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क्या एक बार फिर CM नीतीश से हाथ मिलाएंगे RLSP प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा? - JDU

विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार इस बार मजबूत स्थिति में नहीं है, क्योंकि जदयू तीसरे नंबर की पार्टी हो गई है और 2015 के मुकाबले सीट संख्या घटकर 43 हो गई है. ऐसे में नीतीश भी चाहते हैं कि कोइरी-कुर्मी का जो उनका आधार वोट बैंक है उपेंद्र कुशवाहा के आने से मजबूत हो सकता है.

उपेंद्र कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा व नीतीश कुमार
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Published : Dec 5, 2020, 11:24 AM IST

Updated : Dec 5, 2020, 12:42 PM IST

पटनाः विधानसभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा का खाता भी नहीं खुला था. लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले उपेंद्र कुशवाहा अब दोबारा नीतीश कुमार की शरण में जाते दिख रहे हैं.

चर्चा है कि उपेंद्र कुशवाहा लगातार नीतीश कुमार के संपर्क में हैं और नीतीश से मुलाकात भी कर चुके हैं. राजनीतिक गलियारों में चर्चा यह भी है कि उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी का विलय जदयू में कर सकते हैं. नीतीश कुमार इसके लिए उपेंद्र कुशवाहा को राज्यपाल कोटे से एमएलसी और मंत्री भी बना सकते हैं.

नीतीश से मुलाकात पर क्या बोले कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा ने ईटीवी भारत से टेलीफोनिक बातचीत के दौरान नीतीश से मिलने वाली खबर पर कहा कि हम न खबर को कन्फर्म करेंगे न खबर का खंडन करेंगे. जब ईटीवी भारत ने कहा कि न आप कनफर्म कर रहे हैं, ना खंडन तो इसका राजनीतिक मतलब यही है कि आप नीतीश जी से मिले हैं. उसपर उपेंद्र कुशवाहा कुछ नहीं बोले और हंसते हुए कहा कि अभी हम अपने गांव में हैं, पटना आकर आपसे बात करते हैं.

नीतीश के संपर्क में कुशवाहा
विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार के लगातार संपर्क में हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों नीतीश कुमार से मुख्यमंत्री आवास पर मुलाकात भी कर चुके हैं. नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा पहले भी लंबे समय तक एक साथ रहे हैं. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा को बनाया था. लेकिन बाद में उपेंद्र कुशवाहा के महत्वाकांक्षा के कारण दोनों अलग हो गए.

ये भी पढ़ेंः बेरोजगार हैं तेजस्वी, किसान के नाम पर रोजगार मिल गया है इसलिए कर रहे हैं धरना प्रदर्शन- गिरिराज सिंह

विधानसभा चुनाव से पहले हुए थे महागठबंधन से अलग
एनडीए सरकार में उपेंद्र कुशवाहा केंद्र में मंत्री भी बने और लगातार नीतीश कुमार पर निशाना साधते रहे. सरकार में रहते हुए नीतीश कुमार के खिलाफ शिक्षा को लेकर बिहार में धरना और आंदोलन की करते रहे. लेकिन लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के साथ चुनाव लड़े और खाता तक नहीं खुला. विधानसभा चुनाव में महागठबंधन से भी अलग हो गए और अलग मोर्चा बनाया. लेकिन इस बार भी पार्टी का खाता नहीं खुला.

मिल सकता है एमएलसी और मंत्री पद
लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद उपेंद्र कुशवाहा अब नीतीश कुमार के शरण में जाते दिख रहे हैं. लगातार नीतीश कुमार से फोन पर भी बातचीत हो रही है और दोनों के बीच कई बिंदुओं पर चर्चा होने की खबर है.

जानकारी ये भी मिल रही है कि उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी का जदयू में विलय भी कर सकते हैं. इसके लिए नीतीश कुमार उन्हें एमएलसी बना सकते हैं और मंत्री भी. हालांकि अभी अंतिम रूप से इस पर मुहर नहीं लगी है.

पटनाः विधानसभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा का खाता भी नहीं खुला था. लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले उपेंद्र कुशवाहा अब दोबारा नीतीश कुमार की शरण में जाते दिख रहे हैं.

चर्चा है कि उपेंद्र कुशवाहा लगातार नीतीश कुमार के संपर्क में हैं और नीतीश से मुलाकात भी कर चुके हैं. राजनीतिक गलियारों में चर्चा यह भी है कि उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी का विलय जदयू में कर सकते हैं. नीतीश कुमार इसके लिए उपेंद्र कुशवाहा को राज्यपाल कोटे से एमएलसी और मंत्री भी बना सकते हैं.

नीतीश से मुलाकात पर क्या बोले कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा ने ईटीवी भारत से टेलीफोनिक बातचीत के दौरान नीतीश से मिलने वाली खबर पर कहा कि हम न खबर को कन्फर्म करेंगे न खबर का खंडन करेंगे. जब ईटीवी भारत ने कहा कि न आप कनफर्म कर रहे हैं, ना खंडन तो इसका राजनीतिक मतलब यही है कि आप नीतीश जी से मिले हैं. उसपर उपेंद्र कुशवाहा कुछ नहीं बोले और हंसते हुए कहा कि अभी हम अपने गांव में हैं, पटना आकर आपसे बात करते हैं.

नीतीश के संपर्क में कुशवाहा
विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार के लगातार संपर्क में हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों नीतीश कुमार से मुख्यमंत्री आवास पर मुलाकात भी कर चुके हैं. नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा पहले भी लंबे समय तक एक साथ रहे हैं. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा को बनाया था. लेकिन बाद में उपेंद्र कुशवाहा के महत्वाकांक्षा के कारण दोनों अलग हो गए.

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विधानसभा चुनाव से पहले हुए थे महागठबंधन से अलग
एनडीए सरकार में उपेंद्र कुशवाहा केंद्र में मंत्री भी बने और लगातार नीतीश कुमार पर निशाना साधते रहे. सरकार में रहते हुए नीतीश कुमार के खिलाफ शिक्षा को लेकर बिहार में धरना और आंदोलन की करते रहे. लेकिन लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के साथ चुनाव लड़े और खाता तक नहीं खुला. विधानसभा चुनाव में महागठबंधन से भी अलग हो गए और अलग मोर्चा बनाया. लेकिन इस बार भी पार्टी का खाता नहीं खुला.

मिल सकता है एमएलसी और मंत्री पद
लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद उपेंद्र कुशवाहा अब नीतीश कुमार के शरण में जाते दिख रहे हैं. लगातार नीतीश कुमार से फोन पर भी बातचीत हो रही है और दोनों के बीच कई बिंदुओं पर चर्चा होने की खबर है.

जानकारी ये भी मिल रही है कि उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी का जदयू में विलय भी कर सकते हैं. इसके लिए नीतीश कुमार उन्हें एमएलसी बना सकते हैं और मंत्री भी. हालांकि अभी अंतिम रूप से इस पर मुहर नहीं लगी है.

Last Updated : Dec 5, 2020, 12:42 PM IST
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