पटना: 21 जून को विश्व योग दिवस (International Yoga Day On 21 June) है. इसको लेकर बिहार में सियासत (Politics On International Yoga Day) शुरू हो गई है. जदयू के वरिष्ठ नेता योग दिवस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (upendra kushwaha on international yoga day) ने कहा योग दिवस का मकसद अधिक से अधिक योग का प्रचार है और हम लोग तो रोज योग करने वाले हैं. एक दिन तो योग करते नहीं हैं.
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बोले उपेंद्र कुशवाहा- 'दिखावे के लिए नहीं करेंगे योग': योग दिवस कार्यक्रमों से जदयू के नेता क्यों दूरी बनाकर रखते हैं इस पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा योग से कहां हम लोग दूरी बना कर रखे हैं लेकिन किसी के कहने से योग दिवस कार्यक्रम में शामिल होने वाले नहीं हैं और ना ही दिखाने के लिए योग करने वाले हैं. योग सबके लिए अच्छा है. हमलोग प्रतिदिन योग करते हैं.
"योगा का प्रचार अधिक से अधिक हो. मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए योग बहुत जरूरी है. योगा के लिए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में एक तारीख है. उस दिन मनाने का यही मकसद है कि अधिक से अधिक इसका प्रचार प्रसार हो पाए. हम एक दिन योगा नहीं करते हैं रोज करते हैं. कल भी करेंगे बाकि दिन भी करते हैं. हमने कोई दूरी नहीं बनाई है. किसी के कहने पर बाहर नहीं करेंगे रोज घर में करते हैं."- उपेंद्र कुशवाहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू संसदीय बोर्ड
बिहार में योग दिवस पर सियासतः बिहार में विश्व योग दिवस पर सियासत हर साल होता रहा है. कोरोना काल में योग दिवस का आयोजन नहीं हो पाया था. वहीं इस बार योग दिवस पर कार्यक्रम होंगे. ऐसे योग का विरोध न तो सीएम नीतीश कुमार ने कभी किया है और ना ही लालू यादव सरीखे नेताओं ने. नीतीश कुमार खुद योग करते हैं लेकिन योग दिवस के कार्यक्रमों से हमेशा दूरी बनाकर रखते रहे हैं. जदयू के वरिष्ठ नेता भी योग दिवस कार्यक्रम में कभी नहीं दिखे. आरजेडी, कांग्रेस सहित विपक्ष के लोग योग दिवस को बीजेपी का राजनीति बताते हुए योग दिवस के कार्यक्रमों का शुरू से विरोध करते रहे हैं.
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