कि प्यार करने के बाद शादी में काफी दिक्कत आई. मां को जब पता चला तो मां ने साफ तौर पर मना किया कि वह बिहारी लड़का है और तुम महाराष्ट्र की हो. उस लड़के की जाति अलग है. अगर उस लड़के से शादी होगी तो गांव समाज के लोग क्या कहेंगे? इसलिए घर परिवार वाले इस शादी के खिलाफ में थे.

"हमने मन में यही ठाना कि जब शादी करेंगे तो बिहारी सौरवजीत से ही. जब हम दोनों आंखों से नहीं देख सकते हैं तो शादी करने में कोई दिक्कत नहीं है. अगर किसी अच्छे लड़के से शादी करेंगे तो काफी दिक्कत होगी. ऐसी कई घटना है जिसमें लड़की को छोड़ दिया जाता है. जब सौरव से बात करते थे तो मम्मी मारती पिटती थी. एक दिन सोरव ने फोन करके कहा कि मैं आ रहा हूं. तुम मेरे साथ चलो फिर क्या था हम दोनों राजी हुए और सौरवजीत मुम्बई से महाराष्ट्र मेरे घर पहुंचे और मैं घर के बगल में जिस कपड़े में थी उसी कपड़े में सौरवजीत के साथ भाग निकली. फिर हम लोग मुंबई में आकर कोर्ट मैरिज कर लिए."- करिश्मा

दो बच्चे हैं: सौरवजीत और करिश्मा ने साल 2010 में बांद्रा कोर्ट मे शादी कर ली. हर साल वैलेंटाइन डे को दोनों सेलिब्रेट करते हैं. दोनों की शादी को 11 साल हो गए और दो लड़के हैं. पटना में दोनों एकसाथ काम भी कर रहे हैं.. सौरवजीत ने कहा कि अगर जिंदगी में जब किसी से प्यार हो जाता है तो मरने का डर नहीं होता है.

प्यार की अनोखी स्टोरी

पटना: वैलेंटाइन डे के मौके पर आज हम आपको एक ऐसी जोड़ी की कहानी बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी मन की आंखों से एक दूसरे को पसंद किया और शादी के बंधन में बंध गए. नेत्रहीन सौरवजीत और करिश्मा की प्रेम कहानी बाकी प्रेमियों से बिल्कुल अलग और अनोखी है. अमूमन लड़का-लड़की के बीच मोहब्बत की कहानी एक दूसरे की सुंदरता पर मोहित होने बाद ही शुरू होती है. सुंदरता चाहे काया की हो या फिर उसके गुण की. लेकिन पटना में ठीक उलट दो दृष्टिबाधित युवक-युवती 11 सालों से अपने प्यार के बंधन को निभा रहे हैं.

पढ़ें- Valentine's Day 2023: पंडित के साथ घूम रहे बजरंग दल और VHP कार्यकर्ता, पार्कों के आगे जलाया वैलेंटाइन कार्ड्स

बिहार के सौरवजीत को महाराष्ट्र की करिश्मा से हुआ प्यार: सौरवजीत और करिश्मा का प्यार साल 2009 में मुंबई से शुरू हुआ. दोनों की दोस्ती ने प्रेम का रूप ले लिया. यही नहीं दोनों के बीच बीते दो साल से चला आ रहा प्रेम एक दिन विवाह के बंधन में बदल गया. पटना के रहने वाले सौरवजीत कुमार और महाराष्ट्र की रहने वाली करिश्मा की चर्चा इन दिनों खूब हो रही है. दृष्टिबाधित कपल की सक्सेसफुल लव स्टोरी के सभी कायल हैं.

रिहैबिलिटेशन कोर्स के दौरान हुई मुलाकात: सौरवजीत ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि मेरी प्रेम कहानी की शुरुआत 2009 में हुई. मैं बिहार से मुम्बई में रिहैबिलिटेशन कोर्स करने गया था. ठीक उसी समय महाराष्ट्र की करिश्मा का भी बैच शुरू हुआ था, लेकिन उस समय करिश्मा से जान पहचान नहीं थी. करिश्मा अपने दोस्तों के साथ मेरे कैंपस में विजिट करने पहुंची तो मैंने अपने मन की दृष्टि से इनको देखा और जब हमारा इनसे इंट्रोडक्शन हुआ तो मुझे ऐसा लगा कि काश मेरी जिंदगी में ऐसी लड़की आ जाए.

