पटना : बिहार में जातीय जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक होने के बाद विभिन्न जातीय संगठन लगातार इसका विरोध कर रहे हैं और आरोप लगाया जा रहा है कि सरकार ने आंकड़े सार्वजनिक किए हैं. वह गलत है. इसी कड़ी में अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन ने गर्दनीबाग धरनास्थल पर इसको लेकर एक धारना का आयोजन किया है. इसमें भाजपा की सांसद रमा देवी और बीजेपी के विधायक पवन जायसवाल भी मौजूद थे.
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'जानबूझकर कम दिखाई गई वैश्य समाज की संख्या' : धरना के दौरान वैश्य समाज से आने वाले नेताओं ने सीधा-सीधा आरोप लगाया कि बिहार में वैश्य समाज की संख्या को काफी कम करके दिखाया गया है, जो कि पूरी तरह से गलत है. सरकार ने जानबूझकर इस तरह के आंकड़े पेश किए हैं और इसके खिलाफ ही हमलोग आज धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. धरना पर बैठे बीजेपी के विधायक पवन जायसवाल ने कहा कि बिहार में हमारी आबादी को कम बताया गया है, जबकि हमारी आबादी बिहार में 15% से भी ज्यादा है.
"हमारी आबादी को काफी कम दिखाने की कोशिश की गई है और यह सरकार की साजिश है. सरकार ने जानबूझकर ऐसा किया है. इसीलिए इसके विरोध में हमलोग आज धरना पर बैठे हुए हैं. हम सरकार से मांग करते हैं कि जातीय जनगणना फिर से कराई जाए. क्योंकि समाज की कई जाति के लोग हैं, जो इस तरह की शिकायत आंकड़े सार्वजनिक होने के बाद कर रहे हैं."- पवन जायसवाल, विधायक, बीजेपी
एक खास जाति की ज्यादा बताई गई है संख्या : पवन जायसवाल ने कहा कि इसलिए हम सरकार से मांग करेंगे कि जल्द से जल्द वैसे जाति की संख्या को ठीक से गिनवाया जाए. अगर सरकार ऐसा नहीं करेगी तो निश्चित तौर पर हमलोग पूरे बिहार में आंदोलन करेंगे और सरकार की पोल खोलेंगे कि किस तरह से सरकार के मुलाजिम घर बैठे ही जातीय जनगणना के आंकड़े पेश कर देते हैं. उन्होंने कहा कि एक विशेष जाति और कौम के लोगों की आबादी को सरकार ने जानबूझकर ज्यादा बताने की कोशिश की है, जो की सही नहीं है.