पटना: राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election 2022) के लिए जेडीयू कोटे से केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (Union Minister RCP Singh) को लेकर संशय बरकरार है. इन सब के बीच आरसीपी लगातार दूसरे दिन अपने पटना आवास पर जेडीयू कार्यकर्ताओं और नेताओं से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना. इस दौरान केंद्रीय इस्पात मंत्री ने कहा कि जब से बिहार में नवंबर 2005 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी, तब से अबतक बिहार में तेजी से विकास हो रहा है. इसका फायदा समाज के सभी लोगों को मिल रहा है. पहले सूबे का क्या हाल था, यह सबको पता है.
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विकास से राज्य की जनता खुश: केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2005 से पहले बिहार का बजट कितना था, कितनी बिजली आती थी, स्कूल और अस्पताल कैसे थे और सड़कें कैसी थी, यह किसी से पूछने की जरूरत नहीं है. वहीं, अब बिहार में इन चीजों की स्थिति कैसी है, यह भी बिहार की जनता जानती है. उन्होंने कहा कि बिहार में सड़क निर्माण के क्षेत्र में इतना विकास हुआ कि अब बिहार के सुदुर किशनगंज से भी पटना पांच घंटे में लोग पुहंच रहे हैं. बिहार में पिछले 16-17 सालों में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए 6210 सड़क-पुल बने. हजारों किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ. आरसीपी सिंह ने कहा कि बिहार में हो रहे विकास से राज्य की जनता खुश है. इसका ही नतीजा है कि बिहार में नीतीश कुमार सरकार की हैट्रिक लगी है.
आरसीपी सिंह पर नीतीश कुमार लेंगे निर्णय: राज्यसभा की एक सीट जदयू के खाते में है और अब नीतीश कुमार रेफरी की भूमिका में हैं. विवाद को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधायकों के आपातकाल बैठक बुलाई और उनसे राय मशवरा किया. विधायकों ने राज्यसभा चुनाव पर निर्णय लेने के लिए नीतीश कुमार को अधिकृत कर दिया. बदली हुई परिस्थितियों में नीतीश कुमार ही राज्यसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशी का फैसला करेंगे. हालांकि रविवार को जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश कार्यालय में आरसीपी को लेकर मीडियाकर्मियों के सवालों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हल्के अंदाज में टाल दिया. उन्होंने कहा- 'उसकी चिंता मत करिये. समय पर घोषणा होगी. पहले करने की क्या जरुरत है.'
विधायकों को गोलबंद करने में जुटे हैं आरसीपी : नीतीश कुमार के लिए भी केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह और राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के झगड़े को समझाना आसान नहीं है. ललन सिंह जहां जिद पर अड़े हैं. वहीं आरसीपी सिंह अपने पक्ष के विधायकों की गोलबंदी में जुटे हैं. मिल रही जानकारी के मुताबिक आरसीपी सिंह 17 विधायकों का समर्थन जुटा रखा है. यह बात दीगर है कि आरसीपी सिंह के दावत-ए-इफ्तार कार्यक्रम में तीन विधायक पहुंचे थे.
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