"मैंने सोचा कि अगर करिश्मा मेरी जिंदगी में आ जाती तो जिंदगी संवर जाती. लेकिन 2009 में प्यार की शुरुआत नहीं हो पाई. 2010 में जब हम लोग फिजियोथैरेपी डिप्लोमा करने पहुंचे तो एक ही कैंपस में रहना होता था और क्लास भी एक ही बैच में था. इसलिए हम लोग एक साथ ही बस से आना-जाना करते थे. इस दरमियान दोस्ती हो गई. करिश्मा के पास उस समय मोबाइल नहीं था. करिश्मा मेरे मोबाइल से अपने मम्मी पापा से बात किया करती थी."-सौरवजीत

'मैंने मोबाइल करिश्मा को किया था गिफ्ट': सौरवजीत बताते हैं कि पहले सिर्फ बात विचार होता था. जब कोर्स खत्म हुआ तो करिश्मा मेरे पास आकर बोली कि अब मैं घर चली जाऊंगी तो मैंने जवाब दिया कि अब तो मेरा मन नहीं लगेगा. इसपर करिश्मा का भी वही जवाब था कि मेरा भी मन नहीं लगेगा. बस बात बात में ही प्यार का इजहार हो गया. मुझे इस बात की चिंता थी कि करिश्मा के पास मोबाइल नहीं है अगर वह घर चली जाएगी तो फिर बात कैसे होगी. मैंने एक मोबाइल खरीद कर करिश्मा को गिफ्ट किया. मोबाइल के जरिए हम दोनों बातचीत करते रहेंगे. बाद में हम दोनों ने शादी कर ली.

'घर वाले थे शादी के खिलाफ': वहीं करिश्मा ने कहा कि प्यार करने के बाद शादी में काफी दिक्कत आई. मां को जब पता चला तो मां ने साफ तौर पर मना किया कि वह बिहारी लड़का है और तुम महाराष्ट्र की हो. उस लड़के की जाति अलग है. अगर उस लड़के से शादी होगी तो गांव समाज के लोग क्या कहेंगे? इसलिए घर परिवार वाले इस शादी के खिलाफ में थे.

"हमने मन में यही ठाना कि जब शादी करेंगे तो बिहारी सौरवजीत से ही. जब हम दोनों आंखों से नहीं देख सकते हैं तो शादी करने में कोई दिक्कत नहीं है. अगर किसी अच्छे लड़के से शादी करेंगे तो काफी दिक्कत होगी. ऐसी कई घटना है जिसमें लड़की को छोड़ दिया जाता है. जब सौरव से बात करते थे तो मम्मी मारती पिटती थी. एक दिन सोरव ने फोन करके कहा कि मैं आ रहा हूं. तुम मेरे साथ चलो फिर क्या था हम दोनों राजी हुए और सौरवजीत मुम्बई से महाराष्ट्र मेरे घर पहुंचे और मैं घर के बगल में जिस कपड़े में थी उसी कपड़े में सौरवजीत के साथ भाग निकली. फिर हम लोग मुंबई में आकर कोर्ट मैरिज कर लिए."- करिश्मा

दो बच्चे हैं: सौरवजीत और करिश्मा ने साल 2010 में बांद्रा कोर्ट मे शादी कर ली. हर साल वैलेंटाइन डे को दोनों सेलिब्रेट करते हैं. दोनों की शादी को 11 साल हो गए और दो लड़के हैं. पटना में दोनों एकसाथ काम भी कर रहे हैं.. सौरवजीत ने कहा कि अगर जिंदगी में जब किसी से प्यार हो जाता है तो मरने का डर नहीं होता है.

Last Updated : Feb 14, 2023, 7:37 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.