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Bihar News: बच्चों का टीकाकरण के लिए अब कार्ड लेकर घूमने की जरूरत नहीं, देश में कहीं भी लगवा सकते हैं टीका

बिहार में बच्चों को टीका लगाने को लेकर बदलाव किया गया है. पहले बच्चों का टीकाकरण कराने के लिए कार्ड लेकर घूमना पड़ता था लेकिन अब इसमें बदलाव किया जा रहा है. इसके लिए विभाग ने पोर्टल जारी किया है, जिसमें एक बार रजिस्ट्रेशन होने के बाद देश के किसी भी कोने में टीका लगवा सकते हैं. कार्ड खो जाने पर भी कोई समस्या नहीं होगी. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Feb 26, 2023, 9:05 PM IST

बच्चों को टीका लगाने को लेकर U-WIN पोर्टल जारी

पटनाः अब बच्चों को टीका लगवाने के लिए फाइल लेकर भटकना नहीं पड़ेगा. कार्ड गुम भी हो जाएगा तो आधार कार्ड के माध्यम से बच्चों को टीका लगाया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविन पोर्टल के तर्ज पर U-WIN पोर्टल तैयार किया है, जिसके तहत अब बच्चों के नियमित टीकाकरण के लिए कार्ड लेकर नहीं घूमना पड़ेगा. पोलियो, हेपेटाइटिस, खसरा, इंसेफेलाइटिस जैसे अन्य बीमारियों से बचाव को लेकर नियमित समय अंतराल पर दिए जाने वाले टीकाकरण के लिए अभिभावकों का आधार कार्ड और उनका रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर ही काफी होगा.

यह भी पढ़ेंः Lumpy Skin Disease: गया में 8000 गायों में लंपी वायरस की आशंका, साढ़े 7 लाख को दिया जाएगा टीका

U-WIN पोर्टल किया गया शुरूः U-WIN पोर्टल के माध्यम से बच्चों के टीकाकरण के लिए अभिभावक नजदीकी टीकाकरण केंद्र, टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन और स्लॉट बुकिंग भी करा सकते हैं. बिहार में पटना और सुपौल जिले में U-WIN पोर्टल का ट्राई चल रहा है. इसके लिए संबंधित एएनएम और अधिकारियों की ट्रेनिंग भी हो गई है. पटना में जितने भी स्वास्थ्य केंद्र हैं, जहां पर कोल्ड चेन अवेलेबल है, जहां प्रतिदिन बच्चों का वैक्सीनेशन होता है, वहां एएनएम लोगों को U-WIN पोर्टल के बारे में जागरूक कर रही है. बता रही है कि एक बार इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन हो जाए तो दोबारा वैक्सीनेशन के लिए कार्ड लेकर घूमने की आवश्यकता नहीं है.


टीके का सर्टिफिकेट भी मिलेगाः पटना के रुकनपुरा स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत आने वाले ऊभरपुरा आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों के लिए टीकाकरण कार्य किया गया. 10 माह के बच्चे सूर्यांश का नौवें महीने का वैक्सीनेशन कराने के बाद बच्चे की मां पूजा कुमारी ने बताया कि उनके बच्चे को आंगनबाड़ी केंद्र पर कुल 4 टीके दिए गए. खसरा, विटामिन ए इत्यादि का टीका दिया गया. उन्हें U-WIN पोर्टल के बारे में भी बताया गया और पोर्टल पर बच्चे के टीकाकरण का रजिस्ट्रेशन भी किया गया. वैक्सीनेशन के बाद उन्हें डिजिटल सर्टिफिकेट भी मोबाइल पर दिया गया है.

