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कोरोना काल में जरुरतमंदों की मदद के लिए सामने आई उद्गम विकास फाउंडेशन

राजधानी पटना में 'उद्गम विकास फाउंडेशन' (Udgam Vikas Foundation) की ओर से जरुरतमंदों को मदद पहुंचाई जा रही है. यह एक राष्ट्रव्यापी संस्था है जो कोरोना के कहर को ध्यान में रखते हुए बिहार जैसे गरीब प्रदेश को हरसंभव सहायता पहुंचाने के प्रति समर्पित है.

पटना
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Published : Jun 24, 2021, 11:11 PM IST

पटना: कोरोना वायरस (Corona Virus) के मद्देनजर हुए लॉकडाउन (Lockdown) के कारण जहां एक ओर पूरी आर्थिक व्यवस्था चरमरा गई है. वहीं, आर्थिक रूप से कमजोर लोग भूखमरी के कगार पर हैं. लगभग डेढ़ साल के इस संक्रमण काल में अधिकांश मजदूर कामगारों, ठेला चालकों, रिक्शा चालकों, फुटपाथ पर जीवन निर्वहन करने वाले लोगों के बीच दो जून की रोटी के लाले पड़ गये हैं. इस प्रतिकूल परिस्थिति में सरकार के साथ-साथ कई 'उद्गम विकास फाउंडेशन' (Udyam Vikas Foundation) निरंतर लोगों की मदद में जुटी हुई हैं.

ये भी पढ़ें- एक और स्वदेशी वैक्सीन Carbavax का चल रहा पटना AIIMS में ट्रायल, ये है इसकी खासियत

जरूरतमंदों की सेवा
कोई संस्था मास्क, सैनिटाइजर बांट रहा है तो कोई जरूरतमंद लोगों को राशन और स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवा रहा है. ऐसी ही एक समाजसेवी संस्था है 'उद्गम विकास फाउंडेशन' (Udyam Vikas Foundation) जो लगातार जरुरतमंदों को मदद पहुंचा रही है. यह एक राष्ट्रव्यापी संस्था है जो कोरोना के कहर को ध्यान में रखते हुए बिहार जैसे गरीब प्रदेश को हरसंभव सहायता पहुंचाने के प्रति समर्पित एवं संकल्पित है.

राहत सामग्री वितरण सह जागरूकता कार्यक्रम
कोरोना काल में उद्गम विकास फाउंडेशन द्वारा पूरे बिहार में निरंतर राहत सामग्री वितरण सह जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में फाउंडेशन के संस्थापक सदस्यों द्वारा बक्सर जिले के ब्रह्मपुर प्रखंड के एकरासी पंचायत के शुक्लपुरा ग्राम में 100 लोगों के बीच 15 दिनों का राशन, आवश्यक खाद्य सामग्रियां और कोरोना किट (मास्क, सेनेटाइजर, इन्हेलर) वितरित की गई. कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर जारी गाइडलाइन से संबंधित पैम्फलेट भी ग्रामवासियों के बीच बांटा गया ताकि अधिक से अधिक लोग जागरूक हो सके. उद्गम विकास फाउंडेशन द्वारा अब तक मोकामा, बड़हिया, लखीसराय, नालंदा, भोजपुर, वैशाली सहित बिहार के अन्य कई हिस्सों में राहत सामग्री वितरण सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा चुका है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

संस्था के हैं 9 संस्थापक सदस्य
कोविड-19 से उपजे विकट हालात को ध्यान में रखते हुए राहत सामग्री वितरण सह जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ केन्द्रीय विद्यालय कंकड़बाग के प्राचार्य के द्वारा स्कूल के कामगारों, ठेला, रिक्शा चालकों और फुटपाथ पर जीवन बसर करनेवाले लोगों के बीच सामग्रियों का वितरण कर कराया गया था. केन्द्रीय विद्यालय कंकड़बाग पटना के पूर्ववर्ती छात्रों और उनके परिजनों द्वारा समाजसेवी संस्था की स्थापना की गयी है. इसका मुख्यालय दिल्ली में है और इसका कार्यक्षेत्र सम्पूर्ण भारत है. इस संस्था के 9 संस्थापक सदस्य बिहार से हैं जो दिल्ली, मुंबई, दुर्गापुर, पटना, बैंगलोर और अमेठी में उच्च पदों पर सेवारत हैं.

ये भी पढ़ें- कोरोना काल में प्रोजेक्ट फ्लैशलाइट 21 के तहत पहुंचाई जा रही जरुरतमंदों को मदद

सजग और सतर्क रहने की आवश्यकता
उद्गम विकास फाउंडेशन की संस्थापक सदस्य पूनम त्रिपाठी ने कहा कि हमारी पूरी कोशिश है कि इस कार्यक्रम के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक मदद पहुंचाई जा सके. राहत सामग्री वितरण के साथ साथ जागरूकता कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि काफी जद्दोजहद के बाद फिलहाल हालात थोड़े बेहतर हैं, लेकिन ये भूलना मुश्किल है कि पिछले डेढ़ वर्ष में किस तरह की भयावह तस्वीरें हमें देखने को मिली है. सड़कों पर और घरों में ऑक्सीजन की कमी से लोग बदहवास थे. अस्पतालों में आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की कमी से तड़पकर लोगों की मौत हो रही थी. कई परिवार आर्थिक तौर पर बर्बाद हो गए और कैसे उन्हें अपनों के शवों को अंतिम संस्कार के लिए कंधों पर ले जाना पड़ा. तीसरी लहर आने की बात कही जा रही इसलिए हमें सजग और सतर्क रहने की आवश्यकता है.

