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एक तरफ क्रिसमस की धूम तो वैशाली में तुलसी की पूजा, महिलाओं ने अमर सुहाग की कामना की

क्रिसमस के मौके पर बिहार में वैशाली जिले में महिलायें पूरी आस्था से तुलसी की पूजा कर अमर सुहाग की कामना कर रही हैं. वहीं, इस बारे में आचार्य कमलकांत पांडे का मानना है कि, तुलसी पूजन से सारे पाप खत्म हो जाते हैं. पढ़ें पूरी खबर...

क्रिसमस पर वैशाली में तुलसी की पूजा
क्रिसमस पर वैशाली में तुलसी की पूजा
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Published : Dec 25, 2021, 6:01 PM IST

वैशाली: पूरी दुनिया समेत भारत में ईसाई समुदाय आज धूमधाम से क्रिसमस त्योहार मना रहा है. वहीं, दूसरी ओर आज के दिन भारत के कई राज्यों में तुलसी पूजन दिवस (Tulsi Pujan Day Celebrated In Vaishali ) के रूप में लोग मना रहे हैं. दरअसल, हिंदू धर्म में तुलसी की पूजा होती है और बहुत से लोग इसे अपने घर में भी लगाते हैं. हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले कई लोग हर दिन भी तुलसी के पौधे की पूजा करते हैं.

ये भी पढ़ें : राजधानी पटना में धूमधाम से मनाया गया प्रभु यीशु का जन्मोत्सव

इसी कड़ी में जहां एक ओर क्रिसमस की धूम है. वहीं, इस मौके पर बिहार के वैशाली जिले में महिलाएं तुलसी की पूजा कर अमर सुहाग की कामना कर रही हैं. इस दौरान तुलसी पौधे की भी पूरी आस्था से पूजा की जा रही है. मान्यता है कि बताया गया कि पौष माह के षष्ठी तिथि को हर वर्ष तुलसी जयंती मनाई जाती है. जिसमें ज्यादातर महिलाएं तुलसी पौधे की पूजा अर्चना करती हैं. इस दौरान तुलसी पौधे के हर पत्ते का स्नान कराया जाता है. साथ ही प्रत्येक पत्ते पर चंदन का लेप लगाने की भी परंपरा है. इसके बाद महिलाएं धूप दीप दिखाकर मंगल गीत गाती हैं. महिलाओं का मानना है कि इस दिन पूजा करने से अमर सुहाग की प्राप्ति होती है.

देखें वीडियो

इस संबंध में आचार्य कमलाकांत पांडे ने बताया कि हिंदू धर्म में तुलसी जयंती पर पूजा करने की विशेष परंपरा है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी तुलसी का पौधा बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. तुलसी जयंती पर तुलसी पूजन से धार्मिक लाभ के साथ-साथ औषधीय लाभ भी प्राप्त होता है. तुलसी जयंती के उपलक्ष में लोग तुलसी के पौधे को अपने घर के आस-पास भी अच्छे से सींचते हैं.

'तुलसी की पूजा से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों फायदा घर वालों को मिलता है. समस्त पापों को हरने वाली तुलसी जो वृंदा के नाम से प्रचलित थी. जिसे सबसे ज्यादा ऑक्सीजन मिलता है. इसलिए हिंदू धर्म में तुलसी पूजा का खास महत्व है. आधुनिक बीमारियों में भी तुलसी की जरूरत है. वेदों के अनुसार इसके रसायन से सारी बीमारियां नष्ट हो जाती हैं.' :- कमलाकांत पांडे, आचार्य

ऐसे हुई तुलसी पूजन की शुरुआत : दरअसल, आसाराम बापू ने वर्ष 2014 से तुलसी पूजन दिवस की शुरुआत की थी. उन्होंने अपने अनुयायियों से कहा था,'आप प्रत्येक 25 दिसंबर को तुलसी की पूजा करें. तुलसी केवल एक पौधा ही नहीं है बल्कि धरा के लिए वरदान है. इसी वजह से हिंदू धर्म में इसे पूजनीय माना गया है. तुलसी पूजन दिवस मनाने से न केवल लोगों को इस चमत्कारिक पौधे का लाभ मिलेगा बल्कि देश में भारतीय संस्कृति का प्रसार भी होगा.

