पटनाः 'जाकि रही भावना जैसी, प्रभू मूरत देखी तीन तैसी' जिसकी जैसी सोंच होती है. उसे सभी वैसा ही दिखाई देता है. शिक्षा मंत्री अज्ञानी (education minister ignorant) है जो इस तरह का बयान दे कर रहे हैं. उक्त बातें पटना में पहुंचे केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कही. कहा कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की भावना उसी तरह का है. भगवान को लेकर जो भावना उन्होंने दिखायी है. भगवान देख रहे हैं, किस तरह से उन्होंने रामचरित मानस को लेकर बयान दिया. और कहीं न कहीं सनातन धर्म पर चोट करने का काम किया है.
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"भारत के विचारों में भगवान राम और श्रीकृषण का डीएनए है. रामायण के प्रथम रचयिता महर्षि वाल्मीकि का अपमान किया गया है. इस देश और दुनिया के करोड़ों हिन्दुओं का अपमान है. यहां माता सीता का जन्म हुआ है. क्या उनको पता नहीं है कि अहिल्या का उद्धार यहीं हुआ था. रामायण पर अपशब्द कहकर अपनी पार्टी की विचार धारा को अपनाया है. यह काफी निंदनीय है." - केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय
शिक्षा मंत्री को रामायण का ज्ञान ही नहींः उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री हैं, लेकिन रामायण को लेकर कोई ज्ञान ही नहीं है. रामायण को लेकर इस तरह का बयान देते हैं. भारत के लोगों के डीएनए में ही राम और कृष्ण हैं. फिर उसको लेकर जो सवाल उठा रहा है वह करोड़ों जनता के धार्मिक भावना को आग लगाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा की रामायण ने समाज के सभी जाति को एकजुट करने का काम किया है. आज उसी रामायण में उन्हें छोटा बड़ा दिखता है. जबकि रामायण में निषाद से लेकर शबरी के पास भी मर्यादा पुरुषोत्तम राम पहुंचे है. शिक्षा मंत्री किस तरह का ज्ञान अर्जित किया है.
बिहार सरकार बर्खास्त करे : नित्यानंद राय ने कहा कि शिक्षा मंत्री को 1 मिनट भी अपने पद पर रहने का अधिकार नहीं है. उन्हें जल्द से जल्द बर्खास्त करना चाहिए क्योंकि उनके बयान ने करोड़ों हिंदू धर्म के लोगों को उन्होंने आहत करने का काम किया है. उन्होंने कहा कि उसके बावजूद शिक्षा मंत्री अपने बयान को लेकर उल-जलूल बात भी कर रहे हैं. बिहार सरकार से मांग करेंगे कि ऐसे मंत्री को जल्द से जल्द बर्खास्त किया जाए.
क्या है मामला: बता दें कि बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने बुधवार को नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में रामचरितमानस को लेकर विवादास्पद बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि रामचरितमानस ग्रन्थ नफरत फैलाने वाला है. उनके बयान के बाद पूरे देश में बहस छिड़ी हुई है. इतना ही नहीं प्रोफेसर चंद्रशेखर ने गुरुवार को भी एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए रामचरितमानस को फर्जी पुस्तक करार दिया था. जिसके बाद लगातार विपक्ष के नेता सहित कई कोल मंत्री को घेर रहे हैं.