पटना: लगभग 41 माह बाद एक बार फिर लालू प्रसाद यादव राजनीतिक रूप से सक्रिय होने जा रहे हैं. आज अपने पार्टी के नेताओं से वर्चुअल वार्ता करेंगे. लालू प्रसाद यादव की राजनीतिक सक्रियता को देखकर महागठबंधन के नेताओं में उत्साह है. वहीं लालू प्रसाद यादव की वर्चुअल मीटिंग को लेकर बीजेपी और जदयू में बेचैनी नजर आ रही है. जदयू नेताओं ने निशाना साधते हुए कहा कि उनके वर्चुअल मीटिंग से एनडीए सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला.
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41 माह बाद होने जा रहे हैं सक्रिय
चारा घोटाला में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव को जमानत मिलते ही एक बार फिर वे करीब 41 माह बाद राजनीतिक रूप से सक्रिय होने जा रहे हैं. कोरोना संक्रमण काल के दौरान सरकार की विफलताओं को लेकर अपने पार्टी के सभी विधायक, पूर्व विधायक, विधान पार्षद, पूर्व विधान पार्षदों के साथ वर्चुअल माध्यम से वार्ता करेंगे. सरकार के कार्यों को लेकर उन नेताओं से चर्चा भी करेंगे. फिर आगे की रणनीति तय होने की उम्मीद है. लालू प्रसाद यादव की इस वर्चुअल मीटिंग को लेकर महागठबंधन के नेताओं में काफी उत्साह है.
'बिहार में कोरोना पूरी तरह से बेकाबू है. बिहार की जनता संक्रमण की इस बीमारी से त्राहिमाम कर रही है. सरकार की योजना लोगों तक पहुंच नहीं रही है. इन्हीं सब बिंदुओं को लेकर लालू प्रसाद यादव, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सहित पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और नेता गणों के साथ फीडबैक लेंगे. उसके बाद लोगों की सेवा कैसे की जाए, इस संक्रमण काल के दौरान उन तक मदद कैसे पहुंचे. इसको लेकर सभी पदाधिकारियों को वह निर्देशित करेंगे.' -मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, राजद
'संक्रमण काल के दौरान केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने लोगों को मरने के लिए ऐसे ही छोड़ दिया है. इस दौरान विपक्ष की एक अपनी भूमिका होती है. सरकार को किस तरह से घेरना है. लोगों की मदद कैसे करनी है इन सभी बिंदुओं को लेकर चर्चा करेंगे. कांग्रेस भी लगातार आम लोगों के बीच संक्रमण काल के दौरान मदद करने में लगी हुई है.' -राजेश राठौर, प्रवक्ता, कांग्रेस
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जदयू में बढ़ी बेचैनी
लालू प्रसाद यादव की बैठक को लेकर एनडीए खेमे में बेचैनी बढ़ गई है. बीजेपी सुशील मोदी समेत अन्य नेता इस मीटिंग पर आपत्ति जता चुके हैं. वहीं जदयू ने भी लालू प्रसाद यादव की मीटिंग पर सवाल खड़ा किया है.
'जमानत के लिए राजद के लोग हाय तौबा मचा रहे थे. लेकिन जैसे ही उन्हें जमानत मिली, वह राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने जा रहे हैं. लालू प्रसाद यादव अब इतिहास बन चुके हैं. अपने कर्मों की वजह से अब वे चुनाव नहीं लड़ सकते. अब उनके अंदर या बाहर आ जाने से एनडीए सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला. यह सबको पता है. लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला में सजायाफ्ता हैं. वे अभी जमानत पर बाहर आए हैं. बरी होकर बाहर नहीं आए हैं. वो जो कुछ करेंगे, वह वर्चुअल ही रहेगा, कभी रियल नहीं हो पाएगा. लालू प्रसाद यादव के कर्मों से उनके पुत्रों को सीख लेनी चाहिए कि गंदे काम के लिए गंदा ही परिणाम मिलता है.' -अभिषेक झा, प्रवक्ता, जदयू
पार्टी में आएगी नई जान
बहरहाल, जदयू-बीजेपी भले ही लालू प्रसाद यादव की मीटिंग पर निशाना साध रही हों. लेकिन पार्टी के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की राजनीतिक रूप से सक्रिय होते हुए पार्टी में एक नई जान डालने का काम करेगी. देखने वाली बात होगी कि लालू प्रसाद यादव की वर्चुअल मीटिंग के बाद महागठबंधन की क्या कुछ रणनीति बनती है.
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