पटनाः देश में हर साल 30 लाख टन प्लास्टिक का कचरा फैल रहा है, जिसमें से मात्र 30 प्रतिशत को रिसाइकिल किया जा रहा है. सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगने के बाद भी इसका इसका इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है. सिंगल यूज प्लास्टिक के साथ-साथ बोतल भी यूज करने के बाद फेंक दिया जाता है, जो पर्यावरण के लिए सही नहीं है. साथ ही इधर-उधर कचरा फैलने से लोगों के साथ-साथ जानवरों को भी परेशानी होती है. इसी परेशानी को दूर करने के लिए बिहार के पटना के नरेश अग्रवाल ने एक खास पहल की है, जिसकी लोग सराहना कर रहे हैं.
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प्लास्टिक को कर रहे एकत्रितः दरअसल, नरेश ने पर्यावरण बचाने के लिए प्लास्टिक को एकत्रित कर रहे हैं. पानी बोतल या कोल्ड ड्रिंक की बोतल में प्लास्टिक का कचरा भरकर नरेश लोगों को लाने के लिए बोलते हैं. इसके बदले लोगों को एक किलो वर्मी कंपोस्ट और एक पौधा देते हैं. बोतल लाने के लिए शर्त यह है कि उसके अंदर प्लास्टिक के रैपर और पॉलिथीन भरे होने चाहिए. लोगों ने बताया कि दूध, सब्जी वाले प्लास्टिक थैला इधर-उधर फेंका रहता है, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है. इससे नाली जाम की भी समस्या बनी रहती है. पालतू जानवर भी भोजन की लालच में इसे खा लेते हैं.
10 बोतल के बदले एक किलो वर्मी कंपोस्टः पेशे से बिजनेसमैन नरेश के पास अगर कोई प्लास्टिक के रैपर से भरा 10 बोतल ला कर दे देता है तो फिर नरेश उसे मुफ्त में एक किलोग्राम वर्मी कंपोस्ट और एक पौधा दे देते हैं. इन बोतलों को नरेश अपने पास इकट्ठा करते हैं. ज्यादा मात्रा में एकत्र होने के बाद उसे सेग्रीगेट करेंगे, फिर उसे नगर निगम को सौंप देंगे. इसके बाद नगर निगम द्वारा स्थापित री- साइकिल सेंटर में इसे री- साइकल किया जाएगा.
बच्चों के लिए इंटरटेनमेंटः रेश के पास न केवल पानी की बोतलें बल्कि विभिन्न आकार में बाजार में बिकने वाले कोल्ड ड्रिंक की बोतल में भी पॉलिथीन भरकर लाया जाता है और बदले में उपहार मिलता है. नाला रोड की निवासी रेणु सिन्हा बताती हैं, यह पहल बहुत अच्छी है. अक्सर प्लास्टिक को जानवर खा लेते हैं और अगर यह नाली में चला जाए तो जाम की समस्या बन जाती है. इससे सब को तकलीफ होती है. उन्होंने घर में यूज किए हुए पॉलिथीन को बोतल में एकत्र कर लायी है. रेखा कहती हैं, यह पहल बहुत अच्छी है. हमें खाद भी मिल रहा है और बच्चों के लिए एक इंटरटेनमेंट भी हो है.
"सोशल मीडिया पर लोग पर्यावरण के संरक्षण की बात कहते हैं और कई तरह की बातें और योजनाओं पर प्रकाश डालते हैं. लोग कहते तो जरूर हैं, लेकिन उसे फलीभूत करने वाले बहुत कम लोग होते हैं. ऐसे में मैंने सोचा कि क्यों न इस पहल को नहीं करूं? मैंने काफी सोच विचार करने के बाद इसे करने का फैसला किया. 10 बोतल में प्लास्टिक का कचरा भर कर लाने से एक किलो वर्मी कंपोस्ट और एक पौधा उपहार के रूप में दिया जाता है." -नरेश अग्रवाल, पर्यावरण प्रेमी