पटना: बच्चेदानी के ऑपरेशन के बाद कई महिलाओं में पोस्ट ऑपरेशन कॉम्प्लिकेशन की समस्या बढ़ जाती है. यह समस्या वेजाइनल फिस्टुला के तौर पर उभरती है और महिलाओं को काफी परेशान करती है. इसमें महिलाओं के यूरिन का स्राव होता है. यूरिन पर महिलाओं का कंट्रोल नहीं रहता और कपड़ा गीला होने की समस्या बढ़ जाती है. इसके साथ ही स्किन गीला होने की वजह से जननांगों के स्कीन में इंफेक्शन फैल जाता है. महिलाओं की शादीशुदा जिंदगी भी तबाह होती है और कई गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. बच्चेदानी का ऑपरेशन महिलाओं के लिए पीड़ादायक होता है. इसके बाद जब यह समस्या दोबारा वजाइनल फिस्टुला के तौर पर शुरू होती है तो महिलाएं ऑपरेशन से डरती हैं लेकिन चिकित्सकों का कहना है कि डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि लेप्रोस्कोपिक विधि से कम तकलीफ में ही सटीक इलाज संभव है.
महिलाओं में वेजाइनल फिस्टुला गंभीर समस्या: पटना के प्रख्यात यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर कुमार राजेश रंजन ने बताया कि हाल ही में उन्होंने मई के महीने में तीन ऐसी महिलाओं की सर्जरी की है, जो वजाइनल फिस्टुला से जूझ रही थी. एक महिला का फेलोपियन ट्यूब डैमेज था और यह पेशाब की थैली से जुड़ गया था, जिस कारण मूत्र स्राव हो रहा था. महिलाएं जननांग के पास त्वचा में जलन, उल्टी, जी मचलना, पेट में दर्द जैसी समस्याओं से जूझ रही थी और बड़े ऑपरेशन से डर रहीं थी. इसमें था कि यह पेशेंट नॉरमल यूरिन भी कर रही थी और यूरिन लीकेज भी था. उन्होंने कहा कि आम तौर पर बच्चेदानी के ऑपरेशन के बाद महिलाएं कुछ दिन ऐसी समस्या होने पर बताने से बचती हैं और उन्हें लगता है कि ऑपरेशन हुआ है और टांका सूखा नहीं है, धीरे-धीरे सब ठीक हो जाएगा लेकिन ठीक होने के बजाय समस्या और बढ़ती जाती है. जब परेशानी बहुत अधिक बढ़ जाती है, तब क्लीनिक में पहुंचती हैं और क्लीनिक में पहुंचने पर उनकी सभी तरह की जांच करने के बाद लेप्रोस्कोपिक विधि से उनकी सर्जरी की जाती है और फिस्टुला को हटाया जाता है. ठीक कर उन्हें घर भेज दिया जाता है.
लेप्रोस्कोपिक विधि से सर्जरी आसान: डॉ. कुमार राजेश रंजन ने कहा कि लेप्रोस्कोपिक विधि से सर्जरी करने पर पेशेंट को दर्द अधिक नहीं होता है, क्योंकि चीरा छोटा होता है. इसमें दो तीन छोटे-छोटे छेद करके दूरबीन की जरिए ऑपरेशन किया जाता है. लेप्रोस्कोपिक तकनीक से दूरबीन जाता है और कैमरा जाता है, फिर जिस एरिया में फिस्टुला है उसे सेपरेट किया जाता है. उन्हें अलग-अलग लेयर्स में बांटा जाता है. वजाइना को अलग लेयर मे सिल दिया जाता है. ब्लड को अलग लेयर मे सिल दिया जाता है. बीच में अलग लिया डाल दिया जाता है ताकि सर्जरी के बाद कुछ समय में पेशेंट पूरी तरह हील कर जाए.
"अभी भी महिलाएं जननांगों से जुड़ी समस्याएं बताने में हिचक की है और खुलकर नहीं बताने के कारण समस्या बढ़ती है. ऐसी समस्याओं को एडवांस स्टेज में लेकर महिलाएं पहुंचती हैं लेकिन इन समस्याओं का समाधान है. खुलकर अपने पार्टनर से बात करें और प्रॉब्लम होने पर यूरोलॉजिस्ट से मिलें. लेप्रोस्कोपिक विधि से आसानी से सर्जरी कर दी जाएगी और 2 दिन में महिलाएं चलने लगेंगी और कुछ दिनों में पूरी तरह स्वस्थ हो जाएंगी. महिलाओं का दांपत्य जीवन भी अच्छा बना रहेगा और उनकी शारीरिक परेशानी भी खत्म होगी"- डॉ. कुमार राजेश रंजन, यूरोलॉजिस्ट
बच्चेदानी के ऑपरेशन के बाद कॉम्प्लिकेशन: यूरोलॉजिस्ट कुमार राजेश रंजन ने कहा कि उनके पास मई महीने में 3 मामले आए हैं और सभी 30 वर्ष से 40 वर्ष के बीच की महिलाओं का है. वो बताते हैं कि भागलपुर की सुनीता कुमारी (बदला हुआ नाम) ने जनवरी में बच्चेदानी का ऑपरेशन कराया. ऑपरेशन में कुछ कॉम्प्लिकेशन आ गया था और बच्चेदानी निकलने के बाद यूरिनरी ब्लैडर और वजाइना क्लोज हो गए, जिसके बाद उस जगह जहां घाव स्टिच किया गया था. वहां फिस्टुला डिवेलप हो गया. महिला को यूरिन लीकेज की समस्या थी और कुछ दिन महिला ने किसी को नहीं बताया लेकिन प्रॉब्लम बहुत बढ़ने पर उनके पास पहुंची, सर्जरी कर समस्या को ठीक किया गया.
बच्चेदानी के ऑपरेशन के बाद यूरिन लीकेज: दूसरे केस का जिक्र करते हुए डॉ. कुमार राजेश रंजन ने बताया कि पटना की 38 वर्षीय रश्मि (बदला हुआ नाम) ने कुछ महीने पूर्व बच्चेदानी का ऑपरेशन कराया. इसके बाद यूरिन लीकेज की समस्या उनके साथ शुरू हो गई. जांच करने पर पता चला कि यूरिनरी ब्लैडर में युटेरस के पास एक फिस्टुला है जो वजाइना से जुड़ गया है. फिस्टुला का साइज थोड़ा बड़ा था लेकिन सर्जरी कर निकाल लिया गया और अब महिला स्वस्थ है.
यूरिन लीकेज से दांपत्य जीवन पर भी असर: वहीं, तीसरे मामले में सिवान की 35 वर्षीय महिला निशा (बदला हुआ नाम) बच्चेदानी के ऑपरेशन के बाद से यूरीन लीकेज की समस्या से परेशान थी और बीते 4 महीने से उनका दांपत्य जीवन काफी प्रभावित हो रहा था. स्किन में इंफेक्शन फैलने लगा था. लोकल में कई झोलाछाप जगहों पर दिखाने के बाद उनके पास पहुंची और यहां जब उन लोगों ने जांच की तो पता चला कि फैलोपियन ट्यूब डैमेज है. जिसके बाद इंडोस्कोपिक विधि से सर्जरी की गई और ब्लैडर से ही एक ट्यूब तैयार किया गया. महिला की यूरिन लीकेज की समस्या समाप्त हो गई है और तबीयत में भी सुधार है.