पटना : भारतीय जनता पार्टी चुनावी मोड में है. मिशन 2024 (Lok Sabha Election 2024) को फतह करने के लिए भाजपा के चाणक्य अमित शाह लगातार राज्यों का दौरा कर रहे हैं. अमित शाह के निशाने पर बिहार है. इसलिए बिहार को ही बैटलग्राउंड के रूप में देखा जा रहा है. बिहार से ही महागठबंधन के एकता की मुहिम चल रही है. लिहाजा अमित शाह के निशाने पर बिहार है. बिहार के 40 में से 36 सीटों को जीतने का लक्ष्य भाजपा कर रखा है. पार्टी हर कमजोर कड़ी को दुरुस्त करने में जुटी है.
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बिहार में बीजेपी का 'मिशन 36' : 40 में से 10 लोकसभा सीट ऐसी हैं जहां भाजपा यह मानती है कि वहां मेहनत करने की जरूरत है. 10 लोकसभा सीट को मजबूत करने का जिम्मा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को दिया गया है. अमित शाह तीसरी बार बिहार आ रहे हैं. उनका चौथा दौरा नालंदा में संभावित है. 23 अप्रैल 2022 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार दौरे पर आए थे और तभी से मिशन 2024 का आगाज कर दिया था. भाजपा ने वीर कुंवर सिंह के जन्म जयंती को विजयोत्सव के रूप में मनाया था. विजयोत्सव कार्यक्रम को तिरंगा यात्रा कार्यक्रम का रूप भी दिया गया था. 77900 तिरंगा फहरा कर अमित शाह के सामने विश्व रिकॉर्ड भी कायम किया गया था.
''हम महागठबंधन को चुनौती मानते ही नहीं है. पिछले तीन चुनावों में 42 प्रतिशत बिहार की जनता ने दिया है. ये पिछले 60-70 वर्षों के इतिहास में बिहार में किसी भी दल को मिला हुआ सबसे ज्यादा मत प्रतिशत है. इसकी वजह है कि हम जनता के बीच ज्यादा तेजी से जगह बना रहे हैं.'' - संतोष पाठक, बीजेपी प्रवक्ता
शाह के निशाने पर महागठबंधन का वोटबैंक? : ठीक 5 महीने बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने फिर बिहार की धरती से हुंकार भरा और सीमांचल में 23 सितंबर को बड़ी रैली कर विरोधियों को सकते में डाल दिया. 5 महीने भी नहीं बीते और अमित शाह फिर बिहार दौरे पर आने के लिए तैयार हैं. 25 फरवरी को केंद्रीय गृह मंत्री स्वामी सहजानंद सरस्वती के जन्म जयंती के मौके पर राजधानी पटना में कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंच रहे हैं.
अमित शाह का बिहार दौरा: 25 फरवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार दौरे पर आ रहे हैं. बाल्मीकि नगर में कार्यक्रम करने के बाद राजधानी पटना में भी वह कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. स्वामी सहजानंद सरस्वती के जन्म जयंती के मौके पर गृहमंत्री सभा को संबोधित करेंगे. भारतीय जनता पार्टी बिहार के अंदर चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ रही है. वीर कुंवर सिंह के जन्म जयंती के मौके पर जहां राष्ट्रीयता की भावना जगाने की कोशिश की, वहीं राजपूत जाति को भी भाजपा ने अपने पक्ष में करने की कोशिश की. इसके बाद अमित शाह ने सीमांचल में हूंकार भरा और एक और जहां हिंदू वोटों को एकजुट करने की कोशिश की. वहीं, पसमांदा मुसलमानों पर भी डोरे डाले. सहजानंद सरस्वती की जन्म जयंती के जरिए भी जाति विशेष के वोट बैंक पर पार्टी की नजर है.
महागठबंधन का किला होगा ध्वस्त? : भाजपा प्रवक्ता संतोष पाठक ने कहा है कि गृहमंत्री देश में राज्यों का दौरा लगातार कर रहे हैं. बिहार में हम 36 सीटों पर जीत हासिल करना चाहते हैं. लिहाजा केंद्रीय गृह मंत्री की नजर बिहार पर विशेष रूप से है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तीसरी बार बिहार आ रहे हैं और वह बाल्मिकीनगर के बाद पटना में भी सभा को संबोधित करेंगे. महागठबंधन के किले को हम बिहार में ही ध्वस्त करने के लिए तैयार हैं.
''बिहार जब जब उठ खड़ा हुआ है उसने देश को बचाया है. इस बार भी देश को बचाएगा. 2024 में लोकतंत्र के रक्षक और विध्वंसक के बीच जो प्रतियोगिता है उसमें भीड़ की गिनती नहीं होगी'' - जगदानंद सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, आरजेडी
बीजेपी के लिए बिहार क्यों विशेष? : राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा है कि नरेंद्र मोदी की सरकार 2 बार लोगों को धोखे में रख कर आ गई, लेकिन तीसरी बार वह सरकार में आने वाली नहीं हैं. भाजपा के विरोध में विपक्ष एकजुट हो रहा है. इसका नतीजा भी देखने को मिलेगा. राजनीतिक विश्लेषक डॉक्टर संजय कुमार का मानना है कि भाजपा के लिए बिहार महत्वपूर्ण है. यूपी में तो उनकी सरकार है, लेकिन बिहार में 36 सीटों पर जीत हासिल करने के लिए अमित का लगातार दौरा कर रहे हैं. अमित शाह की मंशा यह है कि महागठबंधन के नेताओं के मनोबल को बिहार में ही तोड़ दिया जाए. ताकि उनका प्रसार नहीं हो पाए.