पटनाः बिहार में शिक्षक बहाली नियमावली जब से जारी हुआ है, तब से लगातार विरोध हो रहा है. शिक्षक अभ्यर्थी के साथ-साथ विपक्ष के नेता भी नीतीश सरकार पर निशाना साध रहे हैं. एक बार फिर उपेंद्र कुशवाहा ने शिक्षक नियमावली को लेकर सीएम नीतीश कुमार पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि मैने पहले भी कहा था कि शिक्षकों की बहाली आयोग से करें, लेकिन उस समय नहीं किया गया. इतने दिनों के बाद फैसला लिया गया जो शिक्षकों के हित में नहीं है.
पहले ध्यान नहीं थाः उपेंद्र कुशवाहा दिल्ली में अमित साह से मुलाकात कर शुक्रवार को पटना लौटे. इसी दौरान पटना एयरपोर्ट पर उन्होंने बिहार सरकार पर निशाना साधा. इस दौरान उन्होंने शिक्षक नियमावली पर भी सवाल उठाया. बता दें कि जब शिक्षक नियमावली जारी किया गया था, उस समय भी उपेंद्र ने शिक्षक नियमवावली को लेकर सवाल उठाया था. शुक्रवार को कहा कि इतने दिनों से शिक्षकों का ध्यान नहीं था लेकिन अब याद आई है. इसे पहले ही लागू करना था.
शिक्षक भर्ती का नियमावली ठीक नहींः उपेंद्र ने कहा कि जो शिक्षक 17 साल से नौकरी कर रहे हैं, उसका क्या होगा ? उन शिक्षकों के भविष्य के बारे में नहीं सोंचा गया है. वे फिर परीक्षा देकर राज्य कर्मी का दर्जा लें, ऐसा कहीं हुआ है. हम तो शुरू से मुख्यमंत्री जी को शिक्षक की समस्या को लेकर ध्यान दिलाते रहे थे. हमने कहा था कि शिक्षा व्यवस्था चौपट हो रहा है. आयोग बनाकर शिक्षकों की बहाली कीजिए, लेकिन उस समय ध्यान नहीं दिया गया. अब जाकर शिक्षक नियमावली बना है, जो को शिक्षक के हित को देखकर नहीं बनाया गया है. कहीं से भी शिक्षक भर्ती का नियमावली ठीक नहीं है.
"राज्य सरकार की शिक्षक बहाली की जो प्रक्रिया है. इसके बारे में पहले भी बोल रहे थे कि यह गलत है. राज्य में शिक्षा की क्वालिटी अच्छी नहीं है. इसलिए आयोग बनाकर शिक्षकों की बहाली करें, लेकिन उस समय मेरी बात नहीं मानी गई. अब जाकर सरकार ने यह फैसला लिया है. इन 17 से 18 साल में जो शिक्षकों का भविष्य खराब होगा, उसे कौन लौटाएगा. हर मामले में नीतीश कुमार उसी स्थिति में हैं. यह काम पहले करना था, लेकिन आज कर रहे हैं." -उपेंद्र कुशवाहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, RLJD