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सीएम नीतीश कुमार भाषाई मर्यादा भूल गए, बोली BJP -'बयान वापस लें और माफी मांगे CM' - भाजपा प्रवक्ता डॉ निखिल आनंद

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के (Uproar over CM Nitish Kumar statement) बयान पर एक बार फिर बवाल खड़ा हो गया है. बिहार में प्रजनन दर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान पर सियासत तेज हो गई है. भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि अमर्यादित भाषा बोलने पर सेक्सिस्ट कमेंट के लिए नीतीश कुमार से मांफी मांग की है. पढ़ें पूरी खबर...

सीएम के बयान पर बवाल
सीएम के बयान पर बवाल
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Published : Jan 8, 2023, 4:11 PM IST

भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अमर्यादित भाषा (CM unlimited language politics intensified) बोलने और सेक्सिस्ट कमेंट करने एक बार फिर सियासत तेज हो गई है. भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं बिहार भाजपा प्रवक्ता (BJP Spokesperson Dr Nikhil Anand) डॉ निखिल आनंद ने कहा कि सीएम नीतीश भाषाई मर्यादा भी भूल गए है. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर अमर्यादित भाषा बोलने और 'सेक्सिस्ट कमेंट' करने का आरोप लगाते हुए माफी की मांग की. निखिल ने कहा कि नीतीश कुमार हाल के दिनों में कई ऐसे बयान दे रहे हैं जो हम सभी को हास्यास्पद स्थिति में डाल देते हैं.

ये भी पढ़ें : 'मर्द तो करते ही रहता है, महिलाएं पढ़ जाएंगी तो..' : प्रजनन दर पर सीख देते समय ये क्या बोल गए नीतीश

सड़क छाप, अजीबो-गरीब और अस्वीकार्य बयान है : वैशाली के बीका प्रखंड में जीविका दीदी से संवाद के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बयान महिलाओं में प्रजनन दर ( (CM Nitish Kumar on fertility rate)) बढ़ रही है तो उन्हें शिक्षित होना चाहिए. यह उनकी बात सही है, लेकिन जो उन्होंने कहा कि पुरुष लोग करते ही रहता है, उसको पता ही नहीं होता है कि बच्चा पैदा करना है या नहीं करना है. ये एक सड़क छाप, अजीबो-गरीब और अस्वीकार्य बयान है. सीएम नीतीश कुमार भाषाई मर्यादा भी भूल गए क्या? बिहार के मुख्यमंत्री से पब्लिक डोमेन में और सार्वजनिक कार्यक्रम में से ऐसे बयान की कतई अपेक्षा नहीं है. सीएम अपना लैंगिक भेदभाव, अपमान करने वाले 'सेक्सिस्ट' बयान को अविलंब वापस लें.

"नीतीश कुमार को पब्लिक डोमेन में कुछ भी बोलने से पहले निश्चित तौर पर तैयारी करनी चाहिए. वे सीएम के तौर पर कुछ भी बोलकर खुश हो जायें और हम स्वीकार कर ले यह संभव नहीं है. वे न समाजशास्त्री हैं, न ही साइकोएनालिस्ट हैं, न तो सोशल साइकोलॉजिस्ट है. उनकी बातों का आम जनता के मनोभावों पर क्या प्रभाव पड़ता है. मुख्यमंत्री जी से हम ऐसे बयान वापस लेने की मांग करते हैं. दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके अक्सर बयान या तो महिलाओं को और कभी पुरुषों को दुविधा की स्थिति में डाल देते हैं."- निखिल आनंद, भाजपा प्रवक्ता

5G स्पीड व टेबलेट के जमाने में बयान का क्या मतलब : निखिल ने मुख्यमंत्री नीतीश के पूर्व के बयानों का हवाला दिया कि एक बार सीएम नीतीश ने कहा कि वे कॉलेज जमाने में लड़कियों का पीछा किया करते थे. अभी इंजीनियरिंग कॉलेज का दौरा करने गए तो उन्होंने कहा कि अपने जमाने में खूब फिल्में देखा करते थे तो हर शनिवार- रविवार को छात्र- छात्राओं को फिल्में दिखाने का निर्देश देने वाला बयान दिया. अब कौन समझाए उनको कि 21वीं सदी के 5G स्पीड और एंड्राइड मोबाइल, लैपटॉप, टेबलेट के जमाने में इस तरह की बातों का कोई मतलब है क्या?

भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अमर्यादित भाषा (CM unlimited language politics intensified) बोलने और सेक्सिस्ट कमेंट करने एक बार फिर सियासत तेज हो गई है. भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं बिहार भाजपा प्रवक्ता (BJP Spokesperson Dr Nikhil Anand) डॉ निखिल आनंद ने कहा कि सीएम नीतीश भाषाई मर्यादा भी भूल गए है. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर अमर्यादित भाषा बोलने और 'सेक्सिस्ट कमेंट' करने का आरोप लगाते हुए माफी की मांग की. निखिल ने कहा कि नीतीश कुमार हाल के दिनों में कई ऐसे बयान दे रहे हैं जो हम सभी को हास्यास्पद स्थिति में डाल देते हैं.

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सड़क छाप, अजीबो-गरीब और अस्वीकार्य बयान है : वैशाली के बीका प्रखंड में जीविका दीदी से संवाद के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बयान महिलाओं में प्रजनन दर ( (CM Nitish Kumar on fertility rate)) बढ़ रही है तो उन्हें शिक्षित होना चाहिए. यह उनकी बात सही है, लेकिन जो उन्होंने कहा कि पुरुष लोग करते ही रहता है, उसको पता ही नहीं होता है कि बच्चा पैदा करना है या नहीं करना है. ये एक सड़क छाप, अजीबो-गरीब और अस्वीकार्य बयान है. सीएम नीतीश कुमार भाषाई मर्यादा भी भूल गए क्या? बिहार के मुख्यमंत्री से पब्लिक डोमेन में और सार्वजनिक कार्यक्रम में से ऐसे बयान की कतई अपेक्षा नहीं है. सीएम अपना लैंगिक भेदभाव, अपमान करने वाले 'सेक्सिस्ट' बयान को अविलंब वापस लें.

"नीतीश कुमार को पब्लिक डोमेन में कुछ भी बोलने से पहले निश्चित तौर पर तैयारी करनी चाहिए. वे सीएम के तौर पर कुछ भी बोलकर खुश हो जायें और हम स्वीकार कर ले यह संभव नहीं है. वे न समाजशास्त्री हैं, न ही साइकोएनालिस्ट हैं, न तो सोशल साइकोलॉजिस्ट है. उनकी बातों का आम जनता के मनोभावों पर क्या प्रभाव पड़ता है. मुख्यमंत्री जी से हम ऐसे बयान वापस लेने की मांग करते हैं. दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके अक्सर बयान या तो महिलाओं को और कभी पुरुषों को दुविधा की स्थिति में डाल देते हैं."- निखिल आनंद, भाजपा प्रवक्ता

5G स्पीड व टेबलेट के जमाने में बयान का क्या मतलब : निखिल ने मुख्यमंत्री नीतीश के पूर्व के बयानों का हवाला दिया कि एक बार सीएम नीतीश ने कहा कि वे कॉलेज जमाने में लड़कियों का पीछा किया करते थे. अभी इंजीनियरिंग कॉलेज का दौरा करने गए तो उन्होंने कहा कि अपने जमाने में खूब फिल्में देखा करते थे तो हर शनिवार- रविवार को छात्र- छात्राओं को फिल्में दिखाने का निर्देश देने वाला बयान दिया. अब कौन समझाए उनको कि 21वीं सदी के 5G स्पीड और एंड्राइड मोबाइल, लैपटॉप, टेबलेट के जमाने में इस तरह की बातों का कोई मतलब है क्या?

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