पटना: बिहार में बाढ़ (Bihar Flood) की वजह से हुई क्षति का आकलन करने केंद्रीय टीम 6 सितंबर को बिहार आएगी. केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) के संयुक्त सचिव आरके सिंह के नेतृत्व में आने वाली इस टीम में छह सदस्य शामिल रहेंगे.
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आपदा प्रबंधन विभाग (Disaster Management Department) से मिल रही जानकारी के अनुसार केंद्रीय टीम के साथ आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. टीम में जल आयोग के निर्देशक संजीव सुमन और अधीक्षण अभियंता प्रदीप लाल भी शामिल होंगे. केंद्रीय टीम को आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बाढ़ से हुए नुकसान के बारे में जानकारी दी जाएगी.
केंद्रीय टीम की इच्छा के अनुसार उन्हें जिलों का दौरा कराया जाएगा. हालांकि मिल गई जानकारी के अनुसार आपदा प्रबंधन की टीम पटना आने के बाद मुख्य सचिव के साथ बैठक भी कर सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पटना, दरभंगा, मुजफ्फरपुर और पश्चिम चंपारण के इलाकों में केंद्रीय टीम बाढ़ क्षति का आकलन करने जाएगी.
बता दें कि फिलहाल बिहार के मुजफ्फरपुर, दरभंगा, खगड़िया, सहरसा, पटना, वैशाली, भागलपुर, सारण, कटिहार, मुंगेर, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण और मधेपुरा के लोग बाढ़ से जूझ रहे हैं. बिहार के 16 जिले के 83 प्रखंड के 482 पंचायत के 1975 गांव की 29 लाख आबादी फिलहाल बाढ़ प्रभावित है. इस साल बाढ़ से 53 लोगों की मौत हुई है.
आपदा प्रबंधन विभाग ने इस बार बाढ़ से हुए नुकसान मद में केंद्र सरकार को ज्ञापन नहीं दिया है. बिहार सरकार की ओर से भी बाढ़ में हुए नुकसान का ब्यौरा केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा. बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार बाढ़ ग्रस्त इलाकों में अब तक 795538 बाढ़ ग्रस्त परिवारों को अनुग्रहित राशि के रूप में प्रति परिवार 6 हजार रुपये दिए गए हैं. अभी तक 477.32 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है.
आपदा प्रबंधन विभाग के सूत्रों के मुताबिक बिहार दौरे से वापसी के दौरान राज्य सरकार की तरफ से बाढ़ से हुए नुकसान के आकलन वाली प्रारंभिक रिपोर्ट केंद्रीय टीम को दी जाएगी. राज्य सरकार पहले ही केंद्र सरकार से टीम भेजकर बाढ़ से नुकसान का आकलन कराने का आग्रह कर चुकी है. इसके बाद केन्द्र सरकार की अंतर मंत्रालीय टीम का गठन किया गया है.
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