पटना: कोरोना वायरस (Corona Virus) के मद्देनजर हुए लॉकडाउन (Lockdown) के कारण जहां एक ओर पूरी आर्थिक व्यवस्था चरमरा गई है. वहीं, आर्थिक रूप से कमजोर लोग भूखमरी के कगार पर हैं. लगभग डेढ़ साल के इस संक्रमण काल में अधिकांश मजदूर कामगारों, ठेला चालकों, रिक्शा चालकों, फुटपाथ पर जीवन निर्वहन करने वाले लोगों के बीच दो जून की रोटी के लाले पड़ गये हैं. इस प्रतिकूल परिस्थिति में सरकार के साथ-साथ कई 'उद्गम विकास फाउंडेशन' (Udyam Vikas Foundation) निरंतर लोगों की मदद में जुटी हुई हैं.

ये भी पढ़ें- एक और स्वदेशी वैक्सीन Carbavax का चल रहा पटना AIIMS में ट्रायल, ये है इसकी खासियत

जरूरतमंदों की सेवा
कोई संस्था मास्क, सैनिटाइजर बांट रहा है तो कोई जरूरतमंद लोगों को राशन और स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवा रहा है. ऐसी ही एक समाजसेवी संस्था है 'उद्गम विकास फाउंडेशन' (Udyam Vikas Foundation) जो लगातार जरुरतमंदों को मदद पहुंचा रही है. यह एक राष्ट्रव्यापी संस्था है जो कोरोना के कहर को ध्यान में रखते हुए बिहार जैसे गरीब प्रदेश को हरसंभव सहायता पहुंचाने के प्रति समर्पित एवं संकल्पित है.

राहत सामग्री वितरण सह जागरूकता कार्यक्रम
कोरोना काल में उद्गम विकास फाउंडेशन द्वारा पूरे बिहार में निरंतर राहत सामग्री वितरण सह जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में फाउंडेशन के संस्थापक सदस्यों द्वारा बक्सर जिले के ब्रह्मपुर प्रखंड के एकरासी पंचायत के शुक्लपुरा ग्राम में 100 लोगों के बीच 15 दिनों का राशन, आवश्यक खाद्य सामग्रियां और कोरोना किट (मास्क, सेनेटाइजर, इन्हेलर) वितरित की गई. कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर जारी गाइडलाइन से संबंधित पैम्फलेट भी ग्रामवासियों के बीच बांटा गया ताकि अधिक से अधिक लोग जागरूक हो सके. उद्गम विकास फाउंडेशन द्वारा अब तक मोकामा, बड़हिया, लखीसराय, नालंदा, भोजपुर, वैशाली सहित बिहार के अन्य कई हिस्सों में राहत सामग्री वितरण सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा चुका है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

संस्था के हैं 9 संस्थापक सदस्य
कोविड-19 से उपजे विकट हालात को ध्यान में रखते हुए राहत सामग्री वितरण सह जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ केन्द्रीय विद्यालय कंकड़बाग के प्राचार्य के द्वारा स्कूल के कामगारों, ठेला, रिक्शा चालकों और फुटपाथ पर जीवन बसर करनेवाले लोगों के बीच सामग्रियों का वितरण कर कराया गया था. केन्द्रीय विद्यालय कंकड़बाग पटना के पूर्ववर्ती छात्रों और उनके परिजनों द्वारा समाजसेवी संस्था की स्थापना की गयी है. इसका मुख्यालय दिल्ली में है और इसका कार्यक्षेत्र सम्पूर्ण भारत है. इस संस्था के 9 संस्थापक सदस्य बिहार से हैं जो दिल्ली, मुंबई, दुर्गापुर, पटना, बैंगलोर और अमेठी में उच्च पदों पर सेवारत हैं.

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सजग और सतर्क रहने की आवश्यकता
उद्गम विकास फाउंडेशन की संस्थापक सदस्य पूनम त्रिपाठी ने कहा कि हमारी पूरी कोशिश है कि इस कार्यक्रम के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक मदद पहुंचाई जा सके. राहत सामग्री वितरण के साथ साथ जागरूकता कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि काफी जद्दोजहद के बाद फिलहाल हालात थोड़े बेहतर हैं, लेकिन ये भूलना मुश्किल है कि पिछले डेढ़ वर्ष में किस तरह की भयावह तस्वीरें हमें देखने को मिली है. सड़कों पर और घरों में ऑक्सीजन की कमी से लोग बदहवास थे. अस्पतालों में आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की कमी से तड़पकर लोगों की मौत हो रही थी. कई परिवार आर्थिक तौर पर बर्बाद हो गए और कैसे उन्हें अपनों के शवों को अंतिम संस्कार के लिए कंधों पर ले जाना पड़ा. तीसरी लहर आने की बात कही जा रही इसलिए हमें सजग और सतर्क रहने की आवश्यकता है.

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