पटनाः बिहार में अभी धार्मिक ग्रंथ रामचरितमानस को लेकर राजनीतिक पार्टियों में घमासान मचा है. हर ओर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के विवादित बयान का विरोध हो रहा है. चाहे वो विपक्ष नेता हो या आम लोग. सभी लोग इसकी भर्त्सना कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर बिहार के सीएम नीतीश कुमार के साथ-साथ जदयू के कई मंत्रियों को इसके बारे में पता ही नहीं है. शिक्षा मंत्री के बयान से अनजान नेताओं की लिस्ट में एक और नाम जुड़ गया है. बिहार के परिवहन मंत्री शीला मंडल (Transport Minister Sheela Mandal) को भी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. हलांकि वे कुछ बोलना चाहती थीं लेकिन उन्होंने बात को तुरंत पलट दिया. साफ मना कर दिया कि हमें इसके बारे में नहीं पता. हमने कोई बयान नहीं सुना.
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देखिए कोई चीज पे जब कमेंट की बात है तो कुछ तो उसमें...अभी हम इसको सुने ही नहीं है. हमें इसके बारे में कोई पता नहीं है. ऐसी बात है तो विपक्ष के लोग भी कई तरह के बातें करते हैं. इसपर कोई कमेंट नहीं देंगे. क्योंकि हमने सुना ही नहीं. - शीला मंडल, परिवहन मंत्री
बात को घुमाती दिखी मंत्रीः परिवहन मंत्री शीला मंडल ने कहा कि हम बयान नहीं सुने हैं. यदि बोले भी हैं तो विपक्ष के लोग भी कई तरह के बयान देते हैं. शीला मंडल ने कहा कि क्या बोले हैं? जानकारी ले लेते हैं. अभी हम सुने ही नहीं है बयान तो इस पर क्या कमेंट करें. फिर जदयू मंत्री शिक्षा मंत्री का बचाव करते हुए कहती हैं कि जहां तक धर्म की बात है आप लोग हमसे सवाल कर रहे हैं. बहुत सारे लोग बहुत तरह की बातें करते हैं. महिलाओं को लेकर भी बात करते हैं. अब लोग जय श्री राम कहते हैं जबकि उनको कहना चाहिए सीताराम.
मंत्री को बर्खास्त करने की मांगः बता दें कि मंत्री चंद्रशेखर ने नालंदा खुला विश्वविद्यालय (Nalanda Open University) के दीक्षांत समारोह में विवादित बयान दिए हैं. उन्होंने रामचरित्रमानस को लेकर टिप्पनी की. जदयू नेताओं को समझ नहीं आ रहा है कि क्या कुछ बोले. इसलिए पार्टी नेतृत्व के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं. क्योंकि पूरे मामले पर बीजेपी हमलावर है. मुख्यमंत्री से शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं. वहीं संत समाज भी माफी मांगने की मांग की है. एक तरह से यह मामला लगातार तुल पकड़ रहा है. लेकिन दूसरी तरफ से शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर अभी भी अपने बयान पर कायम हैं.