पटना: 14 जनवरी को उपेंद्र कुशवाहा और तेजस्वी यादव की ओर से चूड़ा दही भोज का आयोजन किया गया है. तेजस्वी यादव पहली बार लालू की अनुपस्थिति में मेजबानी करेंगे तो वही उपेंद्र कुशवाहा भी वशिष्ठ नारायण सिंह के स्थान पर भव्य पैमाने पर आयोजन करने जा रहे हैं. इस बार के सियासी खिचड़ी की खुशबू कई मायनों में खास होने वाली है. दरअसल 14 जनवरी को उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन के नेताओं को आने का निमंत्रण तो दे ही रहे हैं साथ ही बीजेपी के नेताओं को भी आमंत्रित कर रहे हैं. इससे कयासों का बाजार गर्म हो गया है. (Invitation to BJP leaders on Makar Sankranti) (dahi chura bhoj in patna)
पढ़ें- उपेंद्र कुशवाहा करेंगे इस बार चूड़ा दही का भोज, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ सभी दलों को आमंत्रण
उपेंद्र कुशवाहा कर रहे दही चूड़ा का आयोजन: सबकी नजर चूड़ा दही भोज(Upendra Kushwaha organizing Dahi Chuda) के लिए निमंत्रण को लेकर है. जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि महागठबंधन के घटक दल के नेताओं को तो आमंत्रित करेंगे ही साथ ही दूसरे दलों के नेताओं को भी जिनके साथ व्यक्तिगत संबंध रहा है, उन्हें बुलाएंगे. उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि बीजेपी को पार्टी के तौर पर निमंत्रण नहीं देंगे लेकिन बीजेपी के कई नेता के साथ व्यक्तिगत संबंध होने के कारण उन्हें आमंत्रित करेंगे.
कुशवाहा के सरकारी आवास पर आयोजन: वशिष्ठ नारायण सिंह अपने आवास पर पिछले दो दशक से भी अधिक समय से चूड़ा दही भोज का आयोजन करते रहे हैं. लेकिन इस बार उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा को यह जिम्मेवारी दी है. उपेंद्र कुशवाहा अपने सरकारी आवास पर इसका आयोजन करने जा रहे हैं. पश्चिम चंपारण और भागलपुर के साथ कई स्थानों से चूड़ा आएगा और गया से तिलकुट एवं अन्य सामान मंगाया जा रहा है. भोज के लिए निमंत्रण भी भेजा जा रहा है. भले ही पार्टी स्तर पर इसका आयोजन नहीं हो रहा है लेकिन इसके बावजूद जदयू के नेता इसे सफल बनाने में लगे हैं.
बीजेपी के कई नेताओं को आमंत्रित करेंगे: जदयू कार्यालय से भी पार्टी के नेताओं की लिस्ट तैयार हो रही है तो वही उपेंद्र कुशवाहा के समता फुले परिषद इसे सफल बनाने में लगा है.उसके तरफ से भी लिस्ट तैयार की गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह सहित पार्टी के सभी सांसद विधायक और कार्यकर्ता को आमंत्रण दिया जा रहा है. वहीं महागठबंधन के सभी प्रमुख नेताओं को भी आमंत्रित किया जाएगा. ऐसा माना जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा सुशील मोदी सहित बीजेपी के कई नेताओं को आमंत्रित करेंगे. वशिष्ठ नारायण सिंह का कहना है कि चूड़ा दही के भोज में दलों की सीमा टूटती है.
बीजेपी के करीब जा रहे उपेंद्र कुशवाहा!: बिहार में मकर संक्रांति पर आयोजित होने वाले चूड़ा दही भोज और इफ्तार पार्टी के बहाने सियासी हलचलें तेज हो जाती हैं. नीतीश कुमार जब एनडीए से अलग हुए थे तो उससे पहले इफ्तार पार्टी के जरिए ही लालू परिवार से उनकी नजदीकियां देखने को मिली थी. वशिष्ठ नारायण सिंह के अलावे रामविलास पासवान से लेकर लालू प्रसाद यादव तक चूड़ा दही भोज का आयोजन करते हैं. रामविलास पासवान के निधन के बाद उनके बेटे चिराग पासवान की ओर से दही चूड़ा का आयोजन किया जाता है. बीजेपी नेता फिलहाल निमंत्रण को लेकर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. और उन्हें भी निमंत्रण का इंतजार है.
मकर संक्रांति में बढ़ जाती है राजनीतिक हलचलें: पहले भी वशिष्ठ नारायण सिंह के आवास पर मकर संक्रांति के मौके पर चूड़ा दही के भोज हुआ है जिसमें गठबंधन से अलग दूसरे दल के नेता पहुंचकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ाते रहे हैं. एनडीए में रहते हुए भोज का जब आयोजन हुआ तो कांग्रेस और अन्य दल के नेता भोज में शामिल होते थे. बाद में कई नेताओं का दलबदल भी देखने को मिला. एक तरह से चूड़ा दही भोज से आने वाले राजनीतिक हलचल के संकेत मिलते हैं.
उपेंद्र कुशवाहा को लेकर कई तरह की चर्चा: इन दिनों उपेंद्र कुशवाहा को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. कुशवाहा बार-बार बीजेपी से नजदीकियों की बात पर सफाई भी दे रहे हैं लेकिन जानकार कहते हैं कि उपेंद्र कुशवाहा की शुरू से बिहार के सीएम की कुर्सी को लेकर महत्वाकांक्षा रही है. इसलिए अब तक कई दलों का हिस्सा रह चुके हैं और उनका खुदका भी दल रहा है. फिलहाल उपेंद्र कुशवाहा सीएम नीतीश कुमार के साथ जरूर हैं लेकिन भविष्य की राजनीति क्या होगी कोई नहीं बता सकता है. ऐसे में चर्चा यह भी है कि चूड़ा दही भोज के बहाने उपेंद्र कुशवाहा भविष्य की राजनीति के संकेत देने की कोशिश जरूर करेंगे. वहीं दूसरी तरफ तेजस्वी यादव के भोज में भी कौन-कौन लोग पहुंचते हैं इस पर सबकी नजर रहेगी.