पटनाः महात्मा गांधी सेतु के पश्चिमी लेन के जीर्णोद्धार का कार्य पूरा हो चुका है. पुल के उद्घाटन होते ही इस पर गाड़ियों का परिचालन शुरू हो जाएगा. इस पुल का उद्घाटन राजधानी पटना से सीएम नीतीश कुमार और दिल्ली से केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी एक साथ किया. लॉकडाउन की वजह से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए महात्मा गांधी सेतु के पश्चिमी लेन का उद्घाटन किया गया.
महात्मा गांधी सेतु के पश्चिमी लेन के शुरू करने की तिथि अब तक 6 बार फेल हो चुकी है. हालांकि, अब पश्चिमी लेन के शुरू होने से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. जाम से भी मुक्ति मिलेगा. उत्तर बिहार की ओर व्यवसायिक वाहनों को आने जाने में भी मदद मिलेगी. पटना में गंगा नदी पर महात्मा गांधी सेतु के पश्चिमी लेन पर वाहनों का परिचालन इसके उद्धाटन के साथ ही शुरू हो जाएगा.
2017 से चल रहा था जीर्णोद्धार का कार्य
राजधानी को उत्तर बिहार से जोड़ने के लिए 1969 में महात्मा गांधी सेतु की नींव रखी गई जबकि 1972 से सेतु बनाने का काम शुरू हुआ. 1982 में इंदिरा गांधी ने इसकी एक लेन की शुरुआत की. वहीं, 1987 में गांधी सेतु का दूसरा लेन भी शुरू हुआ. पुल के 100 साल चलने का दावा किया गया लेकिन 1991 से ही मरम्मत को लेकर इस पर चर्चा शुरू हो गई. 2014 में केंद्र और राज्य सरकार ने इसकी जीर्णोद्धार करने का फैसला लिया. सुपर स्ट्रक्चर को चेंज कर स्टील का स्ट्रक्चर लगाने का निर्णय लिया गया. जीर्णोद्धार का कार्य 2017 से शुरू हुआ.
- इस पुल की कुल लागत 1742 करोड़ रुपये है.
- इस पुल में 66 हजार 360 मेट्रित टन स्ट्रक्चरल स्टील का उपयोग किया गया है.
- जीर्णोद्धार किए गए महात्मा गांधी सेतु पुल की कुल लंबाई 5575 मीटर है.
- वहीं, पुल में 25 लाख नट और बोल्ट का उपयोग किया गया है.
पूर्वी लेने में भी लगेगा स्टील का सुपर स्ट्रक्चर
पश्चिमी लेन के शुरू हो जाने के बाद बरसात बाद पूर्वी लेने के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू होगा. सुपर स्ट्रक्चर को हटाकर स्टील का स्ट्रक्चर पूर्वी लेन में भी लगाया जाएगा. फिलहाल पूर्वी लेन पर यातायात की अनुमति है. लेकिन बड़े व्यावसायिक वाहनों के आने जाने पर रोक है. महात्मा गांधी सेतु के पश्चिमी लेन पहले का सुपरस्ट्रक्चर सीमेंट का था. इसे हटाकर स्टील का सुपरस्ट्रक्चर लगाया गया है.