"अब आगे से बच्चे की वैक्सीनेशन के लिए टीकाकरण कार्ड लेकर घूमने की आवश्यकता नहीं है. टीकाकरण कार्ड यदि नहीं है तब भी बच्चे का वैक्सीनेशन अब हो जाएगा. U-WIN पोर्टल के बारे में बताया गया है, जिसपर रजिस्ट्रेशन भी किया गया है. इससे काफी सुविधा होगी." -पूजा कुमारी, अभिभावक


कार्ड गुम होने का नो झंझटः एएनएम गुंजन कुमारी ने बताया कि जो भी लोग आ रहे हैं, उन्हें वह U-WIN पोर्टल के बारे में जागरूक कर रही हैं. बता रही है कि अब टीकाकरण कार्ड का झंझट समाप्त हो जाएगा. एक बार पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन हो गया तो कार्ड गुम होने के बाद भी आसानी से टीकाकरण हो जाएगा. टीकाकरण करने वाले स्टाफ को पता रहेगा कि इससे पूर्व में कौन कौन सा टीका लग चुका है. पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के बाद बच्चों का वैक्सीनेशन कर रही है. डिजिटल सर्टिफिकेट जनरेट हो रहा है वह पेरेंट्स को दिखा रही हैं.

"पेरेंट्स के पास यदि एंड्राइड फोन है तो उन्हें डिजिटल सर्टिफिकेट फॉरवर्ड कर दिया जा रहा है. जिसके पास नहीं है उन्हें बता रही है कि रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से कहीं से भी कभी भी टीकाकरण हिस्ट्री और टीकाकरण सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं. इससे काफी आसानी होगी. अगर कार्ड खो भी गया तो कोई परेशानी नहीं होगी. इसके लिए जागरूक किया जा रहा है." -गुंजन कुमारी, एएनएम


रजिस्ट्रेशन होने के बाद कहीं भी लगवा सकते हैं टीकाः पटना जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एसपी विनायक ने जानकारी दी है कि U-WIN पोर्टल का प्रदेश में पटना और सुपौल जिले में ट्रायल चल रहा है. ट्रायल के दौरान पोर्टल में जो कुछ भी तकनीकी दिक्कत आ रही है, उसमें सुधार हो रहा है. इस पोर्टल को लेकर सभी स्वास्थ्य कर्मियों और संबंधित मेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है. नियमित टीकाकरण के लिए कार्ड लेकर घूमने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. 16 वर्ष तक के बच्चों का उनके पेरेंट्स के आधार कार्ड और मोबाइल नंबर पर एक बार यदि रजिस्ट्रेशन हो गया तो देश में कहीं भी किसी टीकाकरण सेंटर पर जाकर टीका लगवा सकते हैं.

बच्चों को टीका लगाने को लेकर U-WIN पोर्टल जारी

पटनाः अब बच्चों को टीका लगवाने के लिए फाइल लेकर भटकना नहीं पड़ेगा. कार्ड गुम भी हो जाएगा तो आधार कार्ड के माध्यम से बच्चों को टीका लगाया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविन पोर्टल के तर्ज पर U-WIN पोर्टल तैयार किया है, जिसके तहत अब बच्चों के नियमित टीकाकरण के लिए कार्ड लेकर नहीं घूमना पड़ेगा. पोलियो, हेपेटाइटिस, खसरा, इंसेफेलाइटिस जैसे अन्य बीमारियों से बचाव को लेकर नियमित समय अंतराल पर दिए जाने वाले टीकाकरण के लिए अभिभावकों का आधार कार्ड और उनका रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर ही काफी होगा.

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U-WIN पोर्टल किया गया शुरूः U-WIN पोर्टल के माध्यम से बच्चों के टीकाकरण के लिए अभिभावक नजदीकी टीकाकरण केंद्र, टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन और स्लॉट बुकिंग भी करा सकते हैं. बिहार में पटना और सुपौल जिले में U-WIN पोर्टल का ट्राई चल रहा है. इसके लिए संबंधित एएनएम और अधिकारियों की ट्रेनिंग भी हो गई है. पटना में जितने भी स्वास्थ्य केंद्र हैं, जहां पर कोल्ड चेन अवेलेबल है, जहां प्रतिदिन बच्चों का वैक्सीनेशन होता है, वहां एएनएम लोगों को U-WIN पोर्टल के बारे में जागरूक कर रही है. बता रही है कि एक बार इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन हो जाए तो दोबारा वैक्सीनेशन के लिए कार्ड लेकर घूमने की आवश्यकता नहीं है.