ये भी पढ़ें : वैशाली SP के रीडर अनिल प्रसाद के घर निगरानी की RAID, पटना और नालंदा के ठिकानों पर भी छापेमारी

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वैशाली: पूरी दुनिया समेत भारत में ईसाई समुदाय आज धूमधाम से क्रिसमस त्योहार मना रहा है. वहीं, दूसरी ओर आज के दिन भारत के कई राज्यों में तुलसी पूजन दिवस (Tulsi Pujan Day Celebrated In Vaishali ) के रूप में लोग मना रहे हैं. दरअसल, हिंदू धर्म में तुलसी की पूजा होती है और बहुत से लोग इसे अपने घर में भी लगाते हैं. हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले कई लोग हर दिन भी तुलसी के पौधे की पूजा करते हैं.

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इसी कड़ी में जहां एक ओर क्रिसमस की धूम है. वहीं, इस मौके पर बिहार के वैशाली जिले में महिलाएं तुलसी की पूजा कर अमर सुहाग की कामना कर रही हैं. इस दौरान तुलसी पौधे की भी पूरी आस्था से पूजा की जा रही है. मान्यता है कि बताया गया कि पौष माह के षष्ठी तिथि को हर वर्ष तुलसी जयंती मनाई जाती है. जिसमें ज्यादातर महिलाएं तुलसी पौधे की पूजा अर्चना करती हैं. इस दौरान तुलसी पौधे के हर पत्ते का स्नान कराया जाता है. साथ ही प्रत्येक पत्ते पर चंदन का लेप लगाने की भी परंपरा है. इसके बाद महिलाएं धूप दीप दिखाकर मंगल गीत गाती हैं. महिलाओं का मानना है कि इस दिन पूजा करने से अमर सुहाग की प्राप्ति होती है.

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इस संबंध में आचार्य कमलाकांत पांडे ने बताया कि हिंदू धर्म में तुलसी जयंती पर पूजा करने की विशेष परंपरा है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी तुलसी का पौधा बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. तुलसी जयंती पर तुलसी पूजन से धार्मिक लाभ के साथ-साथ औषधीय लाभ भी प्राप्त होता है. तुलसी जयंती के उपलक्ष में लोग तुलसी के पौधे को अपने घर के आस-पास भी अच्छे से सींचते हैं.

'तुलसी की पूजा से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों फायदा घर वालों को मिलता है. समस्त पापों को हरने वाली तुलसी जो वृंदा के नाम से प्रचलित थी. जिसे सबसे ज्यादा ऑक्सीजन मिलता है. इसलिए हिंदू धर्म में तुलसी पूजा का खास महत्व है. आधुनिक बीमारियों में भी तुलसी की जरूरत है. वेदों के अनुसार इसके रसायन से सारी बीमारियां नष्ट हो जाती हैं.' :- कमलाकांत पांडे, आचार्य

ऐसे हुई तुलसी पूजन की शुरुआत : दरअसल, आसाराम बापू ने वर्ष 2014 से तुलसी पूजन दिवस की शुरुआत की थी. उन्होंने अपने अनुयायियों से कहा था,'आप प्रत्येक 25 दिसंबर को तुलसी की पूजा करें. तुलसी केवल एक पौधा ही नहीं है बल्कि धरा के लिए वरदान है. इसी वजह से हिंदू धर्म में इसे पूजनीय माना गया है. तुलसी पूजन दिवस मनाने से न केवल लोगों को इस चमत्कारिक पौधे का लाभ मिलेगा बल्कि देश में भारतीय संस्कृति का प्रसार भी होगा.

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