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बिहार में रोजगार मांगने वालों की संख्या बढ़ी, 10 महीने में 2.67 लाख लोगों ने कराया निबंधन - बिहार में रोजगार मांगने वालों की संख्या बढ़ी

बिहार में रोजगार को लेकर चुनाव में प्रमुख मुद्दा बनाने वाली राजनीतिक पार्टियां चाहे लाख दावे करे, लेकिन रोजगार के मुद्दे पर वह पूरी तरह असफल नजर आ रहे हैं. प्रदेश में युवाओं के रोजगार को लेकर हकीकत ये है कि डबल इंजन की सरकार बिहार में बन जाने के बाद भी रोजगार की हालत और ज्यादा खराब (Unemployment increased in Bihar) हुई है. श्रम संसाधन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, सरकार के नेशनल करियर सर्विस पोर्टल पर अब तक 13 लाख से अधिक लोगों ने रोजगार के लिए निबंधन करवाया है.

Two lakh 67 thousand people registered for job in Bihar
Number of unemployed increased in Bihar
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Published : Feb 24, 2022, 12:48 PM IST

Updated : Feb 24, 2022, 4:51 PM IST

पटना: बिहार में विपक्ष रोजगार के मुद्दे (Employment in Bihar) पर सत्ता पक्ष को घेरने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ रहा है. कोरोना काल में रोजगार मांगने वालों की संख्या में सबसे अधिक वृद्धि (People seeking employment increased in Bihar) देखी गई है. इस बीच, श्रम संसाधन विभाग (Bihar Labor Resource Department) के पोर्टल में रोजगार मांगने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है. इस साल जनवरी तक सबसे अधिक लोगों ने रोजगार के लिए निबंधन कराया है.

यह भी पढ़ें - Bihar Budget 2022: बिहार में बेरोजगारी चरम पर, बजट से युवाओं को उम्मीदें

श्रम संसाधन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, सरकार के नेशनल करियर सर्विस पोर्टल (National Career Service Portal) पर अब तक 13 लाख से अधिक लोगों ने रोजगार के लिए निबंधन करवाया है. इनमें सबसे अधिक 2021-22 में 2,67,635 बेरोजगारों ने रोजगार की मांग की है. रोजगार मांगने वालों में बेरोजगारों के साथ ही कुछ स्व-रोजगार कर रहे लोग भी शामिल है. हालांकि राहत की बात यह है कि निबंधन करने वालों में एक भी छात्र नहीं है, जो पढ़ाई के साथ-साथ रोजगार भी मांग रहा हो. बता दें कि बेरोजगारों को रोजगार मांगने में दिक्कत नहीं हो तथा सरकार योग्यता अनुसार काम मांगने वालों को रोजगार उपलब्ध करा सके इसके लिए यह पोर्टल बनाया गया है.

आंकड़ों पर गौर करें तो 2015-16 में इस पोर्टल पर 5146 लोगों ने निबंधन कराया था जबकि 2019 -20 में 118839 लोगों ने पोर्टल पर जाकर सरकार से रोजगार की मांग की. इसके बाद 2020-21 में रोजगार मांगने वालों की संख्या में कमी आ गई और यह संख्या 78259 तक सीमित रही. इसके बाद कोरोना काल में बड़ी संख्या में बाहर से लोग लौटे और 2021-22 (जनवरी तक) में यह संख्या बढ़कर 2,67,635 (2.67 lakh people registered in 10 months in Bihar) तक जा पहुंची.

बता दें कि जॉब फेयर या नियोजन सह मार्गदर्शन मेला लगता है तो इन्हीं निबंधित लोगों को आमंत्रित किया जाता है. बिना निबंधन वालों को रोजगार मेले में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाती. साल 2015-16 से यह व्यवस्था प्रभावी है. दरअसल, पिछले विधानसभा चुनाव में राजद ने बेरोजगारी को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया था. चुनाव के बाद भी विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव बेरोजगारी को लेकर सत्ता पक्ष को घेरते रहते हैं.

यह भी पढ़ें - 'मुख्यमंत्री जी..! शराबबंदी की कई बार हो गई समीक्षा, लेकिन रोजगार के लिए कब करेंगे बैठक?'

यह भी पढ़ें - तेजस्वी की 'बेरोजगारी हटाओ यात्रा' पर कोरोना का साया, 'रैला' भी टलेगा?

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श्रम संसाधन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, सरकार के नेशनल करियर सर्विस पोर्टल (National Career Service Portal) पर अब तक 13 लाख से अधिक लोगों ने रोजगार के लिए निबंधन करवाया है. इनमें सबसे अधिक 2021-22 में 2,67,635 बेरोजगारों ने रोजगार की मांग की है. रोजगार मांगने वालों में बेरोजगारों के साथ ही कुछ स्व-रोजगार कर रहे लोग भी शामिल है. हालांकि राहत की बात यह है कि निबंधन करने वालों में एक भी छात्र नहीं है, जो पढ़ाई के साथ-साथ रोजगार भी मांग रहा हो. बता दें कि बेरोजगारों को रोजगार मांगने में दिक्कत नहीं हो तथा सरकार योग्यता अनुसार काम मांगने वालों को रोजगार उपलब्ध करा सके इसके लिए यह पोर्टल बनाया गया है.

आंकड़ों पर गौर करें तो 2015-16 में इस पोर्टल पर 5146 लोगों ने निबंधन कराया था जबकि 2019 -20 में 118839 लोगों ने पोर्टल पर जाकर सरकार से रोजगार की मांग की. इसके बाद 2020-21 में रोजगार मांगने वालों की संख्या में कमी आ गई और यह संख्या 78259 तक सीमित रही. इसके बाद कोरोना काल में बड़ी संख्या में बाहर से लोग लौटे और 2021-22 (जनवरी तक) में यह संख्या बढ़कर 2,67,635 (2.67 lakh people registered in 10 months in Bihar) तक जा पहुंची.

बता दें कि जॉब फेयर या नियोजन सह मार्गदर्शन मेला लगता है तो इन्हीं निबंधित लोगों को आमंत्रित किया जाता है. बिना निबंधन वालों को रोजगार मेले में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाती. साल 2015-16 से यह व्यवस्था प्रभावी है. दरअसल, पिछले विधानसभा चुनाव में राजद ने बेरोजगारी को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया था. चुनाव के बाद भी विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव बेरोजगारी को लेकर सत्ता पक्ष को घेरते रहते हैं.

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Last Updated : Feb 24, 2022, 4:51 PM IST
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