पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति का अधिकार राजभवन का है, जबकि नीतीश सरकार इस मुद्दे पर भी टकराव की मुद्रा में है. उन्होंने कहा कि राजभवन ने सात कुलपतियों की नियुक्ति के लिए जब 4 अगस्त को विज्ञापन जारी कर दिया था, तब 18 दिन बाद इसी पद पर नियुक्ति के लिए शिक्षा विभाग का विज्ञापन जारी करना टकराव की मंशा जाहिर करता है.
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अभ्यर्थियों में ऊहापोह की स्थितिः सुशील मोदी ने कहा कि राजभवन ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के 2013 के फैसले और नियुक्ति-प्रक्रिया की परिपाटी का पालन करते हुए विज्ञापन जारी किया, जिसके अनुसार आवेदन करने की अंतिम तिथि 26 अगस्त है. कई लोग आवेदन कर भी चुके हैं. मोदी ने कहा कि शिक्षा विभाग ने कुलपति के पांच पदों पर नियुक्ति के लिए समानान्तर विज्ञापन जारी कर अभ्यर्थियों में ऊहापोह की स्थिति पैदा कर दी. यह हास्यास्पद है. ऐसी परिस्थिति पैदा करना राज्य के हित में नहीं है.
राजभवन से टकराव की स्थितिः सुशील मोदी ने कहा कि पहले चार साल के स्नातक पाठ्यक्रम का विरोध और फिर बिहार विश्वविद्यालय के वीसी-प्रो वीसी का वेतन रोकना शिक्षा विभाग की मनमानी है. इसके लिए जिम्मेदार अफसर को तत्काल हटाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अवर मुख्य सचिव ने अपने मनमाने आदेश से दो महीने में तीसरी बार राजभवन से टकराव की स्थिति पैदा कर दी.
5 विवि में वीसी के लिए मंगाए गए आवेदन : शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव की ओर से विज्ञापन जारी कर इच्छुक उम्मीदवारों को शिक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट state.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने का निर्देश दिया गया है. आवेदन पोस्ट के माध्यम से अथवा ईमेल के माध्यम से किया जा सकता है. ईमेल के माध्यम से आवेदन करने के लिए उम्मीदवार secycell.education@gmail.com पर 13 सितंबर शाम 5:00 बजे तक आवेदन कर सकते हैं.