ETV Bharat / state

सीने पर कलश रखकर मां की भक्ति का अनोखा नजारा, देखने के लिए उमड़ी लोगों की भीड़

स्थानीय निवासी ने कहा कि अनिल भगत अपने सीने पर कलश तीन साल से बिठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह 9 दिन अपने सीने पर कलश रखकर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं.

author img

By

Published : Oct 1, 2019, 11:51 PM IST

भक्त

पटना: जिले के बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के देदौर गांव में एक भक्त के सीने पर कलश स्थापना की खबर श्रद्धालुओं के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. स्थानीय निवासी अनिल भगत ने अपने सीने पर कलश स्थापित की है. जिसको देखने के लिए काफी लोगों की भीड़ उमड़ी है.

9 दिनों तक रखते हैं सीने पर कलश
इस संबंध में स्थानीय निवासी ने कहा कि अनिल भगत अपने सीने पर कलश तीन साल से बिठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह 9 दिन अपने सीने पर कलश रखकर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं. अनिल माता की सेवा में अपना भूख-प्यास सबकुछ त्याग कर देते हैं.

देखिए खास रिपोर्ट

फलहार पर रहकर करते हैं पूजा
वहीं, कई और स्थानीय निवासी ने कहा कि अनिल भगत पूरी श्रद्धा से मां दुर्गा की पूजा करते हैं. वह पूरे 10 दिनों तक फलहार पर रहते हैं. नवमीं के बाद ब्राहम्ण को बुलाकर कलश को उतारा जाता है और फिर हवन किया जाता है.

पटना: जिले के बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के देदौर गांव में एक भक्त के सीने पर कलश स्थापना की खबर श्रद्धालुओं के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. स्थानीय निवासी अनिल भगत ने अपने सीने पर कलश स्थापित की है. जिसको देखने के लिए काफी लोगों की भीड़ उमड़ी है.

9 दिनों तक रखते हैं सीने पर कलश
इस संबंध में स्थानीय निवासी ने कहा कि अनिल भगत अपने सीने पर कलश तीन साल से बिठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह 9 दिन अपने सीने पर कलश रखकर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं. अनिल माता की सेवा में अपना भूख-प्यास सबकुछ त्याग कर देते हैं.

देखिए खास रिपोर्ट

फलहार पर रहकर करते हैं पूजा
वहीं, कई और स्थानीय निवासी ने कहा कि अनिल भगत पूरी श्रद्धा से मां दुर्गा की पूजा करते हैं. वह पूरे 10 दिनों तक फलहार पर रहते हैं. नवमीं के बाद ब्राहम्ण को बुलाकर कलश को उतारा जाता है और फिर हवन किया जाता है.

Intro:Body:बाढ़
बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के देदौर गांव में एक भक्त द्वारा सीने पर कलश स्थापना की खबर श्रद्धालुओं के बीच कौतूहल का विषय बना हुआ है! स्थानीय अनिल भगत द्वारा अपने सीने पर की गई कलश स्थापना को देखने के लिए अगल-बगल के लोगों की भीड़ उमड़ रही है! हालांकि हिंदू धर्म के किसी भी शास्त्र में खुद को कष्ट देकर पूजा करने की बात नहीं बताई गई है! फिर भी कुछ लोग भावना में बहकर पूजा का यह रूप अपनाते हैं, उसके पीछे मकसद क्या होता है? वह तो वही जानते होंगे! लेकिन सीधी भाषा में इस तरह की पूजा अर्चना भी हठयोग की श्रेणी में आता है! क्योंकि ऐसे लोगों की आस्था और विश्वास चरम पर होती है! वे अपने उद्देश्य से भटकना नहीं चाहते हैं !और हर हाल में वही करते हैं !जो वो ठान लेते हैं!Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.