पटनाः राजधानी पटना समेत बिहार में इन दिनों साइबर फ्रॉड नए-नए तरीके को ईजाद कर आम इंसान की गाढ़ी कमाई को लूट रहे हैं. इन दिनों राजधानी पटना समेत बिहार में चेक क्लोन कर पैसे गबन करने वाले गिरोह काफी सक्रिय हो गए हैं. 3 जनवरी को राजधानी पटना के गांधी मैदान थाना अंतर्गत एक घटना घटी थी. वहीं आज मंगलवार को कोतवाली थाना क्षेत्र के एक बैंक में फर्जी चेक लेकर पहुंचा एक युवक गिरफ्तार हुआ.
बैंक की सक्रियता से जालसाजी रुकी
3 जनवरी को गांधी मैदान थाना के एक बैंक से जिला भूअर्जन पदाधिकारी पंकज पटेल के आधार कार्ड और एनएचएआई के लेटर के जरिए आरटीजीएस कर 11,70,00000 रुपए उड़ाने की कोशिश की गई. जालसाज शुभम गुप्ता को गिरफ्तार किया गया है. बैंक की सक्रियता के कारण जालसाजी रोकी गई. वहीं आज मंगलवार को राजधानी पटना के कोतवाली थाना अंतर्गत फर्जी चेक से रकम निकालने के प्रयास का मामला सामने आया. जिसमें एक युवक फर्जी चेक के माध्यम से निजी कंपनी का 4,50,00000 रुपए का जाली चेक लेकर फ्रेजर रोड डिस्ट्रिक्ट बैंक ऑफ इंडिया पहुंचा. बैंककर्मी ने पुलिस को फोन कर इसकी सूचना दी, जिससे वह पकड़ा गया.
मुंबई की एक निजी कंपनी का था जाली चेक
मंगलवार को जालसाज मुंबई की निजी कंपनी का जाली चेक लेकर पहुंचा था. बैंक ऑफ इंडिया हेड ऑफिस से चेक के बारे में छानबीन करने पर बैंक अफसर को शक हुआ. उन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए स्थानीय थाने को सूचित किया. तब जालसाज को पकड़ने में कामयाबी पाई गई. दरअसल बैंक में आने वाली बड़ी राशि के चेकों को भरे जाने से पहले जांच करने का प्रावधान है. कई मामलों में भी बैंक द्वारा लापरवाही होती है. इन दोनों मामलों में पुलिस और आर्थिक अपराध इकाई द्वारा छानबीन की जा रही है.
सरगना का लगातार आ रहा था फोन कॉल
पुलिस और बैंक के कर्मियों की मानें तो जब जालसाज पैसे की निकासी करने बैंक पहुंचा था. उस वक्त सरगना का फोन कॉल बार-बार उसके मोबाइल पर आ रहा था. पुलिस सभी पहलुओं पर जांच में जुटी है. दोनों गिरफ्तार युवकों से पूछताछ जारी है. पुलिस दोनों मामले को भी जोड़ कर देख रही है. वहीं इस बात की भी छानबीन हो रही है कि कहीं पटना में जाली चेक की छपाई तो नहीं हो रही है.
जाली चेक से एक लाख रुपए का गबन
जाली चेक के माध्यम से एक व्यवसाई के खाते से 100000 रुपए का गबन किया गया है. व्यवसाई को इसके बारे में तब पता चला जब उन्होंने अकाउंट बैलेंस चेक किया. सोमवार को इसकी शिकायत लेकर जगदेव पथ के रहने वाले पवन कुमार गांधी मैदान थाने पहुंचे. उनकी डाक बंगला चौराहे पर कंप्यूटर की दुकान है. उन्होंने इसकी शिकायत गांधी मैदान थाने में की है. जब उन्हें यह जानकारी प्राप्त हुई कि एक दिसंबर को उनके खाते से जाली चेक के माध्यम से 100000 रुपए की निकासी हुई है. तब उन्होंने मामला दर्ज करवाया है.
चेक क्लोन करने वाले हो गए हैं सक्रिय
पुलिस द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार चेक क्लोन करने वाले पटना सहित बिहार में कई गिरोह इन दिनों सक्रिय हैं. इनके द्वारा हाल के दिनों में पटना सहित पूरे बिहार में 6 क्लोन कर खाते से रुपए निकाला गया है. इन मामलों में पुलिस के साथ-साथ आर्थिक अपराध इकाई द्वारा भी बारीकी से पड़ताल की जा रही है. हालांकि इन मामलों में अभी पुलिस और आर्थिक अपराध इकाई कुछ भी कहने से बचती दिख रही है. हालांकि बैंक और आर्थिक अपराध इकाई की तरफ से लगातार आम लोगों को विभिन्न माध्यमों से सतर्क किया जा रहा है. इसके बावजूद भी ऐसे मामलों में कमी नहीं हो रही है.
