पटना: नीतीश सरकार ने पिछली कैबिनेट मीटिंग में माता-पिता की देखभाल नहीं करने वाले बच्चों को जेल भेजने का फैसला लिया था, लेकिन इस फैसले पर कांग्रेस में मतभेद है. जहां प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने नीतीश सरकार पर पुराने फैसले को ही नए रूप में लाकर वाहवाही लेने का आरोप लगाया है. तो वहीं कांग्रेस प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्रा ने तारीफ करते हुई कहा कि यह पूरे देश में सभी राज्यों में लागू होना चाहिए. वहीं, जदयू ने इस फैसले के विरोध करने वाले नेताओं पर निशाना साधा है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने साधा निशाना
नीतीश कुमार की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई कैबिनेट की बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया. जिसमें माता-पिता की देखभाल नहीं करने वाले बच्चों को जेल भेजने का प्रावधान है. इस पूरे मामले की डीएम सुनवाई करेंगे. जहां सत्ताधारी दल बीजेपी और जदयू के नेता इसे समाज सुधार को लेकर एक बड़ा कदम बता रहे हैं. तो वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार जिस प्रकार से पुरानी योजनाओं का नाम बदलकर अपने नाम से करवा रही है. उसी तरह नीतीश कुमार भी पुरानी योजनाओं को नए ढंग से प्रस्तुत कर वाहवाही लूटना चाहते हैं, यह प्रावधान पहले से है. पहले एसडीओ मामले की सुनवाई करते थे अब नीतीश कुमार ने डीएम के हवाले कर दिया है.
कांग्रेस प्रवक्ता ने फैसले को बताया अच्छा
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने नीतीश सरकार की तारीफ की और यह भी कहा कि ये सभी राज्यों में लागू होना चाहिए. क्योंकि आजकल बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल नहीं की जा रही है. यही नहीं उनकी संपत्ति को भी हड़पने की कोशिश की जाती है तो यह एक अच्छा फैसला है. वहीं, बीजेपी और जदयू नेताओं ने नीतीश सरकार के इस फैसले को समाज सुधार की दिशा में एक अहम फैसला बताया है. साथ ही विरोध करने वाले नेताओं के आइसोलेट होने की बात भी कही है.
कांग्रेस में नहीं बन पा रही है एक राय
कांग्रेस बड़ी पार्टी है लेकिन नीतीश सरकार के फैसले पर पार्टी में एक राय नहीं दिख रही है. जहां एक तरफ प्रवक्ता नीतीश कुमार की तारीफ कर रहे हैं, तो वहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आलोचना करते दिख रहे हैं. लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी पराजय का भी असर है कि पार्टी में किसी मुद्दे पर एक राय नहीं बन पा रही है.