पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए तारीखों का एलान हो गया है. इस चुनाव में राज्य के सभी वर्गों के लोग अपनी-अपनी दावेदारी पेश करेंगे. इसी कड़ी में वैश्य समाज के लोगों ने भी चुनावी मैदान में उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. इस बार वैश्य महापंचायत के नेता 51 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.
विधानसभा चुनाव लड़ने के बार में वैश्य समाज के लोगों का कहना है कि जब वोट हमारा और नेता दूसरे लोग बनते हैं. इस बार हम अपने समाज के लोगों को नेता बनाएंगे और उसे विधानसभा भेजेंगे. राजनीतिक पार्टियां हमारे समाज पर ध्यान नहीं देती है. इस बार हमारा समाज आर या पार की स्थिति में है.
वैश्य समाज के नेता खुद ही लड़ेंगे चुनाव
वैश्य महापंचायत के प्रदेश संयोजक कमल नोपानी ने कहा कि बिहार में वैश्य समाज के सभी राजनीतिक गतिविधियों में अपनी अहम भूमिका रहती है. व्यावसायिक गतिविधि के अलावा सामाजिक, आध्यात्मिक, बाढ़, सूखा और कोरोना जैसे महामारी में भी व्यवसाय संघ काफी बढ़ चढ़कर लोगों की सेवा किया था. वहीं, समुचित प्रतिनिधित्व या भागीदारी रहने के बाद भी व्यवसायी समाज को कहीं जगह नहीं दिया जा रहा है. इसलिए हम ने इस बार निर्णय लिया है कि खुद ही चुनाव लड़ेंगे.
वैश्य समाज को किया जाता है अनदेखा
इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के अध्यक्ष प्रो. डॉ. जगरनाथ प्रसाद गुप्ता ने कहा कि हमारे समाज को हर पार्टी के नेताओं ने अनदेखा किया है. लेकिन इस बार हम लोग चुप नहीं बैठेंगे और पूरे बिहार में अपने उम्मीदवार उतारेंगे.