टीके का सर्टिफिकेट भी मिलेगाः पटना के रुकनपुरा स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत आने वाले ऊभरपुरा आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों के लिए टीकाकरण कार्य किया गया. 10 माह के बच्चे सूर्यांश का नौवें महीने का वैक्सीनेशन कराने के बाद बच्चे की मां पूजा कुमारी ने बताया कि उनके बच्चे को आंगनबाड़ी केंद्र पर कुल 4 टीके दिए गए. खसरा, विटामिन ए इत्यादि का टीका दिया गया. उन्हें U-WIN पोर्टल के बारे में भी बताया गया और पोर्टल पर बच्चे के टीकाकरण का रजिस्ट्रेशन भी किया गया. वैक्सीनेशन के बाद उन्हें डिजिटल सर्टिफिकेट भी मोबाइल पर दिया गया है.

"अब आगे से बच्चे की वैक्सीनेशन के लिए टीकाकरण कार्ड लेकर घूमने की आवश्यकता नहीं है. टीकाकरण कार्ड यदि नहीं है तब भी बच्चे का वैक्सीनेशन अब हो जाएगा. U-WIN पोर्टल के बारे में बताया गया है, जिसपर रजिस्ट्रेशन भी किया गया है. इससे काफी सुविधा होगी." -पूजा कुमारी, अभिभावक


कार्ड गुम होने का नो झंझटः एएनएम गुंजन कुमारी ने बताया कि जो भी लोग आ रहे हैं, उन्हें वह U-WIN पोर्टल के बारे में जागरूक कर रही हैं. बता रही है कि अब टीकाकरण कार्ड का झंझट समाप्त हो जाएगा. एक बार पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन हो गया तो कार्ड गुम होने के बाद भी आसानी से टीकाकरण हो जाएगा. टीकाकरण करने वाले स्टाफ को पता रहेगा कि इससे पूर्व में कौन कौन सा टीका लग चुका है. पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के बाद बच्चों का वैक्सीनेशन कर रही है. डिजिटल सर्टिफिकेट जनरेट हो रहा है वह पेरेंट्स को दिखा रही हैं.

"पेरेंट्स के पास यदि एंड्राइड फोन है तो उन्हें डिजिटल सर्टिफिकेट फॉरवर्ड कर दिया जा रहा है. जिसके पास नहीं है उन्हें बता रही है कि रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से कहीं से भी कभी भी टीकाकरण हिस्ट्री और टीकाकरण सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं. इससे काफी आसानी होगी. अगर कार्ड खो भी गया तो कोई परेशानी नहीं होगी. इसके लिए जागरूक किया जा रहा है." -गुंजन कुमारी, एएनएम


रजिस्ट्रेशन होने के बाद कहीं भी लगवा सकते हैं टीकाः पटना जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एसपी विनायक ने जानकारी दी है कि U-WIN पोर्टल का प्रदेश में पटना और सुपौल जिले में ट्रायल चल रहा है. ट्रायल के दौरान पोर्टल में जो कुछ भी तकनीकी दिक्कत आ रही है, उसमें सुधार हो रहा है. इस पोर्टल को लेकर सभी स्वास्थ्य कर्मियों और संबंधित मेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है. नियमित टीकाकरण के लिए कार्ड लेकर घूमने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. 16 वर्ष तक के बच्चों का उनके पेरेंट्स के आधार कार्ड और मोबाइल नंबर पर एक बार यदि रजिस्ट्रेशन हो गया तो देश में कहीं भी किसी टीकाकरण सेंटर पर जाकर टीका लगवा सकते हैं.

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