बिहार: प्रदेश में कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन कार्यक्रम चल रहा है. 16 जनवरी से शुरू हुए इस वैक्सीनेशन अभियान में अब तक 75978 स्वास्थ्य कर्मियों ने ही वैक्सीन लिया है. स्वास्थ्य विभाग के टारगेट के अनुसार अब तक डेढ़ लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन का टीका पर जाना था, लेकिन वैक्सीनेशन कार्यक्रम में स्वास्थ्य कर्मियों की रूचि कम होने की वजह से लगभग 52 फीसदी स्वास्थ्य कर्मी है. वैक्सीनेशन कार्यक्रम में शामिल हो पाए हैं.
स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब सप्ताह में जिले में 4 दिन के बजाय 2 दिन ही वैक्सीनेशन कार्यक्रम किए जाने का निर्देश दिया गया है. वैक्सीनेशन सेंटर भी नहीं बढ़ाए गए हैं ऐसे में आम आदमी तक वैक्सीन के पहुंचने का इंतजार और ज्यादा बढ़ गया है.
17 सेंटर पर वैक्सीनेशन कार्यक्रम
जानकारी के मुताबिक राजधानी में 17 सेंटर पर वैक्सीनेशन कार्यक्रम चल रहा है. जबकि जिले में वैक्सीनेशन के लिए 938 सेंटर चिन्हित किए गए हैं और यह प्राइवेट और गवर्नमेंट फैसिलिटी मिलाकर है. पहले दिन के वैक्सीनेशन कार्यक्रम के बाद जिले में वैक्सीनेशन सेंटर 17 से बढ़ाकर 38 तक करना था. लेकिन अब तक जिले में 17 सेंटर पर ही वैक्सीनेशन कार्यक्रम चल रहा है. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के तहत जनवरी के अंत तक भी वैक्सीनेशन सेंटर नहीं बढ़ाए जाएंगे. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी फरवरी माह से वैक्सीनेशन सेंटर बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं.
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'अब सप्ताह में 4 दिन के बजाय 2 दिन ही वैक्सीनेशन कार्यक्रम चलेगा और वैक्सीनेशन सेंटर भी नहीं बढ़ाया जा रहा है. ऐसे में आम आदमी के लिए वैक्सीन का इंतजार और लंबा हो गया है. आम आदमी तक वैक्सीन जल्द पहुंचे इसको लेकर वैक्सीनेशन कार्यक्रम को डिसेंट्रलाइज करने की आवश्यकता है. स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि जैसे-जैसे समय बीत रहा है नए सेंटर आईडेंटिफाई करें. ताकि लोग यहां नजदीक में है वहीं पर जाकर वैक्सीन ले सकें. वैक्सीनेशन कार्यक्रम को डिसेंट्रलाइज्ड और फ्रिक्वेंट नहीं किया गया तो पूरे बिहार के लोगों तक वैक्सीन पहुंचने में बहुत लंबा समय लग जाएगा. वैक्सीनेशन सेंटर को और ज्यादा बढ़ाने की जरूरत है इसके लिए जितने भी प्राइवेट फैसिलिटी हैं, डॉक्टर्स हैं जहां पुराने वैक्सीनेशन की सेंटर स्थापित हैं, जैसे कि जहां डीपीटी और हेपेटाइटिस की वैक्सीन पहले से पड़ रही है वहां कोरोना वैक्सीनेशन सेंटर शुरू किया जा सकता है'.- डॉ. दिवाकर तेजस्वी, वरिष्ठ चिकित्सक
55 फीसदी भी पूरा नहीं हो पा रहा लक्ष्य
बता दें कि राजधानी में वैक्सीनेशन कार्यक्रम में लक्ष्य का 55 फीसदी ही पूरा हो पा रहा है. ऐसे में जिला सिविल सर्जन लगातार प्रयास कर रही है कि स्वास्थ्य कर्मियों की रूचि वैक्सीनेशन कार्यक्रम में बढ़े. इसके लिए अलग-अलग एक्सपेरिमेंट किए जा रहे हैं जैसे कि पटना के आईजीआईएमएस हॉस्पिटल में पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर वैक्सीनेशन कार्यक्रम किया जा रहा है ताकि वैक्सीनेशन के लिए जिन लोगों को बुलाया गया है वह अगर नहीं पहुंचे हैं तो वह स्वास्थ्य कर्मी भी आकर वैक्सीन ले सकें जो वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन कराए हुए हैं, लेकिन उस दिन उनका नाम नहीं बुलाया गया है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग इस पर भी विचार कर रहा है कि सेंटरों पर लक्ष्य से अधिक लोगों को वैक्सीनेशन के लिए बुलाया जाए ताकि कुछ स्वास्थ्य कर्मी छूट भी जाए तो वैक्सीनेशन कार्यक्रम में लक्ष्य पूरा किया जा सके.
26 जनवरी को पटना में नहीं होगा वैक्सीनेशन
स्वास्थ्य विभाग के नए निर्देश के तहत प्रदेश के हर जिले में सप्ताह में अब 2 दिन ही वैक्सीनेशन कार्यक्रम चलेगा ऐसे में पटना में मंगलवार और शनिवार के दिन वैक्सीनेशन कार्यक्रम चलना है. मंगलवार के दिन 26 जनवरी है और इस दिन राष्ट्रीय अवकाश रहता है ऐसे में राजधानी पटना में इस सप्ताह मंगलवार के दिन वैक्सीनेशन कार्यक्रम बंद रहेगा और गुरुवार के दिन 28 जनवरी को और शनिवार को वैक्सीनेशन कार्यक्रम चलेगा.