बैंक कभी नहीं मांगती अकाउंट से जुड़ी जानकारी
साइबर एक्सपर्ट रंजन सिंह की मानें तो बिहार समेत पूरे देश में इन दिनों साइबर अपराधी नए-नए तरीकों को इजाद कर आम इंसान की गाढ़ी कमाई को लूट रहे हैं. कभी भी बैंक के द्वारा फोन करके आपसे निजी जानकारी मोबाइल या अकाउंट से जुड़े जानकारी नहीं मांगते हैं. क्योंकि उनके पास पहले से ही अकाउंट होल्डर की जानकारी रहती है. लगातार इन दिनों चेक क्लोनिंग, एटीएम क्लोनिंग, बैंक के मैनेजर बनकर लोगों को झांसे दिए जा रहे हैं. लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है.
ऐसे होता है चेक क्लोन
चेक क्लोन करनेवाले जालसाज आपके चेक को हासिल करने की फिराक में रहते हैं. वे डाकिए या बैंक के किसी अधिकारी से मिलकर चेकबुक हासिल करते हैं. चेक पर ही खाताधारक की जानकारी लिखी होती है. किस खाते में ज्यादा रकम है, यह जानकारी बैंक के कर्मियों से मिलकर जुटा लेते हैं. कई बार बैंक से खाताधारक का मोबाइल नंबर भी बैंक से हटवा दी जाती है. उसके बाद लैपटॉप में स्कैन करने के बाद नए नंबर को डालकर चेक पर खाता नंबर, नाम और चेक नंबर प्रिंट किया जाता है. उसके बाद बैंकों में भुगतान के लिए जाया जाता है. जिन खातों में मोबाइल नंबर दर्ज होता था, उनके चेक 50 हजार से नीचे के होते थे. ताकि असली खातेदार के मोबाइल पर वेरिफिकेशन मैसेज ना जाए.
इन तरीकों से भी होती है धोखाधड़ी
नौकरी के नाम पर फ्रॉड भी काफी हो रहे हैं. जॉब अप्लाय करने के लिए हमेशा भरोसेमंद साइट्स की जांच कर लें. जॉब अलर्ट और नौकरी देनेके नाम पर रुपए की ठगी होती है. फोन पर क्यूआर कोड से भी धोखाधड़ी हो रही है. फ्रॉड करनेवाले आपके मोबाइल पर क्यूआर यानी क्विक रिस्पांस कोड या उसका लिंक भेजते हैं. आप उस पर रिस्पांस लेते हैं, तो आपके खाते से रुपए का गबन हो जाता है.
यूपीआई से ठगी
यूपीआई को भी फ्रॉड ने नहीं छोड़ा है. फ्रॉड किसी भी खाताधारक के मोबाइल पर डेबिट लिंक भेज देता है. जिस पर यह लिखा हो सकता है कि क्लिक करने के बाद आपको कोई स्कीम मिलेगा या अन्य. इसपर क्लिक करने के बाद आप जैसे ही पिन डालते हैं, आपसे ठगी हो जाती है.
व्हाट्सएप कॉल से भी फर्जीवाड़ा
व्हाट्सएप पर किसी अंजान काकॉल आता है तो आप सावधान रहें. क्योंकि फोन करनेवाला ठग भी हो सकता है. बात होते ही आपका नंबर ब्लॉक भी हो सकता है. वहीं वह उस नंबर को रीइश्यू कराकर भी ठगी कर सकता है. या आपको कॉल के माध्यम से ही अपनी ट्रिक में फंसाकर पैसे हड़प सकता है.
साइबर क्राइम से बचने के लिए अहम जानकारी
बिहार में लॉकडाउन के बाद से लगातार साइबर क्राइम के मामले सामने आ रहे हैं. साइबर क्राइम को लेकर हम लगातार लोगों को जागरूक कर रहे हैं. इस बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए आर्थिक अपराध इकाई के एसपी प्राणतोष दास ने अहम जानकारी देते हुए बताया था कि सोशल मीडिया या साइट्स पर हुए साइबर क्राइम के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी किया है.
- साइबर क्राइम हेल्प लाइन नंबर- 155260
- बच्चों के साथ हुए साइबर क्राइम हेल्प लाइन नंबर-1098
- @cyberdost ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर आप अपनी कंप्लेन दर्ज करा सकते हैं.